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अहिंसा दिवस पर यूएन प्रमुख की वैश्विक युद्धविराम की ताज़ा पुकार

अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस के मौक़े पर यूएन मुख्यालय इमारत में आयोजित समारोहों के दौरान कबूतरों की उड़ान
UN Photo/Mark Garten
अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस के मौक़े पर यूएन मुख्यालय इमारत में आयोजित समारोहों के दौरान कबूतरों की उड़ान

अहिंसा दिवस पर यूएन प्रमुख की वैश्विक युद्धविराम की ताज़ा पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरश ने 2 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौक़े पर वैश्विक युद्धविराम की अपनी पुकार फिर दोहराई है. अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गाँधी के जन्म दिवस (जयन्ती) की याद में हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है, और वर्ष 2020 का ये दिवस कोरोनावायरस महामारी से हुई भारी मानवीय और सामाजिक-आर्थिक तबाही की छाया में मनाया जा रहा है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर दिये अपने सन्देश में सभी को उनके “विशेष कर्तव्य” की याद दिलाते हुए कहा है कि लड़ाई व युद्ध रोकें और पूरी मानवता के साझा दुश्मन कोविड-19 का मुक़ाबला करने पर ध्यान केन्द्रित करें. 

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उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान लड़ाई-झगड़ों, संघर्षों और युद्धों में तो केवल एक ही विजेता हो सकता है, और वो ख़ुद कोरोनावायरस.”

महासचिव ने कहा, “जब कोरोनावायरस का प्रकोप शुरू ही हुआ था, मैंने वैश्विक युद्धविराम की अपील की थी. वैश्विक युद्धविराम को वर्ष 2020 के अन्त तक एक वास्तविकता बनाने के लिये, आज हमें अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ़ से नई प्रतिबद्धता और प्रयासों की ज़रूरत है.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि युद्धविराम लागू होने से बहुत बड़ी आबादी की बहुत गहरी तकलीफ़ें कुछ आसान होंगी, अकाल का ख़तरा कम करने में मदद मिलेगी, और शान्ति की दिशा में वार्ता के लिये जगह बनेगी.

“गहरे आपसी अविश्वास और सन्देह रास्ते में बाधा बने हुए हैं. इसके बावजूद, मुझे उम्मीद के कारण नज़र आते हैं. कुछ स्थानों पर हम हिंसा में थमाव देखते हैं.”

उन्होंने कहा कि बहुत से सदस्य देशों, धार्मिक हस्तियों, सिविल सोसायटी नैटवर्कों और अन्य पक्षों ने युद्धविराम की उनकी अपील को समर्थन दिया है.

“हमारे शान्ति प्रयास और ज़्यादा व सघन करने का अब सटीक समय है, आइये, महात्मा गाँधी की आत्मा और यूएन चार्टर के चिरजीवी सिद्धान्तों से प्रेरणा हासिल करें.”

अहिंसा व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन की अदभुत ताक़त

महासचिव ने अपने सन्देश में ये भी कहा कि अन्तरराष्ट्रीय दिवस, अहिंसा व शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों की “अदभुत शक्ति” पर रौशनी डालता है.

उन्होंने कहा, “महात्मा गाँधी जिन मूल्यों के साथ जिये, ये दिवस, उन मूल्यों के लिये जद्दोजहद करने की याद दिलाने का सटीक मौक़ा है. वो मूल्य थे: गरिमा और सभी के लिये समान संरक्षण को बढ़ावा देना, और सभी समुदायों का एक साथ अमन-सुकून का साथ वास.”

यूएन महासभा ने वर्ष 2007 में एक प्रस्ताव पारित करके 2 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया था.

ये दिवस महात्मा गाँधी की जयन्ती के मौक़े पर मनाए जाने की घोषणा की गई थी.

मोहनदास करमचन्द गाँधी (महात्मा गाँधी) ने भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन का नेतृत्व किया था और उन्होंने अहिंसा के दर्शन व रणनीति को आगे बढ़ाया.