वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

इराक़

ज़ुबैदा (बीच में) की पैनल्टी किक से, मोसुल महिला फुटबॉल क्लब के मैच जीतने पर जश्न मनाती टीम.
© IOM/Anjam Rasool

इराक़: गोलपोस्ट पर विजय हासिल करती लड़कियाँ

अगस्त में दुनिया भर में लगभग दो अरब लोगों ने महिला वर्ल्ड कप का फाइनल देखा. वहीं इराक़ के मोसुल शहर में टिगरिस नदी के तट पर कुछ किशोरियों का समूह अपने परिवारों के साथ, इन्टरनेट पर यह मैच दिखाने वाली साइटों को खंगाल रहा था. भले ही स्क्रीन पर तस्वीरें धुँधली नज़र आ रही थीं, लेकिन उन सभी को अपना लक्ष्य एकदम स्पष्ट नज़र आ रहा था – एक दिन मोसुल फुटबॉल क्लब भी इसी खेल के मैदान में दिखाई देगा.  

इराक़ की राजधानी बग़दाद में, 19 अगस्त 2003 को, एक ट्रक बम ने, वहाँ स्थित यूएन मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया था.
UN Photo/Timothy Sopp

बग़दाद आपबीती: 2003 के हमले के बाद भी, संयुक्त राष्ट्र ने इराक़ियों को 'त्यागा नहीं'

संयुक्त राष्ट्र में वरिष्ठ राजनैतिक मामलों की एक अधिकारी ने बताया है कि वर्ष 2003 में, इराक़ में बग़दाद शहर के कैनाल होटल में, यूएन कार्यालय पर हुए हमले में मारे गए सहकर्मियों के बलिदान को, किस तरह स्वीकार किया गया है, जोकि देश में संयुक्त राष्ट्र की निरन्तर उपस्थिति से स्पष्ट है. उस दौरान न्यूयॉर्क में रहने वाली, एल्पिडा रोउका, इराक़ कार्यक्रम के कार्यालय के कार्यकारी निदेशक के साथ एक मिशन पर बग़दाद गई थीं. वो उस घातक विस्फोट में बच गईं, जिसमें उनके 22 यूएन सहयोगियों की मौत हो गई थी. 19 अगस्त पर हुए उस हमले की याद में, हर वर्ष, इसी दिन विश्व मानवतावादी दिवस मनाया जाता है. एल्पिडा रोउका की आपबीती...

इराक़ की राजधानी बग़दाद में 20 वर्ष पहले एक आत्मघाती बम हमले में अपनी जान गँवाने वाले यूएन कर्मचारियों को श्रृद्धांजलि अर्पित की गई.
UN Photo/Loey Felipe

बग़दाद धमाके के दो दशक बाद, बढ़ते जोखिमों के बीच, मानवतावादियों की रक्षा के प्रयास

संयुक्त राष्ट्र ने 20 वर्ष पहले इराक़ की राजधानी बग़दाद स्थित यूएन मुख्यालय में एक आत्मघाती बम हमले में अपनी जान गँवाने वाले कर्मचारियों को शुक्रवार को श्रृद्धासुमन अर्पित किए हैं. कैनाल होटल में बम विस्फोट की इस घटना को संगठन के इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में देखा जाता है.

इराक़ के कैनाल होटल में 2003 में हुए भीषण बम विस्फोट के बाद का एक दृश्य.
UN Photo

बग़दाद आपबीती: 2003 में हुए हमले के ‘दर्दनाक मनोवैज्ञानिक घाव' आज भी हैं हरे

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक पूर्व स्टाफ़ ख़ालिद मंसूर ने, 2003 में इराक़ की राजधानी बग़दाद के कैनाल होटल में, संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों पर हुए घातक आतंकवादी हमलों के "अपार मनोवैज्ञानिक घावों" के बारे में विस्तार से बात की. खालिद मंसूरअब एक लेखक और पत्रकार हैंउस समय इराक़ में डब्ल्यूएफ़पी के प्रवक्ता थे, और उस घातक विस्फोट में बाल-बाल बचे थे, जिसमें उनके 22 संयुक्त राष्ट्र सहयोगियों की मौत हो गई थी. 19 अगस्त के हमले की स्मृति में मनाए जाने वाले विश्व मानवतावादी दिवस पर, वो अपने जीवन और उससे मिले सबक़ पर विचार साझा कर रहे हैं...

वर्ष 2003 में, 19 अगस्त को, इराक़ की राजधानी बग़दाद में, एक भीषण बम हमले ने, यूएन मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया था.
UN Photo/Timothy Sopp

बग़दाद आपबीती: 'उस दिन मानो मेरा कुछ हिस्सा भी ख़त्म हो गया'

वर्ष 2003 में इराक़ की राजधानी बग़दाद में, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हुए आतंकवादी हमले में, सर्वोच्च बलिदान करने वाले संयुक्त राष्ट्र के एक कर्मचारी की विधवा बता रही हैं कि "उस दुखद क्षण में, किस तरह, मानो उनका एक हिस्सा भी ख़त्म हो गया." लौरा ने, हमले के बीस साल बाद और हर साल 19 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व मानवतावादी दिवस के अवसर पर, अपने पति की यादें साझा कीं.

वोल्कर टर्क ने, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त के रूप में, अगस्त 2023 में इराक़ की पहली यात्रा की है.
UN Human Rights

यूएन प्रमुख वोल्कर टर्क की प्रथम इराक़ यात्रा सम्पन्न

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने इराक़ की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पूरी की है जिस दौरान उन्होंने अति महत्वपूर्ण मानवाधिकार चिन्ताओं, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और सुधारों की ज़रूरत को रेखांकित किया. उन्होंने देश के नेतृत्व से, वर्तमान में दरपेश चुनौतियों का मुक़ाबला करने में, इराक़ी लोगों के हितों से दिग्दर्शित होने का भी आहवान किया.

ज़म मुआन वुंग को 9 वर्ष की उम्र में, म्याँमार स्थित अपना घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
UNHCR India

अपने घरों से दूर जबरन विस्थापितों को, भारत में मिला एक घरौंदा

संय़ुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का भारत कार्यालय, सरकार के साथ मिलकर शरणार्थियों तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विस्थापित हुए लोगों के लिए एक गरिमामय जीवन सुनिश्चित किया जा सके. यूएन एजेंसी ने इस वर्ष शरणार्थी दिवस पर, शरणार्थियों की सहनसक्षमता और हार ना मानने के उनके जज़्बे को दर्शाने के लिए सोशल मीडिया के ज़रिये उनके अनुभवों को साझा किया है. इन्हीं में से कुछ शरणार्थियों पर एक नज़र... 

इराक़ के क़य्यारा में आइसिल लड़ाकों ने से पीछे हटते समय स्थानीय तेल कुँओं में आग लगा दी है. (फ़ाइल)
© UNICEF/Alessio Romenzi

इराक़: कोर्ट में स्वीकार्य साक्ष्य, सक्षम अदालतें, आइसिल पीड़ितों को न्याय के लिए अहम

इराक़ में आतंकवादी गुट आइसिल (दाएश) द्वारा अंजाम दिए गए अपराधों की जवाबदेही के लिए गठित यूएन जाँच दल (UNITAD) के प्रमुख क्रिस्टियान रिट्सशर ने दोषियों की जवाबदेही तय करने और उन पर मुक़दमा चलाने के लिए सक्षम अदालतों, स्वीकार्य व विश्वसनीय साक्ष्यों और उपयुक्त क़ानूनी फ़्रेमवर्क की अहमियत पर बल दिया है.  

महासचिव की विशेष प्रतिनिधि और इराक़ के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख, जनिन हेन्निस-प्लसहायर्ट (दाएँ), सुरक्षा परिषद के सदस्यों को देश की स्थिति के बारे में जानकारी दे रही हैं.
UN Photo/Loey Felipe

इराक़: लाभों के बावजूद अभी 'पूर्ण बदलाव नहीं’

संयुक्त राष्ट्र की एक शीर्ष अधिकारी ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि इराक़ में घटते नागरिक स्थान, स्थगित होते चुनाव और जलवायु आपातस्थिति पर बढ़ती चिन्ताओं के मद्देनज़र, स्थिरता एवं मेहनत से हासिल किए गए लाभ बनाए रखने के लिए, मज़बूत समर्थन की आवश्यकता है.

इराक़ में एक महिला 30 वर्ष पहले ग़ायब हुए अपने पति की तस्वीर दिखा रही हैं
© ICRC/Mohammad Jawad Alhamzah

इराक़: जबरन गुमशुदगी पर विराम के लिए, जाँच व नए क़ानूनों की मांग

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने सचेत किया है कि इराक़ में पिछले पाँच दशकों के दौरान, ढाई से 10 लाख लोगों के ग़ायब होने की आशंका है, और यह एक ऐसा संकट है, जो अब भी जारी है. यूएन विशेषज्ञों ने इसे एक जघन्य अपराध क़रार देते हुए तुरन्त जाँच व क़ानूनी उपायों की पुकार लगाई है.