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सरायेवो घेराबन्दी के 30 वर्ष बाद भी, न्याय और मुआवज़ा अहम

बोसनिया हरज़ेगोविना के सरायेवो शहर के एक स्ट्रीट बाज़ार का नज़ारा.
UNDP/Mackenzie Knowles-Coursin
बोसनिया हरज़ेगोविना के सरायेवो शहर के एक स्ट्रीट बाज़ार का नज़ारा.

सरायेवो घेराबन्दी के 30 वर्ष बाद भी, न्याय और मुआवज़ा अहम

मानवाधिकार

बोसनिया हरज़ेगोविना की राजधानी सरायेवो की घेराबन्दी के 30 वर्ष बाद, देश में यूएन टीम ने पीड़ितों, जीवित बचे लोगों और उनके परिवारों के लिये न्याय और मुआवज़ा सुनिश्चित करने की महत्ता को दोहराया है.

सरायेवो की घेराबन्दी उस समय शुरू हुई थी जब बोसनिया हर्ज़ेगोविना ने पूर्व यूगोस्लाविया के विघटन बाद के माहौल में, स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी.

बोसनिया में रहने वाले सर्बों ने मुख्यतः इस स्वतंत्रता का विरोध किया था जबकि दो अन्य बड़े नस्लीय गुटों – बोसनियाई मुसलमानों और क्रोएशियाई लोगों ने यूगोस्लाविया से अलग होने का समर्थन किया था.

बोसनिया के सर्ब सैनिकों ने अप्रैल 1992 में राजधानी सरायेवो पर बमबारी शुरू कर दी थी और उसके बाद शुरू हुए लगातार हमले चार वर्षों तक जारी रहे थे.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद, ये किसी स्थान की सबसे लम्बे समय तक चली घेराबन्दी थी, जिसमें 12 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे, और बोसनियाई युद्ध में ये एक अति महत्वपूर्ण दौर था.

अत्याचारों के खण्डन का मुक़ाबला

बोसनिया हरज़ेगोविना के लिये संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडैण्ट कोऑर्डिनेटर इनग्रिड मकडॉनल्ड ने देश भर में पीड़ितों से मुलाक़ात की है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बुधवार को अपनी दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि इनग्रिड मकडॉनल्ड ने ‘अत्याचारों के खण्डन व युद्धापराधों को महिमामण्डित करने’ के चलन का मुक़ाबला करने की महत्ता को रेखांकित किया है.

प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया, “इस तरह के भड़काऊ कृत्यों से भुक्तभोगियों और पीड़ितों के परिवारों की तकलीफ़ें पुनर्जीवित होती हैं और एक लोकतांत्रिक समाज में इनके लिये कोई स्थान नहीं है.”

नफ़रत और भेदभाव बन्द हो

बोसनिया हरज़ेगोविना के एक क़स्बे में कुछ महिलाएँ (1995).
© UNICEF/LeMoyne
बोसनिया हरज़ेगोविना के एक क़स्बे में कुछ महिलाएँ (1995).

इनग्रिड मकडॉनल्ड ने राजनैतिक नेताओं से नफ़रत और भेदभाव के तमाम रूपों को रोकने के लिये उपाय करने की अपील भी की है.

राजनैतिक नेताओं से ये सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है कि तमाम लोग आपसी समझदारी, सम्मान और गरिमा के माहौल में रह सकें.

संयुक्त राष्ट्र ने बोसनिया हरज़ेगोविना व पड़ोसी देश सर्बिया में, बोसनियाई युद्ध के दशकों बाद भी बढ़ती हेट स्पीच के ख़िलाफ़ बार-बार आवाज़ उठाई है. 

वो युद्ध दिसम्बर 1995 में समाप्त हुआ था और गत शताब्दी में योरोप में हुई सबसे ज़्यादा रक्तरंजित लड़ाइयों में से एक था.

उस दौरान भयावह अपराधों को अंजाम दिया गया था जिनमें नस्लीय सफ़ाए का अभियान भी शामिल था. 

मसलन, जुलाई 1995 में सेरेब्रेनीत्सा में हज़ारों मुस्लिम पुरुषों और लड़कों का जनसंहार कर दिया गया था.

उन हत्याओं के लिये ज़िम्मेदार ठहराए गए बोसनियाई सर्ब सैन्य कमाण्डर प्रमुख रातको म्लादिच को 2017 में सुनाए गए आजीवन कारावास की सज़ा को, जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र न्यायालय ने भी बरक़रार रखा था.