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नस्लवाद

अमेरिका के कोलोराडो में नस्लवाद के विरोध में प्रदर्शन. (फ़ाइल)
© Unsplash/Colin Lloyd

नस्लभेद के लिए हमारी दुनिया में कोई जगह नहीं, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि जातिवाद और नस्लीय भेदभाव का हमारी दुनिया में कोई स्थान नहीं है – ख़ासतौर पर संयुक्त राष्ट्र में तो बिल्कुल भी नहीं. नस्लवाद विरोधी रणनीति पर संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों के लिए एक वीडियो सन्देश में उन्होंने कहा कि इस संकट को ख़त्म करना हमारी पहचान का आधार है - और विश्व में अपने मिशन की पूर्ति के लिए आवश्यक है. (वीडियो)

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क.
Volker Türk

विश्व भर में, मानवाधिकारों के लिए ख़तरनाक रुझानों में वृद्धि पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) वोल्कर टर्क ने दुनिया भर में मानवाधिकारों के लिए बढ़ते ख़तरों पर चिन्ता जताते हुए, उनकी रक्षा के लिए प्रयासों मेंं निवेश किए जाने पर बल दिया है. उनके अनुसार, हर स्थान पर एक मानवाधिकार कार्यालय स्थापित किया जाना अहम है ताकि अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके. 

अमेरिका के मिशिगन प्रान्त के डेट्रॉयट शहर में भूमिगत रेलमार्ग पर अन्तरराष्ट्रीय स्मारक. यह 2001 में समर्पित किया गया.
UN News/Matthew Wells

न्यूयॉर्क: भूमिगत रेलमार्ग - स्वतंत्रता की ओर ले जाने वाला एक रास्ता

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के न्यूयॉर्क प्रान्त में स्थित नियाग्रा जल प्रपात, दासता और भेदभाव के विरुद्ध अफ़्रीकी अमेरिकी प्रतिरोध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है. यहाँ स्थित एक भूमिगत रेलमार्ग गुप्त रास्तों और सुरक्षित घरों का एक ऐसा नैटवर्क था, जिनके ज़रिए दासता के शिकार अफ़्रीकी अमेरिकी लोगों को स्वतंत्र राज्यों व कैनेडा की ओर बचकर भागने में मदद मिली थी. इस वीडियो फ़ीचर के मुख्य किरदार शिक्षक, लेखक और मानवाधिकार अधिवक्ता सलादीन अल्लाह हैं, जो भूमिगत रेलमार्ग के अग्रदूत, जोसियाह हेन्सन के वंशज हैं... 

तंज़ानिया के ज़जीबार में दास प्रथा के पीड़ितों के स्मरण में एक स्मारक.
UN/Israa Hamad

नस्लवाद के विरुद्ध लड़ाई में, दासता के 'भयावह अतीत' को समझा जाना ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि नस्लवाद की क्रूरतापूर्ण विरासत के विरुद्ध लड़ाई में, शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है. यूएन प्रमुख ने हर वर्ष, 25 मार्च को मनाए जाने वाले ‘पार-अटलांटिक दास व्यापार और उसके पीड़ितों स्मरण में अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के सिलसिले में यूएन महासभा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही है.

न्यूयॉर्क में एक प्रदर्शनी में उन बेड़ियों को दर्शाया गया है, जिनका इस्तेमाल दासोंं को बांधने के लिए किया जाता था. (फ़ाइल)
UN Photo/Mark Garten

दासता की विरासत, नस्लवाद से शिक्षा के ज़रिये लड़ने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘पार-अटलांटिक दास व्यापार और उसके पीड़ितों स्मरण में अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर जारी अपने सन्देश में उन लाखों अफ़्रीकियों के लिए गरिमा बहाल किए जाने का आग्रह किया है, जिन्हें निर्दयतापूर्वक, दास के तौर पर बेचकर इससे वंचित कर दिया गया था. यूएन प्रमुख ने कहा है कि दासता की दुखद विरासत और मौजूदा नस्लवाद के विरुद्ध लड़ाई में शिक्षा एक अहम भूमिका निभा सकती है.

संयुक्त राष्ट्र ने नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन, और मानवाधिकारों व मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए अपने संकल्प को पुष्ट किया है.
Unsplash/Jay Chen

नस्लभेद-विरोधी दिवस: भेदभाव रहित, न्यायसंगत विश्व की ओर क़दम बढ़ाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने ‘नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर, मंगलवार को विश्व भर में नस्लभेद और भेदभाव को उखाड़ फेंकने की पुकार लगाई है.

लंदन में ब्लैक लाइव्स मैटर के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन. (फ़ाइल)
© Unsplash/James Eades

ब्रिटेन: आपराधिक न्याय प्रणाली में 'व्यवस्थागत नस्लवाद, एक गम्भीर चिन्ता'

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ब्रिटेन में व्यवस्थागत, संस्थागत और ढाँचागत नस्लवाद पर चिन्ता जताते हुए आगाह किया है कि देश में अफ़्रीकी मूल के लोगों को अब भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है, और उनके बुनियादी अधिकारों का क्षरण हो रहा है.

तख़्ती लिये हुए एक व्यक्ति, जिस पर लिखा है - दासता अब भी मौजूद है.
© Unsplash/Hermes Rivera

पार-अटलाण्टिक दास व्यापार, इतिहास का ‘काला अध्याय’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार, 25 मार्च को, ‘दासता एवं पार-अटलाण्टिक दास व्यापार के पीड़ितों के स्मरण के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ नस्लवाद के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े होने और गरिमा व समानता के आधार पर समाज निर्माण का आहवान किया है. यूएन प्रमुख ने पार-अटलाण्टिक दास व्यापार को इतिहास का एक बहुत काला अध्याय क़रार देते हुए मानवता के विरुद्ध एक स्पष्ट अपराध बताया है. 

पोलैण्ड सीमा के पास यूक्रेनी शरणार्थी.
Chris Melzer/Chris Wolf

यूक्रेन: जान बचाकर भाग रहे लोगों के साथ 'भेदभाव, हिंसा, नस्लभेद' की निन्दा

शरणार्थी मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने यूक्रेन में हिंसा से जान बचाने के लिये पड़ोसी देशों में शरण लेने वाले, अन्य देशों के नागरिकों के साथ नस्लवाद और भेदभाव पर क्षोभ प्रकट किया है. उन्होंने सोमवार, 21 मार्च, को ‘नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर जारी अपने वक्तव्य में सभी शरणार्थियों के लिये करुणा व एकजुटता के साथ पेश आने का आग्रह किया है. 

यूक्रेन का एक शरणार्थी परिवार अपने बच्चों के साथ सीमा चौकी से होते हुए, रोमानिया में प्रवेश कर रहा है.
© UNICEF/Ioana Moldovan

यूक्रेन: दस लाख लोगों ने जान बचाने के लिये छोड़ा देश, 'भेदभाव व नस्लवाद अस्वीकार्य'

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैण्डी ने गुरूवार को कहा है कि यूक्रेन में अर्थहीन युद्ध के कारण, केवल सात दिन में दस लाख से अधिक लोग देश छोड़ कर जाने के लिये विवश हुए हैं. वहीं, यूएन प्रवासन एजेंसी (IOM) ने आगाह किया है कि यूक्रेन से जान बचाकर जाने की कोशिश कर रहे अन्य देशों के नागरिकों के साथ नस्ल, जातीयता, राष्ट्रीयता या प्रवासन दर्जे के आधार पर भेदभाव स्वीकार नहीं किया जा सकता है.