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म्याँमार में बन्दीकरण व सैन्य नियन्त्रण - लोकतान्त्रिक सुधारों के लिये भारी झटका, यूएन प्रमुख

म्याँमार की लोकतान्त्रिक नेता आँग सान सू ची
UN Photo/Violaine Martin
म्याँमार की लोकतान्त्रिक नेता आँग सान सू ची

म्याँमार में बन्दीकरण व सैन्य नियन्त्रण - लोकतान्त्रिक सुधारों के लिये भारी झटका, यूएन प्रमुख

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में सेना द्वारा देश की काउंसलर आँग सान सू ची और राष्ट्रपति विन म्यिन्त सहित अनेक राजनैतिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों को हिरासत में लिये जाने की तीखी निन्दा की है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा रविवार को जारी एक वक्तव्य में, देश में तमाम विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियाँ, सेना को स्थानान्तरित किये जाने की घोषणा पर भी “गम्भीर चिन्ता” व्यक्त की गई है.

वक्तव्य में कहा गया है, “इन घटनाक्रमों में, म्याँमार में लोकतान्त्रिक सुधारों को एक गम्भीर झटका नज़र आता है.”

यूएन महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने भी म्याँमार में हालात पर चिन्ताएँ व्यक्त की हैं. 

एक ट्वीट सन्देश में उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र और विधि के शासन की अहमियत को कम करने के प्रयास अस्वीकार्य हैं. उन्होंने हिरासत में लिये गए तमाम राजनैतिक नेताओं की तुरन्त रिहाई का भी आहवान किया है. 

तनाव में वृद्धि

गिरफ़्तारियाँ और सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने की ये घटनाएँ, म्याँमार की नई संसद का उदघाटन सत्र शुरू होने से कुछ घण्टे पहले हुईं. 

इन घटनाक्रमों से पहले, नवम्बर 2020 में हुए आम चुनाव के बाद सरकार और सेना के बीच कई दिनों तक तनाव बढ़ता देखा गया था. 

आँग सान सू ची के नेतृत्व वाली पार्टी – नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने उन चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी और मीडिया ख़बरों के अनुसार, इस पार्टी को लगभग 80 प्रतिशत सीटें हासिल हुईं.

अलबत्ता, सेना और कुछ अन्य राजनैतिक दलों ने चुनाव परिणामों पर आपत्तियाँ दर्ज करते हुए ये आरोप लगाए थे कि मतदान में अनियमितताएँ बरती गईं.

म्याँमार में लगभग 50 वर्षों का सैनिक शासन ख़त्म होने के बाद, नवम्बर 2020 में हुए चुनाव, देश के इतिहास में केवल दूसरे चुनाव थे. उससे पहले वर्ष 2015 में चुनाव हुए थे जिनमें भी आँग सान सू ची के नेतृत्व वाली एनएलडी ने जीत हासिल की थी.

जनमत का सम्मान हो

यूएन प्रमुख ने अपने वक्तव्य में, म्याँमार के सैन्य नेतृत्व से जनमत का सम्मान किये जाने और लोकतान्त्रिक मानकों का पालन किये जाने का आहवान किया है. साथ ही, किसी भी तरह के मतभेद, शान्तिपूर्ण सम्वाद के माध्यम से हल किये जाने का भी आग्रह किया गया है.

वक्तव्य में कहा गया है, “8 नवम्बर 2020 को हुए मतदान में, एनएलडी को प्रबल बहुमत मिला है जिसमें, बेहद कठिनाई से हासिल किये गए, लोकतान्त्रिक सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ते रहने के लिये, म्याँमार के लोगों की इच्छा झलकती है.”

म्याँमार की राजनैतिक नेता आंग सान सू ची संयुक्त राष्ट्र के हेग स्थित अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में पेश होते हुए (10 दिसम्बर 2019)
ICJ/Frank van Beek
म्याँमार की राजनैतिक नेता आंग सान सू ची संयुक्त राष्ट्र के हेग स्थित अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में पेश होते हुए (10 दिसम्बर 2019)

यूएन प्रमुख के वक्तव्य में कहा गया है, “तमाम नेताओं को म्याँमार के लोकतान्त्रिक सुधार के वृहद हित में काम करना होगा और उन्हें सार्थक सम्वाद में शामिल होने, हिंसा से बचने, मानवाधिकारों व बुनियादी स्वतन्त्रताओं का पूर्ण सम्मान करना होगा.”

वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन महासचिव ने म्याँमार में, लोकतन्त्र, शान्ति, मानवाधिकार और विधि के शासन की ख़ातिर, देश के लोगों को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण और दृढ़ समर्थन जारी रखने का भरोसा दिलाया है.

तड़के छापे

मीडिया ख़बरों के अनुसार, नेताओं को हिरासत में लिये जाने का सिलसिला, स्थानीय समय, सोमवार को तड़के शुरू हो गया था और हिरासत में लिये गए नेताओं को यंगून व देश के अनेक शहरों में रखा गया है. साथ ही, अनेक सैनिक, बाजारों, सड़कों और प्रमुख स्थलों पर तैनात देखे गए हैं.

व्यावसायिक शहर यंगून, राजधानी नायप्यीडाव सहित अनेक स्थानों पर मोबाइल फ़ोन, टैलीफ़ोन और इण्टरनेट भी बन्द किये जाने की ख़बरें हैं. 

सेना द्वारा संचालित एक टेलीविज़न चैनल पर घोषित किया गया है कि सेना ने एक साल के लिये आपात स्थिति लागू कर दी है.

मीडिया ख़बरों के अनुसार, अन्य राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय टेलीविज़न चैनल और रेडियो स्टेशन भी बन्द हैं.

बहुत से बैंक और नक़दी निकालने वाली मशीनें भी बन्द होने की ख़बरें हैं जिसके परिणामस्वरूप जो नक़दी केन्द्र खुले हैं, वहाँ लोगों की लम्बी क़तारें नज़र आ रही हैं.