वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड से उत्पन्न हालात में, दाएश फिर सक्रिय, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिये ख़तरा

इराक़ में एक लड़का, कार के एक मलबे पर बैठा हुआ. इस कार को, आइसिल के लड़ाकों ने आग लगा दी थी. (फ़ाइल)
© UNICEF/Lindsay Mackenzie
इराक़ में एक लड़का, कार के एक मलबे पर बैठा हुआ. इस कार को, आइसिल के लड़ाकों ने आग लगा दी थी. (फ़ाइल)

कोविड से उत्पन्न हालात में, दाएश फिर सक्रिय, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिये ख़तरा

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक मामलों के प्रमुख व्लादिमीर वोरोन्कॉफ़ ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि दाएश यानि आइसिल आतंकवादी लड़ाकों द्वारा, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिये पेश ख़तरा, फिर से बढ़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक मामलों के मुखिया व्लादिमीर वोरोन्कॉफ़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने के लिये मौजूद, तात्कालिक प्राथमिकताओं के बावजूद, सदस्यों के लिये ये भी बहुत ज़रूरी है कि वो आतंकवाद का सामना करने के लिये भी एकजुट और मुस्तैद रहें.

Tweet URL

उन्होंने कहा, “आइसिल ने, वैसे तो महामारी के कारण उत्पन्न हालात का अनुचित लाभ उठाने के लिये, कोई विशेष रणनीति नहीं अपनाई है, मगर इस संगठन ने ख़ुद को फिर से संगठित करने और अपनी गतिविधियाँ फिर से शुरू करने में कुछ हलचल दिखाई है.”

यूएन अधिकारी ने, वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के ज़रिये बात करते हुए ध्यान दिलाया कि दाएश के आतंकवादियों ने, सचल रहने और अपनी गतिविधियाँ चलाने की क्षमता को बरक़रार रखा है, जिनमें, कुछ व्यापक दायरे वाले इलाक़े भी शामिल हैं.

इसके साथ ही, महामारी का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और राजनैतिक परिणाम, कुछ लोगों को, उग्र विचार समाहित करने और आतंकवादियों के चंगुल में फँस जाने के लिये, अनुकूल हालात बना सकते हैं.

‘दीर्घकालिक व वैश्विक ख़तरा’

व्लादिमीर वोरोन्कॉफ़ ने कहा कि एक तरफ़ तो अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, इस आतंकवादी संगठन के तथाकथित ख़िलाफ़त स्थापित किये जाने के नतीजों का सामना करने में उलझा हुआ है, वहीं दाएश के लगभग 10 हज़ार लड़ाके, मुख्यतः इराक़ में, लम्बे समय से चले आ रहे चरमपंथ में फिर से जान फूँकने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे, एक दीर्घकालिक व वैश्विक ख़तरा पैदा हो गया है. 

उन्होंने विस्तार से वर्णन करते हुए बताया, “वो छोटे-छोटे, समूहों में ख़ुद को संगठित कर रहे हैं और रेगिस्तानी इलाक़ों व ग्रामीण क्षेत्रों में छुपे हुए हैं, और सीमा पार भी सक्रिय रहते हुए, हमले कर रहे हैं.”

उन्होंने सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राजदूतों को पश्चिम अफ्रीका, एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में, दाएश की गतिविधियों, के बारे में भी बताया, जहाँ अगस्त 2020 में, फ़िलीपीन्स में, महिलाओं द्वारा दो आत्मघाती बम हमले किये गए थे.

आतंकवाद निरोधक मामलों के प्रमुख, व्लादिमीर वोरोन्कॉफ़ ने दाएश के लड़ाकों से सम्बन्धित महिलाओं और बच्चों की जटिल स्थिति के बारे में भी बातचीत की.

ये लोग कठिन व अति जटिल मानवीय परिस्थितियों में फँसे हुए हैं जिन्हें अल होल में, विस्थापित के लिये बनाए गए शिविरों में रखा गया है, जहाँ सुरक्षा स्थिति बहुत ख़राब है.

आतंकवाद की विपत्ति

व्लादिमीर वोरोन्कॉफ़ ने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1373 की 20वीं वर्षगाँठ है, जो परिषद ने, अमेरिका में, 11 सितम्बर 2001 को हुए हमलों के सन्दर्भ में पारित किया था. उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वो आतंकवाद के विरुद्ध बहुपक्षीय कार्रवाई के लिये, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में अपने संकल्प फिर से पक्के करें.

उन्होंने, आइसिल को साइबर जगत, वैश्विक स्तर पर उसके सम्भावित हमलों को पहले ही रोककर, और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों द्वारा, विशेष रूप में, अफ्रीका में, दरपेश ख़तरे का सामना करके, आतंकवाद की विपत्ति को ख़त्म किये जाने की बेहद ज़रूरत है.