सूडान संकट के समाधान के लिये मध्यस्थता प्रयास - यूएन दूत
सूडान के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पैर्थेस ने कहा है कि देश में सैन्य तख़्तापलट के एक सप्ताह बाद, राजनैतिक संकट के निपटारे के लिये, अनेक स्तरों पर मध्यस्थता प्रयास जारी हैं.
यूएन के विशेष दूत ने राजधानी खार्तूम से न्यूयॉर्क में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि ज़मीनी स्तर पर हालात स्थिर, मगर बेहद तनावपूर्ण हैं.
पिछले सोमवार, सूडान की सेना ने देश की सत्ता साझा कर रही अन्तरिम सरकार को भंग करते हुए, प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक और उनके मंत्रिमण्डल को हिरासत में ले लिया था.
संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य तख़्तापलट और नेताओं को हिरासत में लिये जाने की निन्दा करते हुए, देश में संवैधानिक व्यवस्था को पुनर्बहाल किये जाने की पुकार लगाई है.
विशेष प्रतिनिधि ने बताया कि खार्तूम में बातचीत में हिस्सा ले रहे अनेक लोगों से उनकी बात हुई है. उन्होंने मज़बूत इच्छा ज़ाहिर की है कि कि इस संकट से, जल्द से जल्द बाहर निकलने और हालात सामान्य बनाने के लिये आगे बढ़ा जाना होगा.
विशेष प्रतिनिधि के मुताबिक़, राजनैतिक संक्रमणकालीन प्रक्रिया को वैसे ही देखे जाने की आवश्यकता है जैसेकि, संवैधानिक घोषणापत्र के आधार पर, 25 अक्टूबर के घटनाक्रम से पहले देखा जाता था.
यूएन दूत ने सूडान के प्रधानमंत्री हमदोक से अनेक मर्तबा मुलाक़ात की है, जिन्हें अब हिरासत के बजाय उनके निवास स्थान पर नज़रबन्द किया गया है. उन्होंने कहा कि वो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, मगर आज़ाद नहीं हैं.
सूडान में सैन्य तख़्तापलट ऐसे समय में हुआ है, जब अप्रैल 2019 में पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सत्ता से बेदख़ल किये जाने के बाद, देश लोकतंत्र के मार्ग पर आगे बढ़ रहा था.
जानलेवा विरोध प्रदर्शन
शनिवार को, देश भर में बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने सड़कों पर उतरते हुए सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों मे हिस्सा लिया है.
ख़बरों के अनुसार, अनेक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है. वोल्कर पैर्थेस ने लोगों के हताहत होने पर दुख जताया है और प्रदर्शनकारियों पर क़ाबू पाने के लिये आँसूगैस व अन्य क़दमों की भर्त्सना की है.
इस बीच, देश में राजनैतिक संकट का समाधान ढूँढने के लिये राजधानी खार्तूम में अनेक वार्ताएँ चल रही हैं.
यूएन दूत ने बताया कि प्रधानमंत्री निवास, अन्य आधिकारिक स्थलों के बीच काफ़ी आवाजाही हो रही है.
बातचीत में हिस्सा लेने वालों में मुख्य विरोधी गठबंधन (Forces of Freedom and Change), और अशान्त दारफ़ूर क्षेत्र से हथियारबन्द गुट भी हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2020 में ऐतिहासिक शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.
बातचीत के मौजूदा प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र की ओर से हरसम्भव सहायता प्रदान की जा रही है.
“असल में, हम एक वृहद राजनैतिक विस्तार में सूडान के सभी लोगों के साथ सम्पर्क व सम्वाद कर रहे हैं.”
राजनैतिक सम्वाद
सूडान में संयुक्त राष्ट्र के एकीकृत सहायता मिशन के प्रमुख वोल्कर पैर्थेस ने बताया कि इस राजनैतिक सम्वाद में वे लोग भी शामिल हैं, जो हमारी मध्यस्थता को नहीं चाहते हैं और ना ही नागरिक- सैन्य साझेदारी को बहाल किये जाने के पक्ष में नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र, अफ़्रीकी संघ और अन्य क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भी सम्पर्क में है. यूएन दूत ने बताया कि उनह्ने संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण सूडान, अन्य अफ़्रीकी देशों के साथ-साथ, क्षेत्र के बाहर स्थित देशों के साथ सम्पर्क स्थापित किया है.
इनमें कुछ देश, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी हैं.
उन्होंने आने वाले दिनों में हालात में कुछ और स्पष्टता उभरने की आशा व्यक्त की है.
विशेष प्रतिनिधि का मानना है कि अमेरिका, मिस्र, दक्षिण सूडान व अन्य पड़ोसी देश, संकट के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.