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'भविष्य की शिखर बैठक': बहुपक्षीय संस्थाओं में नई ऊर्जा भरने का अनूठा अवसर

भविष्य के सम्मेलन पर, मंत्रिस्तरीय बैठक (सितम्बर 2023).
UN Photo/Laura Jarriel
भविष्य के सम्मेलन पर, मंत्रिस्तरीय बैठक (सितम्बर 2023).

'भविष्य की शिखर बैठक': बहुपक्षीय संस्थाओं में नई ऊर्जा भरने का अनूठा अवसर

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सितम्बर 2024 में प्रस्तावित ‘भविष्य की शिखर बैठक’ की तैयारियों पर केन्द्रित एक मंत्रिस्तरीय बैठक को भरोसा फिर से बहाल करने और पुराने हो चुकी बहुपक्षीय संस्थाओं व फ़्रेमवर्क को मौजूदा विश्व के अनुरूप बनाने का एक अनूठा अवसर बताया है. 

गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में अगले वर्ष आयोजित होने वाली इस शिखर बैठक की तैयारी के लिए चर्चा की शुरुआत हुई, जिसमें देशों के प्रतिनिधियों ने अपनी दूरदृष्टि व प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया है. 

‘भविष्य की शिखर बैठक’ (Summit of the Future) की नींव, यूएन महासचिव की 2021 में जारी रिपोर्ट, हमारा साझा एजेंडा में रखी गई थी, जिसमें अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के भविष्य के लिए ख़ाका प्रस्तुत किया गया है.

इसके लिए, समावेशी, नैटवर्क-युक्त, और कारगर बहुपक्षवाद को अहम माना गया है. 

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महासचिव गुटेरेश ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह बैठक समता व एकजुटता के साथ आगे बढ़ने, जोखिमों में कमी लाने और एक अधिक सुरक्षित व शान्तिपूर्ण जगत को आकार देने का ज़रिया है. 

‘हमारा साझा एजेंडा’ नामक रिपोर्ट का उद्देश्य टिकाऊ विकास पर केन्द्रित 17 लक्ष्यों की ओर प्रगति में नए प्राण फूँकना है. 

ये टिकाऊ विकास लक्ष्य, वर्ष 2030 तक सर्वजन और पृथ्वी के लिए एक अधिक न्यायसंगत, समतापूर्ण व हरित भविष्य सुनिश्चित करने का ब्लू प्रिन्ट है. 

वैश्विक महामारी, हिंसक टकरावों और अन्य चुनौतियों के कारण, 2030 एजेंडा पर प्रगति की रफ़्तार धीमी हुई है, मगर इस सप्ताह एक बचाव योजना पर सहमति बनी है, जिससे प्रगति मार्ग पर वापसी की आशा बंधी है.

भविष्य के लिए सहमति

इस शिखर बैठक में, देशों द्वारा भविष्य के लिए एक समझौते को पारित किए जाने की अपेक्षा है, जिसमें पाँच महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा:

- टिकाऊ विकास व सम्बन्धित वित्त पोषण

- अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा

- विज्ञान, टैक्नॉलॉजी, नवाचार एवं डिजिटल सहयोग

- युवजन व भावी पीढ़ी

- वैश्विक शासन व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन

यूएन प्रमुख ने मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने, महिलाओं व लड़कियों के सशक्तिकरण, और टिकाऊ विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए संकल्प लेने पर नेताओं की सराहना की.

इन मुद्दों पर बातचीत को समर्थन प्रदान करने के लिए, यूएन प्रमुख ने 11 नीतिपत्र प्रकाशित किए हैं, जोकि हमारा साझा एजेंडा के प्रस्तावों को आगे बढ़ाते हैं.  महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि ‘भविष्य के लिए समझौता’ एक दूसरे के साथ, और आपके लोगों के साथ एक अनुबन्ध है. 

"यह आपके प्रण को दर्शाता है कि समस्याओं के समाधानों के लिए वैश्विक स्तर पर आप हर उपलब्ध औज़ार का इस्तेमाल करेंगे."

लुप्त नहीं हुई कारगर कूटनीति

यूएन महासभा के 78वें सत्र के लिए अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने बैठक के दौरान विदेश मंत्रियों को बताया कि प्रभावशील कूटनीति का अन्त होने की भविष्यवाणी, अपरिपक्व है.

उनके अनुसार, भविष्य की शिखर बैठक में देशों के प्रतिनिधियों की मज़बूत भागीदारी दर्शाती है कि बहुपक्षवाद ना तो मृतप्राय है और ना ही लुप्त हुआ है.  

पिछले कुछ वर्षों में, कोविड-19 महामारी, यूक्रेन युद्ध, जलवायु आपात स्थिति, बढ़ती निर्धनता व भूख ने अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं की क्षमता की परीक्षा ली है. 

इस पृष्ठभूमि में, सितम्बर 2024 में बुलाई गई इस शिखर बैठक को, एक पीढ़ी में एक बार आने वाले अवसर बताया गया है, जिससे बहुपक्षवाद में नई स्फूर्ति भरी जा सकती है, वैश्विक शासन व्यवस्था की कमियों से निपटा जा सकता है, मौजूदा प्रतिबद्धताओं को और पुष्ट बनाया जा सकता है.