कोविड-19: कोवैक्स के तहत, यूनीसेफ़ की पहली वैक्सीन सिरींज खेप, मालदीव को रवाना
दुनिया भर में, तमाम देशों को कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयासों में, लोगों को वैक्सीन के टीक सुरक्षित तरीक़े से लगवाने में सक्षम बनाने की दिशा में, मंगलवार को उस समय अहम बढ़त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने मालदीव को एक लाख सिरींज भेजे जाने की घोषणा की. मालदीव में जल्द ही, टीकाकरण अभियान शुरू किया जाना है.
सिरींज और सेफ़्टी बक्सों का ये बेड़ा, उस बड़े सामान की पहली खेप है जिसके तहत, यूनीसेफ़, कुल लगभग एक करोड़ 45 लाख एकल प्रयोग सीरिंज, 30 से ज़्यादा देशों में भेजने का प्रबन्ध कर रही है.
Last year, we began buying 1 billion syringes for COVID-19 vaccinations.Today, the first deliveries arrived in countries ahead of vaccines – a major moment in global efforts to end the pandemic.https://t.co/KfDcK3Q3B6
UNICEF
इनमें 0.5 मिलीलीटर सिरींज भी हैं जिनका प्रयोग ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की ख़ुराक देने के लिये किया जाता है, जबकि 0.3 मिलीलीटर सिरींज का प्रयोग फ़ाइज़र-बायोएनटैक की वैक्सीन ख़ुराक देने के लिये किया जाता है.
एक अरब ख़ुराकें
कुल मिलाकर, यूनीसेफ़ का उद्देश्य, वर्ष 2021 में, लगभग एक अरब सिरींज और लगभग एक करोड़ सेफ़्टी बक्से देशों में पहुँचाना है. ये लक्ष्य, 82 निम्न और निम्न से मध्यम आय वाले देशों में, कोरोनावायरस की वैक्सीन का टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले पूरा किया जाना है.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हैनरिएटा फ़ोर ने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध इस वैश्विक युद्ध में, सिरींज भी, वैक्सीन की ही तरह, बहुत अहम औज़ार हैं.
उन्होंने कहा, “हर देश में, वैक्सीन पहुँचने से पहले ही, पर्याप्त मात्रा में सिरींज की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना बेहद अहम है ताकि टीकाकरण सुरक्षित तरीक़े से किया जा सके. इससे टीकाकरण तत्काल शुरू हो सकेगा और वायरस के तूफ़ान का रुख़ पलटने में मदद मिलेगी.”
ऑक्सीजन क़िल्लत
संयुक्त राष्ट्र ने, कोरोनावायरस के विरुद्ध लड़ाई में जीवनरक्षक सामग्री व उपकरणों के बारे में ताज़ा जानकारी देते हुए आगाह किया है कि कोविड-19 ने दुनिया भर में, पाँच लाख से भी ज़्यादा लोगों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा की क़िल्लत पैदा कर दी है. ये वो लोग हैं जो कोविड-19 का मुक़ाबला कर रहे हैं और इसमें उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता है.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित औषधि क्रय सुविधा – UNITAID के अनुसार, निम्न व मध्यम आय वाले देशों में, कोरोनावायरस के कारण, ऑक्सीजन की माँग में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
अलबत्ता, ऑक्सीजन की क़िल्लत की ये समस्या, इसकी महंगी क़ीमत और ढाँचागत बधाओं के कारण, कोरोनावायरस का फैलाव शुरू होने के, पहले से ही मौजूद रही है.

इस आपदा का सामना करने के लिये, कोविड-19 ऑक्सीजन आपदा कार्यबल गठित किया गया है जो 20 देशों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. इनमें मलावी, नाईजीरिया और अफ़ग़ानिस्तान भी शामिल हैं.
ये कार्यबल संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों के नेतृत्व में चलाई गई कोवैक्स पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में, लोगों को कोविड-19 से बचाना है. इसके लिये अगले 12 महीनों के दौरान, लगभग एक अरब 60 करोड़ डॉलर की रक़म की आवश्यकता होगी.
वैक्सीन वितरण
संयुक्त राष्ट्र के नागरिक विमानन संगठन (ICA) और विश्व कस्टम्स संगठन (WCO) ने रविरार को एक संयुक्त वक्तव्य में तमाम देशों की सरकारों से, सीमा औपचारिकताओं में यथासम्भव लचीलापन दिखाने का आग्रह किया है.
वायु परिवहन आपूर्ति श्रंखला अभियानों में भी अधिकतम ढिलाई और लचीलापन दिखाने का आग्रह किया गया है जोकि कोविड-19 की वैक्सीन और अन्य सम्बन्धित चिकित्सा सामग्री के प्रभावी वितरण के लिये बहुत अहम है.
इन दोंनों एजेंसियों ने, देशों को अपनी सीमाओं पर कस्टम और सुरक्षा प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद के लिये, कुछ नए दिशा-निर्देश भी तैयार किये हैं.