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कोविड-19: कोवैक्स के टीका अनुबन्धों को प्राथमिकता देने का आग्रह

जी7 के नेताओं ने सभी लोगों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के लिये वित्त पोषण बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है.
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जी7 के नेताओं ने सभी लोगों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के लिये वित्त पोषण बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है.

कोविड-19: कोवैक्स के टीका अनुबन्धों को प्राथमिकता देने का आग्रह

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने औषधि निर्माताओं से, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली समान वैक्सीन पहल, कोवैक्स के साथ अनुबन्ध को प्राथमिकता दिये जाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह “मुद्दा दान का नहीं है, यह मुद्दा महामारी विज्ञान का है."

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने, सोमवार को नियमित प्रेस वार्ता में, कोविड-19 महामारी पर अंकुश लगाने के नवीनतम प्रयासों के बार में जानकारी देते हुए ये अपील की.

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उन्होंने सात प्रमुख औद्योगिक देशों यानि जी7 के नेताओं द्वारा शुक्रवार को लिये संकल्प की प्रशंसा की, जिसमें इन देशों ने सहयोग बढ़ाने और तथाकथित ‘ACT-एक्सेलेरेटर’ कार्यक्रम के तहत अन्तरराष्ट्रीय प्रयास में अपना कुल योगदान बढ़ाकर लगभग साढ़े सात अरब डॉलर करने की घोषणा की है.

कोवैक्स पहल के तहत, कोरोनोवायरस के प्रसार को ख़त्म करने के टीके, निदान और चिकित्सा विज्ञान का समान वितरण सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने, पिछले सप्ताह यूरोपीय संघ के देशों और G7 देशों द्वारा कुल 4 अरब 30 करोड़ डॉलर  की अतिरिक्त धनराशि देने का वादा करने के लिये, उनका आभार व्यक्त किया. 

एक और क़दम 

स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा, "ये धन और दान की राशि, साल के पहले 100 दिनों के अन्दर, हमें सभी देशों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और वृद्ध जन को टीका लगवाने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक क़दम और पास ले जाएगी."

“लेकिन सभी देशों को प्रयास तेज़ करने की ज़रूरत है.”

उन्होंने कहा कि धनराशि ही एकमात्र चुनौती नहीं है: “अगर ख़रीदने के लिये टीके ही उपलब्ध नहीं हैं, तो यह धनराशि व्यर्थ है. वर्तमान में, कुछ उच्च-आय वाले देश वैक्सीन निर्माताओं के साथ ऐसे अनुबन्ध कर रहे हैं, जो कोवैक्स के तहत होने वाले सौदों पर असर डालकर, कोवैक्स के ज़रिये  ख़रीदी जाने वाली वैक्सीन ख़ुराकों की संख्या में कमी ला सकते हैं.

“हमारे पास धन हो, तब भी हम ग़रीब देशों को टीके तभी वितरित कर सकते हैं, जब उच्च-आय वाले देश, कोवैक्स के सौदों और नए सौदों को तरजीह देने में सहयोग करे. यह मसला दान का नहीं है, यह मसला महामारी विज्ञान का है."

अब भी धन की कमी

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि सम्पूर्ण ‘एक्ट एक्सेलेरेटर’ वैक्सीन पहल के "पूरे वित्तपोषण" के लिये, अब भी लगभग 23 अरब डॉलर की कमी है.

यह सुनिश्चित करने के लिये कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों का टीकाकारण पहले हो, "हमें अधिक धन की आवश्यकता है, हमें वैक्सीन ख़ुराक तुरन्त सभी तक पहुँचाने के लिये देशों के सहयोग की आवश्यकता है, हम चाहते है कि औषधि निर्माता, कोवैक्स के साथ अनुबन्ध को प्राथमिकता दें, और टीकों के उत्पादन में तेज़ी से बढ़ोत्तरी भी ज़रूरी है,”

उन्होंने कहा, “अधिक टीके विकसित,अनुमोदित और उत्पादित किये जा रहे हैं. ये सभी के लिये पर्याप्त होंगे. लेकिन फ़िलहाल इस साल, ये टीके एक सीमित संसाधन ही रहेंगे. इसलिये हमें उन्हें रणनैतिक तरीक़े से इस्तेमाल करना होगा.”