वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: वैक्सीन के लिये जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता देनी होगी

मेडागास्कर में स्वास्थ्यकर्मी लोगों का कोविड-19 परीक्षण करते हुए.
World Bank/Henitsoa Rafalia
मेडागास्कर में स्वास्थ्यकर्मी लोगों का कोविड-19 परीक्षण करते हुए.

कोविड-19: वैक्सीन के लिये जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता देनी होगी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस ऐडनेहॉम घेबरेयेसस ने सोमवार को कहा है कि अब जबकि, अनेक देश, आने वाले दिनों, सप्ताहों और महीनों के दौरान, कोविड-19 महामारी की वैक्सीन मुहैया कराना शुरू करेंगे, तो स्वास्थ्य कर्मियों और जोखिमों का सामना करने वाले अन्य आबादी को वैक्सीन के लिये प्राथमिकता पर रखा जाना चाहिये. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस ऐडनेहॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में कहा, “बहुत से लोग, जो अपनी उम्र के कारण गम्भीर बीमारियों या मौत के जोखिम का सामना कर रहे हैं, वो भी प्राथमिकता पर रखे जाने चाहिये, क्योंकि उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने से गम्भीर बीमारी या मौत का ख़तरा कम होगा, और ऐसा करने से स्वास्थ्य प्रणालियों का बोझ भी कम होगा.”

“जैसे-जैसे वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ेगी, वैक्सीन मुहैया कराने के लिये, अगले समूह में, उन लोगों को शामिल किया जाना चाहिये जो अपनी मौजूदा स्वास्थ्य परिस्थितियों के कारण नाज़ुक हालात का सामना कर रहे हैं, और हाशिये पर धकेल दिये गए समूह जो बढ़े हुए जोखिम के साए में हैं.”

वैक्सीन की उपलब्धता

टीकाकरण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकारी समूह ने आबादी के लिये प्राथमिकता तय किये जाने का जो रोडमैप जारी किया है, ये सिफ़ारिशें उसी पर आधारित हैं.

टैड्रॉस ऐडनेहॉम घेबरेयेसस ने कहा, “वैक्सीन जारी होने के शुरुआती दौर में, जब देशों की बहुत छोटी सी आबादी को टीकाकरण की सुविधा मिलेगी, ये बहुत ज़रूरी है कि सरकारें, समुदाय और सभी नागरिक, प्रामाणिक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों का इस्तेमाल जारी रखें.”

उन्होंने कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अब भी ये समझने के लिये काम कर रही है कि पूरी दुनिया में लोग, कोरोनावायरस की चपेट में आए हैं, और जो लोग इसके संक्रमण का शिकार हुए हैं, उनके भीतर रोग प्रतिरोधी क्षमता कितने समय तक बनी रहती है.

वैक्सीन हिचक की तोड़

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर कैथरीन ओ ब्रायन ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की वैक्सीन के बारे में, लोगों की जानकारी फैलाना और इन इलाजों में लोगों का भरोसा बनाना, बहुत ज़रूरी है.

टीकाकरण, वैक्सीन और बायोलॉजीकल्स विभाग की निदेशक डॉक्टर कैथरीन ओ ब्रायन ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि लोग वैक्सीनों के फ़ायदों के बारे में जो अपनी राय या आकलन बनाएँगे, वो इन वैक्सीनों के महत्वपूर्ण उपकरण साबित करने में बहुत मदद करेंगे.

भरोसेमन्द स्रोत, सटीक जानकारी

डॉक्टर कैथरीन ओ ब्रायन ने कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी चाहती है कि वैक्सीन के पीछे के विज्ञान की जानकारी लोगों तक पहुँचाई जाए. लोगों का टीकाकरण करने के लिये, समुदायों और आम लोगों में, किसी वैक्सीन की विश्वसनीयता पैदा करने के लिये भरोसेमन्द स्रोत की जानकारी होना भी ज़रूरी है.

उन्होंने कहा, “इसलिये, इस तरह की जानकारी, सर्वाधिक सम्भव निम्न या स्थानीय स्तर से आनी चाहिये: भरोसेमन्द प्रदाताओं से, लोगों के चिकित्सकों या नर्सों से, जिनके पास लोग अपना इलाज करवाने जाते हैं, या फिर समुदायों में, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी अहम हस्तियों की तरफ़ से.”