टोंगा ज्वालामुखी विस्फोट: अभी नुक़सान आकलन सम्भव नहीं

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने सोमवार को कहा है कि प्रशान्त द्वीपों में सप्ताहान्त के दौरान समुद्र के भीतर फटे ज्वालामुखी के बाद, टोंगा की राजधानी नुकुआलोफ़ा राख और धूल से ढक गई है, मगर वहाँ स्थिति शान्त है और सफ़ाई के आरम्भिक प्रयास शुरू कर दिये गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों की एजेंसी – OCHA ने ताज़ा जानकारी देते हुए बताया है कि प्रशान्त द्वीप समूह में ज़्यादा दूर देखने पर मालूम होता है कि टोंगाटापू मुख्य द्वीप के इर्द-गिर्द बुनियादी ढाँचे को, काफ़ी बड़ा नुक़सान पहुँचा है.
🛰️📷Before and after of #Hungatonga First preliminary damage assessment for the volcanic eruption and induced tsunami for #HungaTongaHungaHaapai available➡️https://t.co/GXTJhcifNp#TongaVolcano #tongatsunami @OCHA @UNOCHA_Pacific @UN_Pasifika @TongaMissionUN @disastercharter pic.twitter.com/K37etvDRkV
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वहाँ पश्चिमी तटीय इलाक़ों में, विभिन्न पर्यटन स्थल क्षतिग्रस्त हुए हैं या बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
अभी किसी के हताहत होने की ख़बरें नहीं हैं, मगर दो लोगों के लापता होने की ख़बरें हैं, और स्थिति का आकलन अभी किया जाना बाक़ी है.
ख़बरों के अनुसार, शनिवार को पानी के भीतर ज्वालामुखी फटने का शोर अलास्का तक भी सुना गया, जबकि उस विस्फोट से उफने समुद्री तूफ़ान – सूनामी ने जापान और अमेरिकी तटीय क्षेत्रों में भी बाढ़ उत्पन्न कर दी, इन स्थितियों के कारण पेरू में दो लोगों की मौत हुई है.
टोंगा में, दो लघु द्वीपीय इलाक़ों – मैंगो और फोनोई में अभी तक कोई आधिकारिक सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाया है, अलबत्ता न्यूज़ीलैण्ड और ऑस्ट्रेलिया द्वारा की गई हवाई निगरानी में, पश्चिमी तटीय इलाक़ों में बड़ा नुक़सान होने के दृश्य सामने आए हैं.
यूएन मानवीय सहायता एजेंसी – OCHA ने कहा है कि स्थानीय टैलीफ़ोन लाइनों की मरम्मत कर दी गई है मगर अन्तरराष्ट्रीय फ़ोन सम्पर्क और इण्टरनैट सेवाओं को बहाल करना अभी जटिल बना हुआ है क्योंकि समुद्री सतह पर बिछाई गई बहुत सी महत्वपूर्ण संचार तारें, ज्लावामुखी विस्फोट से, गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं.
टोंगा सरकार ने पड़ोसी देशों – न्यूज़ीलैण्ड और ऑस्ट्रेलिया से मदद लेने के अतिरिक्त, रविवार को हाआपाई द्वीप समूह में, राष्ट्रीय समुद्री बल तैनात किया है.
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में, संयुक्त राष्ट्र और प्रशान्त में उसकी साझीदार एजेंसियाँ, अगले क़दम की तैयारी करने में जुटी हुई है.
इनमें टोंगा में पहले से ही मौजूद एजेंसियाँ भी शामिल हैं, मसलन यूएन जनसंख्या कोष UNFPA, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF, खाद्य और कृषि संगठन – FAO, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन – IOM, और विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO.
संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम – WFP, टोंगा सरकार की मदद करने के लिये, यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि राहत सामग्री की आपूर्ति और ज़्यादा कर्मचारी, किस तरह से देश के भीतर पहुँचाए जाएँ.
साथ ही, इस एजेंसी को, टोंगा की तरफ़ से, आपदा दूरसंचार क्लस्टर (Emergency Telecommunications Cluster - ETC) के ज़रिये, दूरसंचार लाइनों को बहाल करने का अनुरोध भी प्राप्त हुआ है.
ईटीसी कार्यक्रम में, मानवीय सहायता, निजी और सरकारी सैक्टरों के 29 संगठन शामिल हैं जो आपदा स्थितियों में, साझा दूरसंचार सेवाएँ मुहैया कराने के लिये काम करते हैं.
त्वरित कार्रवाई यूनिट की टीमों को, किसी आपात स्थिति में, स्थानीय साझीदारों के साथ काम करने और समुदायों के बीच फिर से संचार स्थापित करने के लिये, 48 घण्टों के भीतर सक्रिय किया जा सकता है.
ये टीमें एक साल में लगभग 10 आपात स्थितियों में मदद मुहैया कराती हैं.