वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सूडान: 'सैन्य तख़्तापलट' की निन्दा, नेताओं की रिहाई की माँग

सूडान की राजधानी ख़ार्तूम में, जन प्रदर्शनों का एक दृश्य (11 अप्रैल 2019)
UN Sudan/Ayman Suliman
सूडान की राजधानी ख़ार्तूम में, जन प्रदर्शनों का एक दृश्य (11 अप्रैल 2019)

सूडान: 'सैन्य तख़्तापलट' की निन्दा, नेताओं की रिहाई की माँग

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान में सैन्य तख़्तापलट की निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक और अन्य अधिकारियों को जल्द से जल्द रिहा किये जाने की माँग की है. 

ख़बरों के अनुसार, सूडान की सेना ने नागरिक शासन व्यवस्था को भंग कर दिया है, राजनैतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है और आपातकाल की घोषणा कर दी गई है.

Tweet URL

सूडानी सेना ने अप्रैल 2019 में महीनों तक चले विरोध-प्रदर्शनों के बाद, लम्बे समय तक सूडान में शासन करने वाले पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सत्ता से बेदख़ल कर दिया था. 

इसके बाद, सत्ता साझा किये जाने पर हुए एक समझौते के तहत, सैन्य और नागरिक नेतृत्व द्वारा एक मिलीजुली अन्तरिम सरकार का गठन किया गया था.

अन्तरिम सरकार के गठन का उद्देश्य. देश में वर्ष 2023 में पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक चुनाव आयोजित किये जाने का मार्ग प्रशस्त करना था. 

यूएन प्रमुख ने ट्विटर पर अपने वक्तव्य में ध्यान दिलाया है कि कड़ी मेहनत से हासिल की राजनैतिक प्रगति की रक्षा के लिये संवैधानिक चार्टर का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाना होगा.

महासचिव गुटेरेश ने भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र इस घड़ी में, सूडान की जनता के साथ एकजुट है.

राजनैतिक प्रगति पर जोखिम

प्राप्त समाचारों के अनुसार, राजधानी खार्तूम में प्रदर्शनकारी सड़कों पर विरोध जता रहे हैं और गोलीबारी होने की भी रिपोर्टें मिली हैं.  

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने भी सैन्य तख़्तापलट के प्रयास की निन्दा की है.

“इन कृत्यों से जूबा शान्ति समझौते के लिये ख़तरा है और लोकतंत्र व मानवाधिकरों के लिये सम्मान की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति पर जोखिम पैदा होता है.” 

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने प्रधानमंत्री, अनेक मंत्रियों और अन्य नागरिक समाज प्रतिनिधियों को हिरासत में लिये जाने की ख़बरों का भर्त्सना की है और उन्हें तत्काल रिहा किये जाने की माँग की है. 

बताया गया है कि देश के अनेक हिस्सों में इण्टरनेट सेवा ठप है और संचार के अन्य माध्यमों पर भी रोक लगा दी गई है.  

सम्वाद पर बल

यूएन प्रमुख ने इन कठिन परिस्थितियों में, सेना से इण्टरनेट सेवाओं को तत्काल बहाल किये जाने, अनावश्यक बल प्रयोग से बचने और लोगों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकारों का आदर किये जाने की अपील की है.  

उन्होंने सैन्य प्रशान से संवैधानिक व्यवस्था व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करने, सड़कों से हटने और राजनैतिक नेताओं के साथ मतभेदों को. सम्वाद व वार्ता के साथ सुलझाने का आग्रह किया है.  

सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNITAMS) के प्रमुख वोल्कर पर्थेस की ओर से भी एक वक्तव्य जारी किया गया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री, सरकारी अधिकारियों और अन्य नेताओं की गिरफ़्तारी को अस्वीकार्य क़रार दिया है. 

यूएन मिशन प्रमुख और महासचिव गुटेरेश के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पर्थेस ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने और संवैधानिक व्यवस्था की पुनर्बहाली के लिये बातचीत की मेज़ पर वापिस आने की अपील की है.