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नस्लभेद-विरोधी दिवस: भेदभाव रहित, न्यायसंगत विश्व की ओर क़दम बढ़ाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र ने नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन, और मानवाधिकारों व मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए अपने संकल्प को पुष्ट किया है.
Unsplash/Jay Chen
संयुक्त राष्ट्र ने नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन, और मानवाधिकारों व मानवीय गरिमा की रक्षा के लिए अपने संकल्प को पुष्ट किया है.

नस्लभेद-विरोधी दिवस: भेदभाव रहित, न्यायसंगत विश्व की ओर क़दम बढ़ाने की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने ‘नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर, मंगलवार को विश्व भर में नस्लभेद और भेदभाव को उखाड़ फेंकने की पुकार लगाई है.

यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 21 मार्च को, दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद के दौरान 21 मार्च 1960 को, शार्पविल संहार के पीड़ितों की स्मृति में मनाया जाता है.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के लिए अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने मंगलवार को यूएन महासभा में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आग्रह किया कि दासता, रंगभेद और अलगाव की नस्लभेद व्यवस्थाओं की विरासत, आज भी समुदायों, संस्थाओं और मन-मस्तिष्क में गूंजती है.

उन्होंने आगाह किया कि, एक वायरस की तरह, नस्लवाद भी समय व सन्दर्भ के अनुसार अपना रूप व प्रकार बदल लेता है. “इसकी अभिव्यक्ति और लक्ष्य बदल सकते हैं, लेकिन इसके नुक़सान का दायरा अब भी बरक़रार है.”

यूएन महासभा प्रमुख ने कहा कि नस्लभेद और नफ़रत भरी बोली व सन्देश, टैक्नॉलॉजी व ऑनलाइन माध्यमों समेत समाजों की विभिन्न दिशाओं से घेराबन्दी कर रहे हैं, और इसके उन्मूलन के लिए अथक प्रयासों की आवश्यकता है.

कसाबा कोरोसी ने कहा कि ऐल्गोरिथम के ज़रिए नस्लीय पूर्वाग्रहों और पुरातनपंथी धारणाओं को बढ़ावा दिया जा सकता है, और टैक्नॉलॉजी के इस्तेमाल के ज़रिए अवैध निगरानी व भेदभावपूर्ण तौर-तरीक़ों को बल मिलता है.

महासभा अध्यक्ष ने देशों से आग्रह किया कि एक समानतापूर्ण व न्यायसंगत विश्व की ओर क़दम बढ़ाए जाने होंगे, जिसे आकार देने के लिए संयुक्त राष्ट्र को स्थापित किया गया था.

उन्होंने कहा कि मार्कस गार्विस, रोसा पार्क्स, महात्मा गांधी और नेलसन मंडेला समेत अन्य बड़ी हस्तियों ने अपना पूरा जीवन, भेदभाव व नस्लीय हिंसा के विरुद्ध लड़ाई में समर्पित कर दिया और उनके प्रति यह हमारा दायित्व है कि नस्लवाद का उन्मूलन किया जाएगा.

मानवाधिकारों व गरिमा पर प्रहार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने सम्बोधन में ध्यान दिलाया कि हर एक देश, नस्लीय भेदभाव से प्रभावित है, जोकि बहुत हानिकारक है और मानवाधिकारों व गरिमा पर चोट है.

“जब सरकारें और अन्य एजेंसियाँ नस्लवाद व भेदभाव का इस्तेमाल, राजनैतिक फ़ायदे के लिए करती हैं, तो वे आग से खेल रही होती हैं.” महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप होने वाली हिंसा और क्रूरतापूर्ण अपराध, इतिहास में निरन्तर परिलक्षित होते रहे हैं.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की उस अपील को अपना समर्थन दिया है, जिसमें नस्लवाद और भेदभाव से लड़ाई के लिए सभी देशों से एक व्यापक, समय-निर्धारित राष्ट्रीय कार्ययोजना अपनाए जाने का आग्रह किया गया है.

इस योजना को दिसम्बर 2023 तक तैयार किया जाना है, जिसमें तथ्यों व आँकड़ों पर आधारित भेदभाव-विरोधी क़ानून व नीतियाँ शामिल की जाएंगी.

यूएन प्रमुख ने ‘नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर महासभा में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया.
UN Photo/Rick Bajornas

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने नस्लवाद से निपटने के लिए संगठन द्वारा शुरू की गई पहलों के सिलसिले में अवगत कराया, जिसके तहत एक विशेष सलाहकार की नियुक्ति की गई है, जिनके नेतृत्व में नस्लवाद-विरोधी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है.

“संयुक्त राष्ट्र और विश्व भर में, हमें सार्वभौम घोषणापत्र की आकांक्षाओं को सभी लोगों के लिए वास्तविकता में बदलना होगा, बिना भेदभाव, बहिष्करण, पाबन्दी या नस्ल, रंग, वंश, राष्ट्रीय व जातीय मूल स्थान की वरीयता के.”

“आइए, हम नस्लवाद और नस्लीय भेदभाव को उखाड़ फेंकने के लिए एक साथ मिलकर काम करें और सर्वजन के लिए सर्वत्र, उनकी गरिमा व अधिकारों की रक्षा करें.”

'भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं'

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर ऐरिक ऐडम्स ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया भर में, अनेक लोगों को अब भी नस्लीय नफ़रत का सामना करना पड़ता है, या फिर वे अब भी नस्लीय हिंसा व निर्धनता की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं.

“भेदभाव की कोई सीमाएँ नहीं हैं. हम इसे शिक्षा में देखते हैं. हम इसे स्वास्थ्य देखभाल में देखते हैं. हम इसे जलवायु परिवर्तन में देखते हैं. हम इसे स्वच्छ जल और स्वस्थ भोजन की सुलभता में देखते हैं.”

ऐरिक ऐडम्स ने मेयर पद की बागडोर जनवरी 2022 में सम्भाली थी, और यह केवल दूसरी बार ऐसा हुआ है कि इस पद पर अफ़्रीकी-अमेरिकी को चुना गया है.उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में नस्लीय भेदभाव से लड़ाई के लिए उठाए जाने वाले क़दमों के बारे में जानकारी दी.

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर ऐरिक ऐडम्स, जिन्होंने जनवरी 2022 में पदभार ग्रहण किया था.
UN Photo/Rick Bajornas

इस क्रम में, नफ़रत भरे अपराधों की रोकथाम के लिए एक कार्यालय स्थापित किया गया है, विविधता को बढ़ावा देने के लिए भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाकर, भोजन ग्रहण करते समय बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

मेयर ऐडम्स ने कहा कि प्रगति दर्ज की जा रही है, मगर एक शहर, एक राष्ट्र और एक अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर इस चढ़ाई पर चलते जाना होगा.

उनके अनुसार, वर्ष 2023 में नस्ल, लिंग, यौन रुझान के आधार पर, दुनिया में कहीं भी भेदभाव किए जाने के लिए कोई जगह नहीं है.

'आदर्शों को वास्तविकता में तब्दील करना होगा'

नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के लिए यूएन समिति की प्रमुख वेरेन शेपर्ड ने देशों को राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर प्रयासों में तेज़ी लाने के लिए प्रोत्साहित किया है.

उन्होंने आशा जताई है कि अन्तरारष्ट्रीय समुदाय द्वारा, मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की विरासत को जीवित रखने के लिए एक साथ मिलकर प्रयास किए जाने की प्रतिबद्धता जताई जाएगी, ताकि सर्वजन, समान अधिकारों व गरिमा के साथ जीवन जी सकें.

यूएन समिति प्रमुख ने कहा कि इन आदर्शों को ना केवल सर्वोपरि रखना है, बल्कि इन्हें वास्तविकता में भी तब्दील किया जाना होगा, विशेष रूप से मानवाधिकारों पर शिक्षा के ज़रिए. उनके अनुसार, नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध लड़ाई के लिए मशाल को अगली पीढ़ी को थमाने के लिए यह अहम है.