टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में, तेज़ क़दम बढ़ाने की पुकार

धनापुर गाँव में ख़रीद के आँकड़ों का मिलान करते किसान उत्पादक समूह के सदस्य.
UNDP India
धनापुर गाँव में ख़रीद के आँकड़ों का मिलान करते किसान उत्पादक समूह के सदस्य.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में, तेज़ क़दम बढ़ाने की पुकार

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि आमजन का कल्याण, पृथ्वी की सेहत, और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा, मुश्किलों का समाधान निकालने के हमारे एकजुट संकल्प पर निर्भर करती है. उन्होंने ‘हमारा साझा एजेण्डा’ नामक रिपोर्ट लागू किये जाने के विषय पर, गुरूवार को यूएन महासभा में आयोजित एक चर्चा को सम्बोधित करते हुए, आम सहमति के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने का आहवान किया.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सितम्बर 2021 में 'वैश्विक सहयोग के भविष्य और समावेशी, आपस में गुंथे हुए, और कारगर बहुपक्षवाद' पर अपनी दूरदृष्टि, 'हमारा साझा एजेण्डा' (Our Common Agenda) रिपोर्ट पेश की थी. 

इस एजेण्डा के तहत अहम मुद्दों पर पाँच चर्चाएँ आयोजित की जानी हैं, जिनमें से पहली बैठक, गुरूवार को यूएन मुख्यालय में हुई. 

इसका विषय, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की रफ़्तार तेज़ करना और उनका दायरा व स्तर बढ़ाने पर केन्द्रित था. 

वर्ष 2030 में केवल आठ वर्ष शेष हैं, और कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया एसडीजी प्राप्ति के रास्ते से दूर हुई है, मगर एजेण्डा की रिपोर्ट की अनुशंसाओं का लक्ष्य, दुनिया को टिकाऊ विकास मार्ग पर वापिस लाना है.

रिपोर्ट में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से सत्ता, सम्पदा व अवसरों को साझा करने के लिये, एक नई वैश्विक सहमति का आहवान किया गया है.

साथ ही, विकासशील देशों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल टिकाऊ व समावेशी विकास के लिये करने में मदद की जाएगी, और देशों की परिस्थितियों व ज़रूरतों के अनुरूप क़दम उठाए जाने होंगे.

इस एजेण्डा के तहत वर्ष 2025 में एक अन्तरसरकारी विश्व सामाजिक शिखर बैठक का प्रस्ताव पेश किया गया है, ताकि वैश्विक स्तर पर कार्रवाई में समन्वय व संवेग सुनिश्चित किया जा सके.

“हर एक स्थान पर, निर्धनता का हर रूप में अन्त करना, ना सिर्फ़ केवल लक्ष्य संख्या - 1 का उद्देश्य है, बल्कि 2030 एजेण्डा का प्राथमिक उद्देश्य भी है.”

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक बाज़ार में महिलाएँ मास्क पहन कर ऐहतियात बरतते हुए.
©UNDP/Fahad Kaizer
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक बाज़ार में महिलाएँ मास्क पहन कर ऐहतियात बरतते हुए.

महाचसिव ने एक ऐसी वैश्विक अर्थव्यवस्था की पैरवी की है, जो सर्वजन के लिये काम करे, और जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा हो, वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार लाया जाएगा, और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा.

यूएन प्रमुख ने किसी को पीछे ना छूटने देने के लिये तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्रवाई किये जाने का आहवान किया है.

पढ़ाई लिखाई पर संकट

उन्होंने पढ़ाई-लिखाई में आए व्यवधान को युवजन के लिये एक ऐसी बड़ी त्रासदी बताया, जिसके गम्भीर नतीजे, भविष्य में समाजों में दिखाई देंगे.

उन्होंने सचेत किया कि कारगर शिक्षा प्रणालियों के अभाव में, दुनिया श्रम बाज़ारों की आवश्यकताओं को पूरा करने, लैंगिक समानता व मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने, और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मज़बूती देने में विफल रहेगी.

इस सिलसिले में सितम्बर 2022 में, 'Transforming Education Summit’ आयोजित किये जाने की योजना है ताकि शिक्षा व जीवन-पर्यन्त सबक़ सीखने के सामूहिक संकल्प में नए सिरे से ऊर्जा फूँकी जा सके.

लैंगिक समानता

महासचिव ने कहा कि किसी भी सामाजिक अनुबन्ध में महिलाओं व लड़कियों की बुनियादी भूमिका है, मगर उनकी ज़रूरतों व आकांक्षाओं को अक्सर नज़रअन्दाज़ किया जाता है.

एंतोनियो गुटेरेश के मुताबिक़, महामारी ने अवैतनिक देखभाल कार्य की अहमियत को रेखांकित किया है, जोकि अक्सर महिलाओं को करना पड़ता है.

इस पृष्ठभूमि में, उन्होंने उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद से लैंगिक मुद्दों पर यूएन की क्षमता की समीक्षा का आग्रह किया है, ताकि कामकाज की बुनियाद में लैंगिक समानता सुनिश्चित की जा सके.

कज़ाख़स्तान के किज़ल्योर्दा में बेचैनी व तनाव का सामना कर रही एक 14 वर्षीय लड़की, खिड़की से बाहर झाँकते हुए.
© UNICEF/Anush Babajanyan/VII Photo
कज़ाख़स्तान के किज़ल्योर्दा में बेचैनी व तनाव का सामना कर रही एक 14 वर्षीय लड़की, खिड़की से बाहर झाँकते हुए.

युवजन की सामर्थ्य

यूएन प्रमुख ने यूएन प्रणाली और उससे इतर, युवजन के साथ बातचीत व सम्पर्क की शक्ति पर ध्यान आकृष्ट करते हुए, युवजन कार्यालय की स्थापना का अपना प्रस्ताव दोहराया.

उन्होंने बताया कि इस समर्पित कार्यालय के ज़रिये, युवजन पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, और इसके मायने, संगठन से भी परे जाते हैं.  

महासचिव के अनुसार, यह ना केवल एक सांस्कृतिक रूपान्तरकारी बदलाव का संकेत होगा, बल्कि एक मज़बूत सन्देश देगा कि संगठन के भीतर, युवजन की अग्रणी भूमिका है. 

समाधान पर ध्यान

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने ‘साझा एजेण्डा’ पर आरम्भिक चर्चा को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि उम्मीद भरी उनकी अध्यक्षता, समाधानों व ठोस कार्रवाई पर केन्द्रित है.  

महासभा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकताओं में वैश्विक महामारी से टिकाऊ पुनर्बहाली, सर्वजन के अधिकारों का सम्मान, पृथ्वी की रक्षा और यूएन में नई ऊर्जा का संचार हैं.

उन्होंने कहा कि दुनिया को इस समय आशा की आवश्यकता है, और इसे एकता, एकजुटता व सामूहिक कार्रवाई के ज़रिये ही साकार किया जा सकता है.