ग़ाज़ा में मानवीय ज़रूरतों में उछाल, यूएन खाद्य एजेंसी जुटी राहत प्रयासों में
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने ग़ाज़ा में हिंसा प्रभावित इलाक़ों में मानवीय राहत प्रयासों के तहत, 51 हज़ार से ज़्यादा ज़रूरतमन्द परिवारों तक आपात सहायता पहुँचाना शुरू किया है. यूएन एजेंसी ने कहा है कि हिंसक टकराव से इलाक़े में व्यापक क्षति हुई है, जिसके मद्देनज़र, ग़ाज़ा और इसराइल में हिंसा को तत्काल रोके जाने की अपील की गई है.
यूएन एजेंसी अपने साझीदार संगठनों के साथ कार्य करते हुए नक़दी के रूप में सहायता उपलब्ध करा रही है.
बताया गया है कि इस चरण में, पहली बार सहायता पाने वाले लोगों के साथ-साथ उन लोगों को भी लाभ होगा, जिन्हें पहले से ही सहायता प्रदान की जा रही थी, मगर जिन्हें अपने घर छोड़कर अपने परिजनों या मित्रों के पास रहने के लिये जाना पड़ा.
🔴NEWS RELEASE: Humanitarian needs are on the rise as conflict escalates in the #Gaza strip.WFP started providing immediate assistance through electronic food vouchers for more than 51,000 people. https://t.co/stCIHJrjxC
WFP
फ़लस्तीन में यूएन एजेंसी के प्रतिनिधि और देशीय निदेशक समेर अब्देलजाबेर ने कहा, "जिन लोगों ने अपने घर खो दिये हैं या उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े हैं, उनके लिये इस समय सबसे अहम ज़रूरत भोजन है."
"सहायता प्रदान करने का सबसे तेज़ और कारगर रास्ता नक़दी है, ई-वाउचर के रूप में. भोजन फ़िलहाल उपलब्ध है और अनेक स्थानीय दुकानें अब भी खुली हुई हैं. इनमें वे भी हैं जिनके साथ हमने नियमित ई-वाउचर समर्थन के लिये अनुबन्ध किया है."
मगर, ग़ाज़ा में प्रवेश पर पाबन्दी होने से, खाद्य सामग्री सहित ज़रूरी वस्तुओं की जल्द ही क़िल्लत होने की आशंका है, जिससे भोजन की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी होगी.
किसान अपने खेतों तक पहुँचने में असमर्थ हैं, और इस वजह से कृषि उत्पादों के दामों में भी वृद्धि हुई है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम समन्वय का स्तर बढ़ाने, प्रोटोकॉल स्थापित करने और यूएन शरणस्थलों में आने वाले लोगों की आपात भोजन सहायता ज़रूरतों का आकलन करने में जुटा है.
नक़दी-आधारित वाउचर इलैक्ट्रॉनिक प्लैटफ़ॉर्म का उपयोग अन्य मानवीय राहत एजेंसियों द्वारा भी किया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों तक ग़ैर-भोज्य और अन्य बुनियादी ज़रूरत वाली चीज़ें पहुँचाई जा सकें.
यूएन एजेंसी ग़ाज़ा में मानवीय राहत आवश्यकताओं की समीक्षा करने के लिये तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है.
बदतर हालात
मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका के लिये यूएन एजेंसी में क्षेत्रीय निदेशक कॉरीन फ़्लाइशर ने क्षोभ जताया कि ग़ाज़ा में लोग पहले से ही विकट हालात में जीवन गुज़ार रहे थे, और अनेक परिवारों को भोजन का इन्तज़ाम करने में मुश्किलें पेश आ रही थीं.
"कोविड-19 महामारी की पाबन्दियों के कारण पिछले एक वर्ष में हालात अब और भी ख़राब हो गए हैं."
"आबादी का अधिकांश हिस्सा अब और झटके सहने के लिये तैयार नहीं है और मौजूदा परिस्थितियाँ, एक ऐसे संकट का सबब बन सकती हैं, जिसकी गिरफ़्त में पूरा क्षेत्र आ सकता है."
ग़ाज़ा में यूएन एजेंसी ढाई लाख से ज़्यादा लोगों को नियमित रूप से भोजन, प्रत्यक्ष राशन और आजीविका समर्थन परियोजनाओं के लिये, नक़दी आधारित हस्तान्तरण या नक़दी सहायता मुहैया करा रही है.
खाद्य असुरक्षा
ग़ाज़ा की कुल आबादी लगभग 20 लाख है जिसमें दो-तिहाई से अधिक आबादी पहले से ही खाद्य असुरक्षा की पीड़ित रही है.
क्षेत्र में खाद्य असुरक्षा के दो बड़े कारण निर्धनता और बेरोज़गारी हैं, और कोविड-19 महामारी के फैलाव व ताज़ा हिंसक घटनाओं से पहले भी हालात ख़राब थे.
ग़ाज़ा की आधी से अधिक आबादी निर्धनता में जीवन व्यतीत कर रही है और 45 प्रतिशत लोग बेरोज़गार हैं.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़ अगले छह महीनों में ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में सवा चार लाख से ज़्यादा निर्बल लोगों को भोजन सहायता के लिये तीन करोड़ 18 लाख डॉलर की अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है.
यूएन एजेंसी ने कहा है कि हिंसक टकराव से गहरी पीड़ा और विध्वंस हुआ है, जिसके मद्देनज़र, ग़ाज़ा और इसराइल में हिंसा को तत्काल रोके जाने की अपील की गई है.