म्याँमार: यूएन प्रमुख ने प्रदर्शनों पर घातक हिंसा के प्रयोग की निन्दा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में, प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग किये जाने की निन्दा की है. ध्यान रहे कि म्याँमार में, सेना द्वारा, 1 फ़रवरी 2021 को, सरकार अपने हाथों में लेने के विरोध में, प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, मंडालय में, शनिवार को प्रदर्शनों के दौरान कम से कम दो लोगों को मौत हो गई.
मंडालय, यंगून के बाद, म्याँमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा, “मैं, म्याँमार में, जानलेवा हिंसा के प्रयोग की निन्दा करता हूँ.”
“शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ घातक बल प्रयोग, उन्हें डराना-धमकाना और परेशान करना, बिल्कुल अस्वीकार्य है. हर किसी को, शान्तिपूर्ण सभा करने का अधिकार है. मैं सभी पक्षों से, चुनाव के परिणाम स्वीकार करने और सिविल शासन बहाल किये जाने का आग्रह करता हूँ.”
प्रदर्शनों का बढ़ता सिलसिला
म्याँमार में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद, जन प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता देखा गया है.
ध्यान रहे कि नवम्बर 2020 में, देश की सिविल सरकार के लिये चुनाव हुए थे, जिसमें आँग सान सू ची के नेतृत्व वाली पार्टी – नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने जीत हासिल की थी.
उसके बाद से ही, देश में राजनैतिक तनाव बढ़ता देखा गया था.
सेना ने, 1 फ़रवरी को, सत्ता पर क़ब्ज़ा करने के साथ-साथ, देश के शीर्ष राजनेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था, जिनमें आँग सान सू ची भी शामिल थीं.
प्रदर्शनों के दौरान मौत का शिकार हुई एक युवती म्या थ्वेट थ्वेट ख़ाइन के अन्तिम संस्कार में, रविवार को, राजधानी नाय प्यी थाव में, बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
19 वर्षीय इस युवती की, प्रदर्शनों में जान गँवाने वाले पहले व्यक्ति के रूप में पुष्टि की गई है.
उन्हें 9 फ़रवरी को, प्रदर्शनों के दौरान, सिर में गोली लगी थी, और शुक्रवार, 19 फ़रवरी को उनकी मौत हो गई.
म्याँमार में, मानवाधिकार स्थिति पर, सयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज़ ने इस युवती की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया.
उन्माद पर अंकुश
शनिवार को, मंडालय में उस समय दो लोगों की मौत हो गई, जब सुरक्षा बलों ने, शिपयार्ड (जहाज़ मरम्मत स्थल) पर हड़तालकर्मियों पर गोलियाँ चला दीं.
टॉम एंड्रयूज़ ने और भी ज़्यादा लोगों के मौत का शिकार होने पर असीम क्रोध व्यक्त किया. मारे गए दो लोगों में, एक बच्चा भी था जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष बताई गई है.
विशेष दूत ने शनिवार को एक ट्वीट सन्देश में कहा, “पानी के गोलों से लेकर, रबर की गोलियाँ और आँसू गैस तक का प्रयोग करने के बाद, अब कठोर हृदय बलों ने, प्रदर्शनकारियों पर, बेरहम गोलियाँ चलानी शुरू कर दी हैं. ये पागलपन बन्द होना होगा, बिल्कुल अभी.”
शनिवार को ही, उससे पहले, एक अन्य ट्वीट सन्देश में उन्होंने कहा था कि मंडालय में (शनिवार को) प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाने में 33वीं लाइट इनफ़ैन्टरी डिवीज़न शामिल थी.
ये वही डिवीज़न है जिसने 2017 में, रोहिंज्या लोगों पर बड़े पैमाने पर अत्याचार किये थे. “ये सेना द्वारा एक ऐसी भड़काऊ ख़तरनाक कार्रवाई है जिसमें म्याँमार के लोगों के ख़िलाफ़ युद्ध की झलक नज़र आती है.”
रैपोर्टयरों की भूमिका
टॉम एंड्रयूज़ जैसे विशेष रैपोर्टेयर, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और ना ही उन्हें संगठन से कोई वेतन मिलता है. उनकी नियुक्ति, किसी विशेष देश में किसी ख़ास स्थिति या किसी विशेष मानवाधिकार मुद्दे की निगरानी करने, और सलाह देने के लिये, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा की जाती है.