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WHO की चेतावनी, योरोप में वैक्सीन टीकाकरण बहुत धीमा रहा है

कोविड-19 वैक्सीन की पहली ख़ुराकें बोसनिया हर्ज़ेगोविना को, मार्च में भेजी गई थीं.
© UNICEF/Almir Panjeta
कोविड-19 वैक्सीन की पहली ख़ुराकें बोसनिया हर्ज़ेगोविना को, मार्च में भेजी गई थीं.

WHO की चेतावनी, योरोप में वैक्सीन टीकाकरण बहुत धीमा रहा है

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के योरोप के लिये क्षेत्रीय कार्यालय ने कहा है कि योरोप में कोविड-19 की वैक्सीन के टीकाकरण की रफ़्तार “अस्वीकार्य स्तर तक धीमी” रही है और संक्रमण के नए मामले, लगभग सभी आयु के लोगो में फिर से उभरने लगे हैं. इस क्षेत्रीय कार्यालय के दायरे में 53 देश और क्षेत्र आते हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के योरोपीय कार्यालय ने कहा है कि अधिकतर देशों में, पिछले सप्ताह, कोरोनावायरस के संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. संक्रमण के लगभग 16 लाख नए मामले और 24 हज़ार मौतों के मामले दर्ज किये गए.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैन्स क्लूग का कहना है, “वैक्सीन, इस महामारी से बाहर निकलने के लिये, हमें सर्वश्रेष्ठ विकल्प मुहैया कराती हैं.

ये वैक्सीन ना केवल कारगर हैं, बल्कि संक्रमण को होने से रोकने में भी वो बहुत असरदार हैं. फिर भी, इन वैक्सीनों का टीकाकरण अस्वीकार्य स्तर तक धीमा रहा है.”

बढ़ती चिन्ता

दुनिया भर में, कोविड-19 से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में, योरोप का दूसरा स्थान है. योरोप में, कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या 10 लाख के क़रीब होने वाली है, संक्रमण के कुल मामले साढ़े 4 करोड़ से भी ज़्यादा होने के नज़दीक हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि संक्रमण के नए मामले, 80 वर्ष और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों के अलावा, अन्य सभी आयु वर्गों में बढ़ रहे हैं. इसका मतलब है वैक्सीन की कारगरता के शुरुआती सकारात्मक प्रभाव चिन्ह नज़र आने लगे हैं. 

ध्यान रहे कि शुरुआती चरण में 80 वर्ष और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय आपदा मामलों की निदेशिका डॉक्टर दॉरित नित्ज़ान ने कहा, “केवल पाँच सप्ताह पहले, योरोप में, संक्रमण के नए मामलों की साप्ताहिक संख्या कम होकर, 10 लाख से भी नीचे हो गई थी, लेकिन अब, इस क्षेत्र की स्थिति इतनी ज़्यादा चिन्ताजनक हो गई है, जैसीकि अनेक महीनों के दौरान नहीं देखी गई.” 

उन्होंने कहा, “धार्मिक अवकाश के दिनों में, लोगों के आवागमन और एकत्र होने के साथ बढ़ता ख़तरा जुड़ा हुआ है. अनेक देशों ने ऐसे उपाय किये हैं जो अनिवार्य हैं और इन उपायों व नियमों का पालन, हर किसी को यथासम्भव करना चाहिये.”

वायरस के रूपों का फैलाव

इस बीच कोरोनावायरस के नए रूप या प्रकार लगातार फैल रहे हैं. इसका एक नया रूप या प्रकार बी.1.1.7, सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था जोकि बाद में 50 देशों या क्षेत्रों में भी पाया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोनावायरस का ये रूप बहुत ज़्यादा संक्रमित होने वाला है और इससे संक्रमित होने के बाद मरीज़ को अस्पताल में भर्ती करने का जोखिम बहुत बढ़ जाता है, इसका मतलब है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका ज़्यादा असर हो रहा है.

ब्रिटेन से मिले आँकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 की वैक्सीन का टीकाकरण करने से, 70 वर्ष से ज़्यादा उम्र के छह हज़ार से ज़्यादा लोगों की ज़िन्दगी बचाई जा सकी है. ब्रिटेन में, इस वैक्सीन का टीकाकरण दिसम्बर 2020 में शुरू हुआ था.

इसके अतिरिक्त इसराइल से मिली जानकारी के अनुसार, फ़ाइज़र-बायोएनटैक नामक वैक्सीन का दूसरा टीका लगने बाद, यह वैक्सीन संक्रमण, गम्भीर बीमारी और अस्पताल में दाख़िल होने से बचाने में, 90 प्रतिशत तक प्रभावी है.

दाख़िल होने से बचाने में, 90 प्रतिशत तक प्रभावी है.

बढ़ाना होगा वैक्सीन उत्पादन

डॉक्टर क्लूग ने कहा कि जब तक वैक्सीन टीकाकरण का दायरा सीमित रहेगा, सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपाय, लागू किये जाते रहेंगे, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता में हो रही देरी से निपटा जा सके.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ: हमें वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाकर, टीकाकरण के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करके, सम्पूर्ण प्रक्रिया को और तेज़ करना होगा, भण्डार में मौजूद एक-एक ख़ुराक का इस्तेमाल करना होगा, बिल्कुल अभी.”

योरोप में अभी केवल 10 प्रतिशत बादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली ख़ुराक दी गई है, और केवल 4 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह टीकाकरण किया गया है.

डॉक्टर क्लूग ने योरोप के तमाम देशों की सरकारों से आग्रह किया कि वो अपने यहाँ मौजूद ज़रूरत से ज़्यादा ख़ुराक की खेप को, वैश्विक वैक्सीन एकजुटता पहल -कोवैक्स को दें या उन देशों को जिन्हें इनकी सख़्त ज़रूरत है.