टोंगा: समुद्री ज्वालामुखी विस्फोट से उपजे हालात में, 3 लोगों की मौत की पुष्टि

प्रशान्त द्वीप टोंगा में, बीते सप्ताहान्त विशाल व भयावह समुद्री ज्वालामुखी विस्फोट और उससे भड़के समुद्री तूफ़ान - सूनामी में अभी तक तीन लोगों की मृत्यु होने की ख़बरें मिली हैं. पूरे द्वीपीय क्षेत्र में, घरों और इमारतों को भी व्यापक क्षति हुई है.
On Atata island, 72 structures were identified as damaged & 28 as potentially damaged.The entire island appears to be covered in ash. ➡️https://t.co/wFDPsDx1HiAll the latest updates are available on the live map🗺️https://t.co/bC6GOSuIm8 #TongaVolcano #TongaTsunami pic.twitter.com/SScPud8Yhz
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टोंगा सरकार ने मंगलवार को एक प्रैस विज्ञप्ति जारी की है जिसके अनुसार, जिन तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें दो टोंगा के नागरिक और एक ब्रितानी नागरिक हैं.
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि अभी बहुत से लोग लापता हैं, जबकि 90 लोग, ईयुवा में बनाए गए राहत शिविर में सुरक्षित पहुँच गए हैं.
बहुत से अन्य लोग, अपने मित्रों व परिवजनों के घरों में पहुँचे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता कार्यों की एजेंसी – OCHA ने मंगलवार को हालात की ताज़ा जानकारी देते हुए जिनीवा में बताया कि मुख्य द्वीप – टोंगाटापू में 100 से ज़्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए बताए गए हैं, और 50 घर तो पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं.
एजेंसी ध्यान दिलाते हुए कहा है कि अभी विध्वंस के दायरे के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है और अनेक द्वीपों में अभी सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिश्टियन लिण्डमेयर ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि टोंगाटापू के ऊपर, लगभग दो सेण्टीमीटर ज्वालामुखी धूल व राख के बादल छाए हुए हैं, जिससे वायु, जल और खाद्य प्रदूषण की चिन्ताएँ उत्पन्न हो गई हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ सकारात्मक समाचार भी मिले हैं: मुख्य द्वीप में तमाम स्वास्थ्य सेवाएँ पूर्ण रूप से सुचारू हो गई हैं, और स्वच्छता अभियान पहले ही शुरू हो चुके हैं.
ये ज्वालामुखी विस्फोट, पिछले लगभग 30 वर्षों में सबसे विशाल था. विस्फोट से भड़के समुद्री तूफ़ान – सूनामी के बाद, धुएँ और राख का गुच्छेदार बादल ,लगभग 20 किलोमीटर की ऊँचाई तक देखा गया था.
साथ ही, उस विस्फोट की आवाज़ ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड तक सुनाई दी थी, जिसने पूरे प्रशान्त क्षेत्र में सूनामी की चेतावनियाँ उत्पन्न कर दी थीं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि टोंगा सरकार ने संकट का सामना करने के लिये त्वरित कार्रवाई की और हाआपी द्वीपों के लिये, तत्काल एक सहायता जहाज़ तैनात किया.
उसमें WHO द्वारा प्रशिक्षित टोंगा आपदा चिकित्सा सहायता टीम भी सवार थी, जो घायलों का इलाज करने के लिये मुस्तैद थी.
टोंगा सरकार ने अभी देश की आबादी को अपने घरों के भीतर ही रहने और बाहर निकलने पर, चेहरों पर मास्क पहनने की सलाह दी है.
साथ ही, ज्वालामुखी विस्फोट की राख से उत्पन्न होने वाले स्वास्थ्य ख़तरों से बचने के लिये, बोतल का सुरक्षित पानी पीने की भी सलाह दी गई है.
आपदा राहत प्रयासों का समन्वय, प्रशान्त मानवीय सहायता टीम (PHT) कर रही है, जिसमें यूएन एजेंसियाँ, रैड क्रॉस, अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन आदि शामिल हैं, जो टोंगा सरकार को धरातल पर और दूरस्थ सहायता मुहैया करा रहे हैं.