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यमन: 1.7 करोड़ लोगों की मदद के लिये, 4.27 अरब डॉलर की अपील

यमन के मारिब शहर के पास विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में कुछ बच्चियाँ.
© WFP/Annabel Symington
यमन के मारिब शहर के पास विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में कुछ बच्चियाँ.

यमन: 1.7 करोड़ लोगों की मदद के लिये, 4.27 अरब डॉलर की अपील

मानवीय सहायता

युद्ध के दंश से पीड़ित यमन में मानवीय राहत प्रयासों को मज़बूती प्रदान करने के इरादे से आयोजित एक उच्चस्तरीय संकल्प सम्मेलन में चार अरब 27 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि की पुकार लगाई गई है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि वित्तीय संसाधनों का अभाव, लाखों यमनी नागरिकों को बर्बादी की ओर धकेल रहा है.   

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने स्वीडन और स्विट्ज़रलैण्ड की सह-मेज़बानी में बुधवार को वर्चुअल रूप से आयोजित इस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि यमन भले ही सुर्ख़ियों से दूर हो गया है, मगर वहाँ मानवीय पीड़ा में कोई कमी नहीं आई है.

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“पिछले सात वर्षों से लगातार, यमनी लोग व्यापक पैमाने पर मौत, तबाही, विस्थापन, भुखमरी, आतंक, विभाजन और निराश्रयता का सामना कर रहे हैं.”

“हज़ारों आमजन की मौत हुई है, जिनमें कम से कम दस हज़ार बच्चे हैं.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि लाखों घरेलू विस्थापितों के लिये, जीवन एक दैनिक संघर्ष है जबकि अर्थव्यवस्था निराशा की नई गहराइयों को छू रही है.

यूक्रेन में जारी युद्ध ने हालात को जटिल बना दिया है और भोजन, ईंधन व अन्य अति-आवश्यक सामग्री की क़ीमतों में भारी उछाल आया है.

लाखों की संख्या में लोग चरम स्तर पर भूख की मार झेल रहे हैं, और विश्व खाद्य कार्यक्रम को सहायता धनराशि के अभाव में अपने राशन में पचास फ़ीसदी की कटौती करनी पड़ी है.

महासचिव ने क्षोभ व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में और भी कटौती की जा सकती हैं, जोकि त्रासदीपूर्ण है.  

हर तीन में से दो यमनी नागरिक – दो करोड़ पुरुष, महिलाएँ और बच्चे – अत्यधिक निर्धनता में रहने के लिये मजबूर हैं.

“इन भयावह तथ्यों व आँकड़ों से इतर, देश बर्बादी में खड़ा है, सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न है और भविष्य के लिये उम्मीदें चकनाचूर हो गई हैं.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने आगाह किया कि टकराव बढ़ने से मानवीय ज़रूरतें बढ़ने और शान्ति प्रयासों को झटका लगने का जोखिम है.

सहायता की दरकार

यमन में मौजूदा हालात के मद्देनज़र अन्तरराष्ट्रीय दानदाताओं द्वारा लिये गए सहायता संकल्पों को बेहद अहम माना गया है. 

“पिछले वर्ष, आपने यमन के मानवीय राहत कार्रवाई के लिये दो अरब 30 करोड़ डॉलर से अधिक का योगदान दिया था.”

इस रक़म से, वर्ष 2021 के हर महीने में क़रीब एक करोड़ 20 लाख लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाना सम्भव हुआ और यमन को रसातल में धँसने से बचाया जा सका.

मगर, वित्तीय संसाधनों को अभाव, यमन को फिर से विनाश की ओर धकेल सकता है.

हाल के महीनों में दो-तिहाई कार्यक्रमों का स्तर कम करने के लिये मजबूर होना पड़ा है और 80 लाख लोगों के राशन में कटौती की गई है.

अगले कुछ हफ़्तों में, 40 लाख लोगों के लिये सुरक्षित पेयजल की सुलभता और 10 लाख महिलाओं व लड़कियों के लिये प्रजनन स्वास्थ्य व लिंग आधारित हिंसा से निपटने पर केंद्रित सेवाएँ ख़त्म हो सकती हैं.

यमन के सना में एक अस्पताल में कुपोषण के लिये एक शिशु का इलाज किया जा रहा है.
© UNICEF/Moohialdin Fuad
यमन के सना में एक अस्पताल में कुपोषण के लिये एक शिशु का इलाज किया जा रहा है.

मानवीय राहत संकल्प

बताया गया है कि मानवीय सहायता योजना के अन्तर्गत संचालित अनेक कार्यक्रमों के लिये चार अरब 27 करोड़ डॉलर की आवश्यकता होगी, जिसके ज़रिये एक करोड़ 73 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई जाएगी. 

सहायता धनराशि से 70 लाख लोगों के लिये पोषण; एक करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों के लिये जल, साफ़-सफ़ाई, स्वच्छता व संरक्षण सेवाएँ; एक करोड़ 30 लाख लोगों के लिये स्वास्थ्य देखभाल और 50 लाख बच्चों के लिये शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. 

महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि सहायता का आकार भी भी चुनौती जितना विशाल होना चाहिये.

“हमें मानवीय आवश्यकताओं के अन्तर्निहित कारकों से निपटना होगा, हिंसा के चक्र को तोड़ना होगा और यमन जिसे रास्ते पर है, उसे बदलना होगा.” 

इसके लिये अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने, बुनियादी सेवाओं को बहाल करने, हिंसक टकराव पर तत्काल विराम लगाने और संकट का एक शान्तिपूर्ण समाधान ढूँढने की ज़रूरत है.

यूएन प्रमुख ने दोहराया है कि यमन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है और सभी पक्षों को शान्ति का मार्ग चुनने का अधिकार है.

साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तय दायित्वों को पूरा किया जाना होगा.

यमन के साआदा में, एक ध्वस्त वाहन के पास खड़े दो लड़के.
© WFP/Jonathan Dumont
यमन के साआदा में, एक ध्वस्त वाहन के पास खड़े दो लड़के.