यमन: 80 लाख लोगों के लिये खाद्य सहायता में कटौती की आशंका

संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बुधवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यमन में एक करोड़ 30 लाख लोगों के लिये खाद्य सहायता जारी रखने के लिये वित्तीय संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं. इन हालात में जनवरी 2022 से, 80 लाख लोगों को कम मात्रा में राशन ही वितरित किया जा सकेगा.
पूर्ण राशन उन्हीं 50 लाख लोगों को मुहैया कराया जाएगा, जिनके तत्काल अकाल के गर्त में धँसने की आशंका है.
यूएन एजेंसी में मध्य पूर्व व उत्तर अफ़्रीका के लिये क्षेत्रीय निदेशक कॉरिन फ़्लाइशर ने बताया कि जब भी राशन में कटौती की जाती है, तो उन्हें पता है कि पहले से ही खाद्य असुरक्षा से पीड़ित अतिरिक्त लोग, भुखमरी से पीड़ितों की क़तार में खड़े हो जाएंगे.
“मगर, बेहद विकट समय में सख़्त उपायों की ज़रूरत होती है, और हमें अपने सीमित संसाधनों में खींचतान और प्राथमिकताएं तय करनी पड़ रही है, उन लोगों पर ध्यान देने के लिये जोकि सर्वाधिक गम्भीर हालात में हैं.“
यमन में ज़रूरतमन्द परिवारों के लिये राशन में कटौती किये जाने की आशंका एक बेहद कठिन समय में प्रबल हो रही है.
देश में बड़ी संख्या में परिवार, अपने गुज़ारे के लिये यूएन एजेंसी की खाद्य सहायता पर निर्भर हैं.
पिछले तीन महीनों में, देश में लगभग 50 फ़ीसदी परिवारों को, पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल पा रहा है.
मुद्रा की क़ीमतों में गिरावट दर्ज की गई है और मुद्रास्फ़ीति के कारण अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच गई है.
इस वर्ष, यमन के अधिकाँश इलाक़ों में खाद्य क़ीमतों में दोगुने से ज़्यादा की वृद्धि हुई है.
वहीं, कईं मोर्चों पर लड़ाई जारी है, जिसकी वजह से अनेक परिवार जबरन अपना घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर हुए हैं.
अगले वर्ष, जनवरी महीने से खाद्य सहायता में कटौती होने के बाद से, परिवारों को यूएन एजेंसी की ओर से निर्धारित न्यूनतम दैनिक राशन का लगभग आधा ही प्राप्त हो पाएगा.
नए सिरे से सहायता धनराशि के अभाव में, और कटौतियाँ भी होने की आशंका जताई गई है.
यदि ऐसा हुआ तो बहुत से लोग, खाद्य सहायता कार्यक्रमों के दायरे से पूरी तरह बाहर रह सकते हैं.
कुपोषण की समस्या का उपचार और स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले भोजन पर भी असर पड़ सकता है.
यमन में एक करोड़ 62 लाख लोग, यानि देश में आधी से अधिक आबादी, भरपेट भोजन ना मिल पाने से गम्भीर रूप से पीड़ित हैं.
पाँच वर्ष से कम उम्र के क़रीब 23 लाख बच्चों पर कुपोषण का जोखिम मंडरा रहा है.
यूएन एजेंसी की वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यमन की जनता पहले से कहीं अधिक सम्वेदनशील परिस्थितियों का सामना कर रही है.
वे अनवरत हिंसक संघर्ष, टकराव और गहराते आर्थिक संकट से गुज़र रहे हैं और लाखों लोग बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं.
“यमन में WFP के खाद्य भण्डार, ख़तरनाक ढँग से कम स्तर पर पहुँच गये हैं, एक ऐसे समय में, जब मानवीय संकटों के लिये दुनिया भर में बजट में बेहद सीमित हो रहा है.”
“हमें किसी भी तरह जल्दी से, हमारे साथ काम करने वाले और अतीत में उदार रहने वाले दानदाताओं की आवश्यकता है, ताकि भुखमरी की मंडराती आपदा से बचा जा सके.”
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, यमन में अगले वर्ष मई तक, सर्वाधिक निर्बलों तक सहायता पहुँचाना जारी रखने के लिये 81 करोड़ डॉलर से अधिक रक़म की आवश्यकता होगी.
वर्ष 2022 में, विश्व खाद्य कार्यक्रम को अकाल के कगार पर पहुँच चुके परिवारों तक मदद सुनिश्चित करने के लिये, एक अरब 97 करोड़ डॉलर की ज़रूरत होगी.