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संकटग्रस्त क्षेत्रों में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये, 83 करोड़ डॉलर की अपील  

यूएन जनसंख्या कोष की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर नतालिया कानेम (बाएँ) यमन के एक अस्पताल में एक मरीज़ से बातचीत कर रही हैं.
© UNFPA Yemen
यूएन जनसंख्या कोष की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर नतालिया कानेम (बाएँ) यमन के एक अस्पताल में एक मरीज़ से बातचीत कर रही हैं.

संकटग्रस्त क्षेत्रों में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये, 83 करोड़ डॉलर की अपील  

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने कहा है कि मौजूदा दौर में, जीवनरक्षक यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ पहले से कहीं ज़्यादा अहम हो गई हैं. यूएन एजेंसी ने इन हालात के मद्देनज़र, वर्ष 2022 में, संकटपूर्ण हालात में जीवन गुज़ारने वाले लोगों को सहारा देने के लिये, 83 करोड़ 50 लाख डॉलर की एक मदद अपील जारी की है.

हिंसक संघर्ष, कोविड-19 महामारी समेत अन्य चुनौतियों और बढ़ती ज़रूरतों के बीच जारी इस अपील का उद्देश्य, 61 देशों में क़रीब साढ़े पाँच करोड़ महिलाओं, लड़कियों व युवजन तक सहायता पहुँचाना है.

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यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) ने कहा, “यह शिनाख़्त की जानी अति आवश्यक है कि यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ, किसी अन्य आपात सेवा के रूपों से कमतर नहीं है; वे जीवनरक्षक हैं.”

“और अब, जब दुनिया विविध, एक दूसरे से गुंथी हुईं आपदाओं से जूझ रही है, वे पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं.”

यह लगातार तीसरा वर्ष है जब यमन को सर्वाधिक ज़रूरतमन्द देश के रूप में आँका गया है.

यूएन एजेंसी की नवीनतम वार्षिक मानवीय राहत रिपोर्ट के मुताबिक़, यमन को तत्काल 10 करोड़ डॉलर के समर्थन की आवश्यकता है.

हाल ही में जारी किये गए कुछ अनुमानों के अनुसार, वहाँ हर दो घण्टे में, एक महिला की प्रसव के दौरान मौत होती है, और गर्भवती व स्तनपान करा रहीं 10 लाख महिलाएँ, गम्भीर कुपोषण का शिकार हैं. 

सोमवार को जारी की गई इस अपील के ज़रिये, यमन के जियाह ज़िले में डॉक्टर समर सहित उन अन्य विशेषज्ञों की सहायता की जा सकती है, जो अक्सर जीवन के लिये संघर्ष कर रही महिलाओं का उपचार करते हैं. 

डॉक्टर समर जिस स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत हैं, वहाँ एक भी ऐम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हैं और धनराशि के अभाव में क़रीब एक साल तक बन्द रहने के बाद, स्वास्थ्य सेवाएँ हाल ही में शुरू की गई हैं. 

बताया गया है कि यूएन एजेंसी के समर्थन के फलस्वरूप, डॉक्टर समर के लिये, प्रसव के दौरान जटिलताएँ पेश आने के बाद, गम्भीर रूप से पीड़ित एक महिला को दो घण्टे दूर स्थित एक अस्पताल तक, कार से ले जा पाना सम्भव हुआ.  

आवश्यकताओं का बढ़ता दायरा

इस रिपोर्ट में ऐसी ही अनेक व्यथाएँ बयान की गई हैं. सीरिया को दूसरा सबसे अधिक ज़रूरतमन्द देश बताया गया है, जहाँ यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं के लिये मानवीय राहत धनराशि की आवश्यकता है.

लिंग-आधारित हिंसा से रक्षा, जवाबी कार्रवाई सहित अन्य सेवाओं के लिये छह करोड़ 80 लाख डॉलर की ज़रूरत होगी. साथ ही अन्य आवश्यक सामान प्रदान किया जाएगा,

इनमें साबुन, गर्म कपड़े व माहवारी के दौरान काम आने वाले सैनेट्री पैड सहित अन्य सामान शामिल हैं. 

10 सबसे अधिक ज़रूरतमन्द देशों में यमन व सीरिया के बाद निम्न देशों का स्थान है:

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सूडान, अफ़ग़ानिस्तान, नाइजीरिया, वेनेज़ुएला, हेती, बांग्लादेश और लेबनान.

हेती के लिये मदद

यूएन एजेंसी का कहना है कि हेती में इस वर्ष अगस्त में आए भूकम्प के बाद, बलात्कार व अपहरण सहित लिंग-आधारित हिंसा में बढ़ोत्तरी हुई है.

इससे महिलों व लड़कियों के लिये असुरक्षा का अभाव है.

यूएन जनसंख्या कोष की एक विशेषज्ञ ताइना केमी ने बताया कि विस्थापित लोग ज़्यादा निर्बल हालात में जीवन गुज़ार रहे हैं, चूँकि उनके पास अब अपने घर नहीं हैं और उन्हें अनजान लोगों के स्थान रहना पड़ रहा है.

उनके लिये स्नानघर समेत अन्य बुनियादी सेवाएँ सुलभ नहीं हैं. 

“यौन दुर्व्यवहार का शिकार महिलाओं की भयावह कहानियाँ सुनना बेहद कठिन है.”

“मैंने 89 वर्षीय एक महिला से बात की, जिनका युवा पुरुषों के एक समूह ने बलात्कार किया, और एक तीन वर्ष की लड़की की माँ से – उनका भी बलात्कार किया गया था.”

यूएन एजेंसी ज़रूरतमन्दों के लिये परामर्श व चिकित्सा सेवाएँ मुहैया करा रही है, और स्थानीय संगठनों व हेती प्रशासन के साथ मिलकर काम किया जा रहा है, ताकि भूकम्प प्रभावित लोगों के लिये हालात बेहतर बनाए जा सकें. 

इसके समानान्तर, स्वास्थ्य सेवाओं की पुनर्बहाली के लिये भी मदद प्रदान की जा रही है, चूँकि भूकम्प के दौरान अनेक स्वास्थ्य केन्द्र ध्वस्त हो गए थे. 

समुदायों के साथ साझेदारी

बताया गया है कि यूएन एजेंसी ने इस वर्ष, लाखों लोगों को सहायता मुहैया कराई है. समुदायों तक मदद पहुँचाने के लिये स्थानीय महिलाओं व युवजन के साथ साझेदारी का सहारा लिया गया है. 

अब तक, इस वर्ष तीन करोड़ महिलाओं तक यौन व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई गई हैं, जबकि 43 लाख किशोरों व युवाओं को उनकी आवश्यकता अनुसार मदद प्रदान की गई है. 

यूएन एजेंसी ने 15 लाख से अधिक सुरक्षित प्रसवों के लिये सहायता दी है, 60 लाख लोगों के लिये परिवार नियोजन सेवाओं को समर्थन दिया गया है.

इसके अलावा, लिंग आधारित हिंसा के 24 लाख पीड़ितों के लिये मनोसामाजिक समर्थन, क़ानूनी सहायता और आजीविका सम्बन्धी प्रशिक्षण सुनिश्चित किया गया है.