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75वाँ सत्र: चीन का कोविड-19 के ख़िलाफ़ एकजुटता को बढ़ावा देने का आहवान

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग महासभा के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग महासभा के 75वें सत्र को सम्बोधित करते हुए.

75वाँ सत्र: चीन का कोविड-19 के ख़िलाफ़ एकजुटता को बढ़ावा देने का आहवान

यूएन मामले

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासबा के 75वें सत्र की जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता को मज़बूती दिये जाने का आहवान किया है. राष्ट्रपति जिनपिंग ने घोषणा की है कि जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ व्यापक लड़ाई में कामयाबी के लिये चीन ने वर्ष 2060 तक कार्बन तटस्थता, यानि नैट कार्बन उत्सर्जन शून्य की स्थिति हासिल करने का लक्ष्य रखा है. 

यूएन महासभा हॉल में चीनी राष्ट्रपति के रिकॉर्डेड सन्देश के प्रसारण से पहले चीनी राजदूत झाँग जून ने राष्ट्रपति का परिचय दिया.

उन्होंने अमेरिका का उल्लेख किये बग़ैर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की उस पुकार का विरोध किया जिसमें उन्होंने दुनिया पर वायरस थोपने के लिये चीन की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है. 

उन्होंने कहा, “चीन मज़बूती से इस बेसिरपैर के आरोप को ख़ारिज करता है.”

राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस लड़ाई में विज्ञान की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की इसमें अग्रणी भूमिका है और मुद्दे का राजनीतिकरण किये जाने के प्रयासों से बचना चाहिये. 

उन्होंने कहा कि इस क्रम में व्यापक स्तर पर दीर्घकालीन उपाय किये जाने होंगे, व्यवसायों व स्कूलों को व्यवस्थित ढँग से खोलना होगा और रोज़गारों, अर्थव्यवस्थाओं और आर्थिक व सामाजिक जीवन को फिर से पटरी पर लाना होगा. 

चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि मानवता एक ऐसे वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुटी है जो दुनिया में भारी विपत्ति का कारण बना है और बार-बार उभर रहा है.

उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों की जनता ने साथ आकर साहस, संकल्प और करुणा से इस इस स्याह क्षण में त्रासदी का सामना किया है. 

“वायरस को पराजित किया जाएगा. मानवता इस लड़ाई में विजयी होगी.”

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वायरस से निपटने की कार्रवाई में लोगों व जीवन को सर्वोपरि रखते हुए, और विज्ञान को आधार बनाते हुए सभी संसाधनों के साथ समन्वित कार्रवाई करनी होगी. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन प्रयासों के तहत एकजुटता को बढ़ावा देना होगा और इस दौर से साथ मिलकर बाहर निकलना होगा. 

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि विकासशील देशों, विशेषत: अफ़्रीकी देशों की ज़रूरतों का ख़याल रखे जाने की ज़रूरत है, और क़र्ज़ माफ़ी व अन्तरराष्ट्रीय सहायता के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को सामयिक व असरदार उपाय करने होंगे. 

एक ‘बड़ा परिवार’

राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा, “हमें एक दूसरे को एक बड़े परिवार के सदस्य के रूप में देखना चाहिये, इस तरह सहयोग करना चाहिये जिसमें सभी के लिये लाभ हो और विचाराधारा के विवादों से ऊपर उठना चाहिये.”

“इससे भी ज़्यादा अहम बात ये है कि हमें विकास के पथ और मॉडल के मामले में देशों की स्वतन्त्र पसन्द का सम्मान करना चाहिये.” 

उन्होंने कहा कि दुनिया को, आर्थिक वैश्वीकरण की चुनौतियों का सामना करने से कतराए बिना, समावेशी व न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देना चाहिये.

उन्होंने एक खुली विश्व अर्थव्यवस्था का आहवान किया जिसमें विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप बहुपक्षीय व्यापार बरक़रार रखा जाए.

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वायरस से दुनिया में मची तबाही के बाद हरित क्रान्ति की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.

“जलवायु परिवर्तन पर पैरिस समझौता दुनिया के लिये हरित और कम कार्बन पर आधारित विकास का मार्ग प्रशस्त करता है.” 

ज़्यादा निवेश

उन्होंने सभी देशों से ऐतिहासिक पैरिस समझौते का सम्मान करने की पुकार लगाई और कहा कि देशों को राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं के तहत नई नीतियाँ व उपाय अपनाने होंगे. 

“हमारा लक्ष्य 2030 से पहले तक CO2 उत्सर्जन के स्तर में कमी शुरू कर देना है और 2060 तक कार्बन तटस्थता की स्थिति हासिल करना है. हम सभी देशों से सर्वजन के लिये नवाचारी, समन्वित, हरित और खुले विकास के लिये प्रयास करने का अनुरोध करते हैं.” 

उन्होंने बताया कि बहुपक्षवाद संयुक्त राष्ट्र की बुनियाद में है और इसका पालन किया जाना ज़रूरी है. उन्होंने सभी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं से अपने दायित्वों का निर्वहने करने और लोगों की आशाओं को पूरा करने का आहवान किया.

चीनी राष्ट्रपति के मुताबिक उनके देश ने कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने और आर्थिक जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिये हरसम्भव प्रयास किये हैं. 

उन्होंने भरोसा जताया कि टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा के तहत तय किये गए ग़रीबी उन्मूलन के लक्ष्य को चीन एक दशक पहले ही पूरा कर लेगा. 

राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन विश्व शान्ति के निर्माता के रूप में अपना काम जारी रखते हुए वैश्विक विकास में योगदान देगा और अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करेगा. 

अपने सम्बोधन में चीनी राष्ट्रपति ने कोविड-19 के ख़िलाफ़ वैश्विक मानवीय राहत कार्रवाई योजना में पाँच करोड़ डॉलर के योगदान की घोषणा की है. 

साथ ही उन्होंने चीन और यूएन कृषि एजेंसी के बीच दक्षिण-दक्षिण सहयोग ट्रस्ट कोष के लिये पाँच करोड़ डॉलर की धनराशि प्रदान करने का संकल्प लिया है. 

इसके अतिरिक्त चीन और संयुक्त राष्ट्र के बीच शान्ति एवँ विकास ट्रस्ट कोष वर्ष 2025 से परे और पाँच साल के लिये बढ़ा दिया गया है.