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बेलारूस: शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल-प्रयोग पर चिन्ता

बेलारूस में विवादास्पद चुनाव नतीजों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करती महिलाएँ.
Kseniya Halubovich
बेलारूस में विवादास्पद चुनाव नतीजों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करती महिलाएँ.

बेलारूस: शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल-प्रयोग पर चिन्ता

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बेलारूस में विवादित राष्ट्रपति चुनाव नतीजों के बाद शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बलपूर्वक कार्रवाई के जारी रहने और उन्हें हिरासत में लिये जाने पर गहरी चिन्ता जताई है. उन्होंने बेलारूस की सरकार को ध्यान दिलाया है कि विरोध-प्रदर्शनकारी अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.  

यूएन प्रमुख ने शुक्रवार को जारी अपने एक बयान में नागरिक समाज संगठनों, मीडियाकर्मियों और विरोधी नेताओं को डराए-धमकाए जाने की ख़बरों पर चिन्ता जताई है. 

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उन्होंने स्थानीय प्रशासन से शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों में शिरकत करने वाले प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बल-प्रयोग से बचने की अपील की है. 

साथ ही उन्होंने कहा है कि हिरासत में लिये गए लोगों के साथ बुरा बर्ताव किये जाने और उन्हें यातना दिये जाने के आरोपों की जाँच सुनिश्चित की जानी होगी. 

 “व्यापक और समावेशी सम्वाद के ज़रिये ही बेलारूस की जनता मौजूदा संकट को सुलझा सकती है जो स्थिरता के हित में तत्काल शुरू किया जाना चाहिये.”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से यह वक्तव्य इस सप्ताह अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के महानिदेशक गाय राइडर द्वारा राष्ट्रपति अलेक्ज़ेण्डर लुकाशेन्को को लिखे एक पत्र के बाद जारी किया गया है. 

इस ख़त में उन्होंने ट्रेड यूनियन के उन छह नेताओं की गिरफ़्तारी की आलोचना की है जो हाल के हफ़्तों में देश भर में हो रहे शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे थे. 

ग़ौरतलब है कि बेलारूस में अगस्त 2020 में हुए चुनावों में विपक्ष ने धाँधली के आरोप लगाए हैं जिसके बाद ये प्रदर्शन भड़क उठे हैं. 

यूएन श्रम एजेंसी के प्रमुख ने राष्ट्रपति लुकाशेन्को से हिरासत में लिये गये व्यापार संघ के नेताओं को रिहा करने और उनके ख़िलाफ़ लगाए गये आरोप वापिस लेने का आग्रह किया है. 

साथ ही उन्होंने कामगारों के अधिकारों के प्रति पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किये जाने की बात कही है. “महज़ एक हड़ताल या शान्तिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लेने या उसे आयोजित करने के लिये किसी को भी उसकी आज़ादी से वंचित नहीं किया जाना चाहिये या दण्ड देने के लिये आरोप लगाने चाहिये.” 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी बेलारूस की सरकार से हिंसक दमन का अन्त करने का आग्रह किया है, और आगाह किया है कि प्रताड़ना को किसी भी आधार पर जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है.  

उन्होंने कहा कि जब तक सरकार की ओर से मानवाधिकारों के हनन के मामलों में जवाबदेही तय किये जाने का सुस्पष्ट संकल्प नहीं लिया जाता तब तक न्याय सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है.