मध्य पूर्व: मध्यस्थता व मानवीय राहत प्रयासों को मज़बूती देने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने कहा है कि ग़ाज़ा और इसराइल में लड़ाई व हिंसा को थामने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को हरसम्भव प्रयास करने होंगे. यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को फ़लस्तीन के प्रश्न पर य़ूएन फ़ोरम की बैठक को सम्बोधित करते हुए सभी पक्षों से मध्यस्थता की कोशिशों को सहारा देने का आहवान किया है ताकि ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय संकट को बढ़ने से रोका जा सके.
राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र, मध्यस्थता प्रयासों में सक्रियता से हिस्सा ले रहा है.
चरमपंथी गुट हमास और इसराइली सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई में अब तक दोनों पक्षों की ओर 200 से अधिक आम लोगों की जान जा चुकी है जिनमें बच्चे भी हैं.
Fighting in Gaza and Israel has claimed more than 200 civilian lives, including children. The suffering and destruction are immense. This escalation is a tragic reminder of the urgency of a viable political path to end this conflict once and for all. https://t.co/xhvAgMscmM
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उन्होंने कहा कि ये त्रासदीपूर्ण लड़ाई, फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच टकराव व संघर्ष के स्थाई हल की तलाश करने के लिये आगाह करती है.
यूएन अधिकारी के मुताबिक इसराइल में सामुदायिक हिंसा के दृश्य, अभूतपूर्व हैं, और अगर हिंसा जारी रही, तो क्षेत्र में सभी के लिये उसके विनाशकारी परिणाम होंगे.
उन्होंने आशंका जताई है कि अगर नौ दिनों से चली आ रही हिंसा नहीं रुकी, तो मानवीय आवश्यकताएँ और बढ़ेंगी, विशेष रूप से ग़ाज़ा में, जहाँ हालात पहले से ही ख़राब हैं.
ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में इसराइल के साथ हिंसा से अब तक 220 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और छह हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि
इसराइल में रॉकेट हमलों में 10 लोग मारे गए हैं व 800 ज़ख्मी हुए हैं.
यूएन के मुताबिक ग़ाज़ा में हिंसा की वजह से 60 हज़ार से अधिक लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है, जिनमें से 47 हज़ार लोगों ने फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र राहत एवँ कार्य एजेंसी द्वारा संचालित स्कूलों में शरण ली है.
इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए आगाह किया है कि मौजूदा संकट ने डेढ़ लाख से अधिक लोगों को खाद्य असुरक्षा की ओर धकेल दिया है.
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, ग़ाज़ा में 132 इमारतों को नुक़सान पहुँचा है, 621 आवासीय और वाणिज्यिक परिसर ध्वस्त हो गए हैं, जबकि 316 अतिरिक्त घरों को बुरी तरह नुक़सान हुआ है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सा सुविधा केंद्रों पर भी जोखिम मंडरा रहा है.
ग़ाज़ा पट्टी में 19 स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि पश्चिमी तट में 41 स्वास्थ्यकर्मी घायल हुए हैं और 21 वाहनों को नुक़सान पहुँचा है.
विकट परिस्थितियों में दवाओं व चिकित्सा सामग्री की भारी क़िल्लत है और एक महीने से भी कम समय की आपूर्ति बची है.
यूएन स्वास्थ्य संगठन ने चिन्ता जताई है कि हिंसा व विध्वंस के दौरान, कोविड-19 से बचाव के लिये शारीरिक दूरी बरता जाना बेहद मुश्किल है.
विद्युत नैटवर्क को क्षति पहुँचने से बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ा है और महज़ छह से आठ घण्टे की बिजली ही उपलब्ध हो पा रही है, जिससे स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सेवाएँ प्रभावित हुई हैं.
इस पृष्ठभूमि में, मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये यूएन एजेंसी (OCHA) ने ग़ाज़ा में केरेम शलोम चौकी खोले जाने का स्वागत किया है, जिससे वहाँ ज़रूरी मानवीय राहत सामग्री को पहुँचाने में मदद मिलेगी.
उत्तरी ग़ाज़ा में ऐरेज़ चौकी के साथ, दक्षिणी ग़ाज़ा में प्रवेश का यह रास्ता आठ दिन पहले बन्द कर दिया गया था.