वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
अमेरिकी तालवादक, मिकी हार्ट 'किंग क्लेव' संगीत रचना को प्रस्तुत करते हुए.

डरबन सम्मेलन की 20वीं वर्षगाँठ - संगीत के ज़रिये प्रेरणा का संचार

UNFPA
अमेरिकी तालवादक, मिकी हार्ट 'किंग क्लेव' संगीत रचना को प्रस्तुत करते हुए.

डरबन सम्मेलन की 20वीं वर्षगाँठ - संगीत के ज़रिये प्रेरणा का संचार

मानवाधिकार

नस्लवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक डरबन घोषणा और कार्रवाई कार्यक्रम (डीडीपीए) की 20वीं वर्षगाँठ के अवसर पर, "किंग क्लेव" नामक नई संगीत रचना, एक सुरमयी प्रेरणा प्रदान कर रही है. यह प्रस्तुति इस विश्वास पर आधारित है कि "मानवता आपस में गहराई से जुड़ी है" और "हम एक हैं."

‘Grateful Dead’ के दो ड्रमर्स (ढोल बजाने वाले कलाकार) में से एक, मशहूर अमेरिकी तालवादक, मिकी हार्ट ने कहा, “लय-ताल मानवता के केन्द्र में है. जो ताल जानते हैं, वो दुनिया को पहचानते हैं."

विख्यात तालवादक सिकिरू अदेपोजू, ज़ाकिर हुसैन (भारत), जियोवानी हिडाल्गो और पश्चिम अफ़्रीकी ड्रमर, बाबाटुण्डे ओलाटुनजी की मरणोपरान्त प्रस्तुति के साथ, मिकी हार्ट इस विशेष प्रदर्शन और वीडियो फ़ीचर के प्रमुख आकर्षण हैं.

‘प्लेइंग फ़ॉर चेंज’ और ‘प्लैनेट ड्रम’ के बीच पारस्परिक सहयोग से जन्मी, "किंग क्लेव" संगीतमय प्रस्तुति को, संयुक्त राष्ट्र की यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (UNFPA) का समर्थन प्राप्त है. 

यह प्रस्तुति, डरबन घोषणा पत्र व कार्रवाई कार्यक्रम की 20वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों व समारोहों के लिये तैयार की गई है.

डरबन घोषणा पत्र को नस्लवाद के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में एक मील का पत्थर माना जाता है. 

22 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में डरबन सम्मेलन की 20वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान यह संगीत रचना प्रस्तुत की गई.

इस बैठक में अफ़्रीकी मूल के लोगों के लिये क्षतिपूर्ति, नस्लीय न्याय और समानता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. 

सबसे अधिक सन्दर्भित और सार्वभौमिक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली लय में से एक 'क्लेव' आधारित, यह "किंग क्लेव" प्रस्तुति, एक लयबद्ध आकृति का आहवान करती है, जिसके इर्दगिर्द अधिकांश अफ़्रीकी, कैरीबियाई, दक्षिण अमेरिकी और अमेरिका के न्यू ऑरलीन्स संगीत पर सुर-ताल साधे जाते हैं. 

इसके रचनाकारों का मानना है कि संगीत के माध्यम से, "दिल जुड़ते हैं, और मतभेद ख़त्म हो जाते हैं. इसके ज़रिये यह स्पष्ट होता है कि मानवता कितनी गहराई से आपस में जुड़ी हुई है और इससे ‘हम एक हैं’ का भाव परिलक्षित होता है.”

सामाजिक न्याय के लिये कला 

यह नई प्रस्तुति, वर्ष 2020 में सामाजिक न्याय के लिये आयोजित एक वैश्विक कार्यक्रम,’ पीस थ्रू म्यूज़िक’ की अभूतपूर्व सफलता के बाद: ‘प्लेइंग फॉर चेंज’ और यूएनएफ़पीए के साथ आने का परिणाम है, जिन्होंने संगीत के माध्यम से दुनिया को एकजुट करने की अपनी यात्रा जारी रखने का फ़ैसला किया है. 

कोविड-19 महामारी के बीच, ‘Peace Through Music’ (संगीत के ज़रिये शान्ति) को एक वर्चुअल कॉन्सर्ट के रूप में पेश किया गया था, ताकि लोगों को हर जगह, शान्ति और न्याय की कार्रवाई के लिये प्रेरित किया जा सके. 

इस वैश्विक कार्यक्रम ने समानता, मानवाधिकारों और भेदभाव के ख़ात्मे का आहवान किया, और फ़ेसबुक पर इसका प्रीमियर होने के 48 घण्टों के भीतर इसे 40 लाख बार देखा गया, 193 देशों के लाखों लोग इससे जुड़े और प्रेरित हुए. 

संगीतकारों की पृष्ठभूमि

मिकी हार्ट उन 200 से अधिक संगीतकारों में से एक थे, जिन्होंने 2020 में ‘पीस थ्रू म्यूज़िक’ में भाग लिया था, और जिन्होंने मशहूर भारतीय तबला वादक, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के साथ मिलकर ‘प्लैनेट ड्रम’ संगीत की रचना की थी.

संयुक्त राष्ट्र और सामाजिक सक्रियता के साथ, ‘प्लैनेट ड्रम’ के सदस्यों का एक लम्बा इतिहास रहा है. 

दिवंगत बाबाटुण्डे ओलाटुनजी के ड्रमों की ताल को, 2009 में "ब्रेकिंग द साइलेंस, बीटिंग द ड्रम" प्रदर्शनी के दौरान, दासता और परा-अटलाण्टिक दास व्यापार पीड़ितों के अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस के उत्सव के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया था. 

नाइजीरिया के विख्यात तालवादक सिकिरू अदेपोजू.
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नाइजीरिया के विख्यात तालवादक सिकिरू अदेपोजू.

इससे पहले भी वो संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने, 2012 में पहले अन्तरराष्ट्रीय जैज़ दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में संगीत प्रस्तुत किया था.

‘प्लैनेट ड्रम’ की स्थापना 1990 में यह दर्शाने के इरादे से की गई थी कि संगीत-ताल की शक्ति, किस तरह विभिन्न संस्कृतियों और भौगोलिक पृष्ठभूमि के लोगों को जोड़ सकती है.

फिर, सभी संगीतकार, मिकी हार्ट के साथ उनके स्टूडियो में एक सप्ताह के सत्र के लिये एकत्रित हुए, और बारी-बारी से विशिष्ट संगीत कृतियों की रचना की गई. 

इन कृतियों को परस्पर साझा करते हुए, प्रत्येक ट्रैक में पारम्परिक संगीत के अलग-अलग सुर जोड़ते हुए - अन्त में इसे संगीत में एक साथ पिरोया गया.

‘प्लेइंग फ़ॉर चेंज’ पिछले 20 वर्षों से संगीतकारों की रिकॉर्डिंग और फिल्माँकन कर रहा है और उन्हें "दुनिया भर के गीतों" के माध्यम से एकजुट कर रहा है.

इस संस्थान ने, दुनिया भर में कम पहुँच वाले समुदायों के बीच कला व संस्कृति के प्रचार हेतु 15 संगीत विद्यालय स्थापित किये हैं.

‘प्लेइंग फ़ॉर चेंज’ के सह-संस्थापक, मार्क जॉनसन के अनुसार, "किंग क्लेव दुनिया भर में सुर-ताल का उत्सव मनाता है, और संगीत के ज़रिये, हम साझा मानवता के दिल की धड़कनें, फिर से एक तार में पिरो देते हैं."

साल 2021 के अन्त में, इस परियोजना का एक लम्बा संस्करण प्रस्तुत किया जाएगा.