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75वाँ सत्र: ईरान अमेरिकी चुनावों और घरेलू राजनीति में ‘मोलभाव का मुद्दा नहीं’ 

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी जनरल असेम्बली को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Manuel Elias
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी जनरल असेम्बली को सम्बोधित करते हुए.

75वाँ सत्र: ईरान अमेरिकी चुनावों और घरेलू राजनीति में ‘मोलभाव का मुद्दा नहीं’ 

यूएन मामले

ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के दौरान जनरल असेम्बली को सम्बोधित करते हुए कहा है कि उनके देश को अमेरिका में चुनावों और घरेलू नीतियों के लिये मोलभाव के मुद्दे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. 

राष्ट्रपति रोहानी ने ज़ोर देकर कहा कि चन्द विश्व शक्तियों के दबदबे और आधिपत्य का युग काफ़ी समय पहले ही ख़त्म हो चुका है. 

यूएन महासभा की वार्षिक चर्चा में विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने वर्ष 2015 की संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (2015 Joint Comprehensive Programme of Action /JCPOA) को कूटनीति के इतिहास की सबसे बडी उपलब्धियों में से एक क़रार दिया. 

उन्होंने दावा किया कि अमेरिका द्वारा बार-बार समझौते का हनन किये जाने के बावजूद ईरान इसके लिये ईमानदारी बरतता रहा है.

राष्ट्रपति रोहानी ने अपने देश पर लगाए जा रहे कथित बेसिरपैर के आरोपों और अमेरिका द्वारा सुरक्षा परिषद व प्रस्ताव 2231 का फ़ायदा उठाने के ग़ैरक़ानूनी प्रयासों की निन्दा की.  

“मैं अगस्त और सितम्बर 2020 के महीनों के लिये सुरक्षा परिषद के अध्यक्षों की सराहना व्यक्त करना चाहता हूँ, साथ ही उसके 13 सदस्यों की भी, विशेषत: रूस और चीन की, जिन्होंने परिषद और उसके प्रस्ताव 2231 का फ़ायदा उठाने के ग़ैरक़ानूनी अमेरिकी प्रयास को दो बार निर्णायक और पुरज़ोर ढँग से नकार दिया.” 

उन्होंने कहा कि ना सिर्फ़ यह ईरान के लिये जीत है बल्कि वैश्विक समुदाय के लिये भी जीत है जो दर्शाती है कि पश्चिम के दबदबे वाले दौर के बाद की बदलती दुनिया (Post-Western World) व अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था में किस तरह आधिपत्य जमाने की चाह रखने वाले को अलग-थलग और शर्मसार होना पड़ा. 

राष्ट्रपति रोहानी ने कोविड-19 महामारी के दौरान ईरानी जनता की कठिनाइयों का ज़िक्र करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय समझौते का हनन करते हुए थोपे गए प्रतिबन्धों से इन मुश्किलों असर और ज़्यादा गहरा हुआ है. 

“प्रतिबन्धों के कारण जीवन कठिन हो गया है. लेकिन बिना आज़ादी के जीवन और भी कठिन होता है.” उन्होंने कहा कि ईरान की जनता के लिये गरिमा और समृद्धि बेहद अहम हैं. 

“हम अमेरिकी चुनावों और घरेलू नीतियों में मोलभाव का मुद्दा नहीं हैं. आगामी चुनावों के बाद किसी भी अमेरिकी सरकार के पास कोई विकल्प नहीं होगा, सिवाय इसके कि ईरानी राष्ट्र की सहनक्षमता के आगे आत्मसमर्पण कर दिया जाये.”

उन्होंने कहा कि दुनिया के लिये यही वो क्षण है जब दम्भ और डराए-धमकाए जाने के चलन को नकारा जाना होगा. 

ईरानी राष्ट्रपति के मुताबिक दबदबे और आधिपत्य जमाने का युग अब बीत चुका है. “हमारे राष्ट्र और बच्चे नियम आधारित एक बेहतर और सुरक्षित विश्व के हक़दार हैं. सही चयन के लिये यह सही समय है.”