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सेण्ट विन्सेण्ट में, ज्वालामुखी विस्फोट से भारी तबाही, मानवीय राहत के लिये अपील

ला सूफ़्रियेर’ ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद बुरी तरह प्रभावित रेड ज़ोन का हवाई आकलन.
UN Barbados OECS/ Bajanpro
ला सूफ़्रियेर’ ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद बुरी तरह प्रभावित रेड ज़ोन का हवाई आकलन.

सेण्ट विन्सेण्ट में, ज्वालामुखी विस्फोट से भारी तबाही, मानवीय राहत के लिये अपील

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र ने सेण्ट विन्सेण्ट नामक कैरीबियाई द्वीप पर ‘ला सूफ़्रियेर’ ज्वालामुखी में सिलसिलेवार शक्तिशाली विस्फोट होने के बाद उपजे गम्भीर हालात के मद्देनज़र दो करोड़ 92 लाख डॉलर की सहायता धनराशि की अपील जारी की है. संयुक्त राष्ट्र ने संकट की इस घड़ी में भरोसा दिलाया है कि यूएन प्रणाली, देश की जनता व सरकार के साथ एकजुट है.

इस सहायता धनराशि के ज़रिये प्रभावित इलाक़े में, साफ़ जल की उपलब्धता सहित जीवनरक्षक मानवीय राहत कार्य सुनिश्चित किये जा सकेंगे और प्रभावितों की पुनर्बहाली में मदद दी जा सकेगी.

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने इस विपदा की चपेट में आए सभी देशों में, राख हटाने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में बेहतरी लाने के प्रावधानों के साथ-साथ, आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरणीय असर की समीक्षा करने की बात कही है.

इसके अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी के फैलाव की रोकथाम भी प्राथमिकता बनी हुई है.

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बारबेडॉस और पूर्वी कैरीबियाई क्षेत्र के लिये यूएन के रैजीडेण्ट कोऑर्डिनेटर डिडियेर ट्रेबक ने कहा, "इस घटना के बाद इस ख़ूबसूरत देश में हुई तबाही का स्तर और व्यापक व्यवधान मेरे मनोपटल पर हमेशा अंकित रहेगा. इस घटना का हज़ारों लोगों पर हुए विनाशकारी असर को नकारा नहीं जा सकता."

सेण्ट विन्सेण्ट एण्ड द ग्रेनेडीन्स, दक्षिणी कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित है और 30 से ज़्यादा द्वीपों और प्रवाल द्वीप (मूंगा चट्टानों की सतह पर रेतीले द्वीप) से बना है. इनमें से नौ द्वीपों पर आबादी बसती है.

इनमें सेण्ट विन्सेण्ट सबसे बड़ा द्वीप है, जहाँ चार हज़ार फ़ीट (1,220 मीटर) ऊँचा, ‘ला सूफ़्रियेर’ ज्वालामुखी स्थित है.

यह ज्वालामुखी 1979 से शान्त रहा है, मगर 9 अप्रैल को पूरी तरह फटने से पहले, दिसम्बर 2020 से ही उसमें से गड़गड़ाहट के साथ धुँआ निकलना शुरू हो गया था.

गाँव के गाँव राख के ढेर में दब गए हैं, इमारतों को क्षति पहुँची हैं, स्कूल व व्यवसाय बन्द हैं, फ़सलों व मवेशी तबाह हो गये हैं, और स्थानीय लोगों के पास पीने के साफ़ जल की सीमित सुलभता है.

आने वाले हफ़्तों में, ज्वालामुखी में और भी विस्फोट होने की आशंका जताई गई है.

इस बीच, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने 10 लाख डॉलर की सहायता राशि जारी करने की घोषणा की है.

यह राशि केन्द्रीय आपात कार्रवाई कोष’ (Central Emergency Response Fund/CERF) के तहत राहत कार्रवाई को मज़बूत बनाने के लिये जारी की गई है.

विशाल प्रयासों की ज़रूरत

इससे पहले, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को उनकी ओर से एक बयान जारी कर सेण्ट विन्सेण्ट की जनता के साथ एकजुटता ज़ाहिर की थी.

"यह संकट एक ऐसे, बेहद मुश्किल समय में आया है, जब दुनिया कोविड-19 महामारी के असर से जूझ रही है और चक्रवाती तूफ़ानों का मौसम नज़दीक है."

"महासचिव ने स्थानीय स्तर पर जारी जवाबी कार्रवाई की सराहना की है और संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण समर्थन दोहराया है."

बारबेडॉस और पूर्वी कैरीबियाई क्षेत्र के लिये यूएन के रैजीडेण्ट कोऑर्डिनेटर डिडियेर ट्रेबक ने इस सप्ताहांत अन्य यूएन एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ, प्रभावित इलाक़े का जायज़ा लेने के लिये नाव से दौरा किया.

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने 10 घण्टे की नौका यात्रा के दौरान, राहत कार्रवाई व पुनर्बहाली प्रयासों की समीक्षा की.

स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ यूएन टीम ने ऐसे अनेक शिविरों का दौरा किया, जहाँ 11 दिन पहले हुए विस्फोट के बाद प्रभावितों के रहने की व्यवस्था की गई है.

बताया गया है कि इलाक़े में पसरी वीरानी और नए विस्फोटों के जोखिम के बीच, 15 हज़ार लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है.

यूएन रैजीडेण्ट कोऑर्डिनेटर ने बताया कि गाँव, राख से बुरी तरह ढक गए हैं और सड़क मार्ग धूल भरे रास्तों मे तब्दील हो गया है.

उन्होंने मौजूदा हालात के मद्देनज़र आगाह किया है कि साफ़-सफ़ाई, पारिस्थितिकीय पुनर्बहाली और मानवीय सम्पदा को उबारने के लिये विशाल स्तर पर प्रयासों की आवश्यकता होगी.

अमेरिकी क्षेत्र में सक्रिय स्वास्थ्य संगठन (Pan American Health Organization/PAHO) के अनुसार:

  • 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है
  • लगभग 1 हज़ार 450 परिवार विस्थापित हुए हैं
  • मवेशियों और सम्पत्तियों की स्थिति के बारे में जानकारी के लिये लोग फिर से रेड ज़ोन में प्रवेश कर रहे हैं
  • विस्फोटों, गैस, राख और थरथराहट से मानवीय राहत कार्यों में बाधाएँ पेश आ रही हैं
  • बुनियादी ढाँचों, सुविधाओं और सेवाओं में व्यापक पैमाने पर व्यवधान आया है
  • सुरक्षित स्थानों पर प्रभावितों के लिये सीमित स्तर पर, अस्थाई रूप से ही रहने की व्यवस्था है

 

इस मानचित्र में प्रभावित इलाक़ों में 16 अप्रैल तक के हालात को दर्शाया गया है.
CEDMA
इस मानचित्र में प्रभावित इलाक़ों में 16 अप्रैल तक के हालात को दर्शाया गया है.