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कोविड-19: असरदार निदान, उपचार और वैक्सीन के लिए ऐतिहासिक पहल

यूएन कर्मचारी गयाना में लैब विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं.
PAHO/WHO Guyana
यूएन कर्मचारी गयाना में लैब विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं.

कोविड-19: असरदार निदान, उपचार और वैक्सीन के लिए ऐतिहासिक पहल

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और साझीदार संगठनों ने ऐतिहासिक एकजुटता प्रदर्शित करते हुए एक नया प्रोजेक्ट ‘ACT Accelerator’ शुरू किया है जिसकी मदद से कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ वैक्सीन व दवाओं सहित अन्य नए चिकित्सा औज़ार विकसित करने की रफ़्तार बढ़ाई जाएगी. इस पहल को दुनिया भर से नेताओं, वैज्ञानिकों, मानवीय राहतकर्मियों व निजी क्षेत्र से समर्थन मिला है ताकि वैक्सीन व उपचारों के विकसित होने पर उन्हें जल्द उपलब्ध कराया जा सके. 

इस पहल को कोविड-19 के ख़िलाफ़ प्रभावी औज़ारों की उपलब्धता तेज़ बनाने यानि 'Access to COVID-19 Tools (act) Accelerator' नाम दिया गया है ताकि महामारी से निपटने के लिए निदान, उपचार और वैक्सीन को विकसित किया जा सके.

शुक्रवार को इस पहल की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत हुई और फ़्रांस, दक्षिण अफ़्रीका, कोस्टा रीका, स्पेन और रवांडा सहित अन्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने इसका समर्थन किया है. 

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न्यूयॉर्क से यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 से मुक्त दुनिया के लिए विश्व के इतिहास में सबसे व्यापक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों की आवश्यकता होगी. 

“ऑंकड़े एक दूसरे के साथ साझा करने होंगे, उत्पादन क्षमता तैयार करनी होगी, संसाधन जुटाने होंगे, समुदायों के साथ संपर्क क़ायम करना होगा और राजनीति को दूर रखना होगा. मैं जानता हूँ कि हम यह कर सकते हैं. मैं जानता हूं कि हम लोगों को सर्वोपरि रख सकते हैं.” 

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि एक दूसरे पर निर्भर दुनिया में कोई भी कोरोनावायरस बीमारी से सुरक्षित नहीं है. 

“कोविड-19 सीमाओं का सम्मान नहीं करता. कोविड-19 का कहीं भी होना, अन्य हर स्थान पर लोगों के लिए ख़तरा होना है.”

उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन की ज़रूरत किसी एक देश, क्षेत्र या आधी दुनिया को नहीं है. एक सुरक्षित किफ़ायती, आसानी से दी जाने वाली और हर जगह उपलब्ध यह वैक्सीन सभी के लिए होगी. 

कोविड-19 के पहले संक्रमण का पहला मामला पिछले साल दिसंबर में चीन के वूहान शहर में सामने आया था जिसके तीन महीने बाद इसे विश्वव्यापी महामारी के रूप में परिभाषित किया गया. अब तक दुनिया भर में संक्रमण के 26 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और एक लाख 82 हज़ार लोगों की मौत हुई है.

इस विकराल स्वास्थ्य संकट से विश्व अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोज़गार और आवागमन पर भी अभूतपूर्व असर पड़ा है.

जनवरी 2020 से विश्व स्वास्थ्य संगठन हज़ारों शोधकर्ताओं के साथ महामारी की वैक्सीन विकसित करने की रफ़्तार तेज़ करने के प्रयासों में जुटा है ताकि इस महामारी से लोगों की रक्षा की जा सके.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने निदान के लिए प्रक्रिया भी विकसित की है जिसका इस्तेमाल अनेक देश कर रहे हैं. साथ ही वायरस के असरदार उपचार की तलाश में एकजुटता ट्रायल भी चल रहा है. 

यूएन एजेंसी प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि इस दुनिया को इन औज़ारों की जल्द से जल्द ज़रूरत है.

उन्होंने ‘ACT Accelerator’ को एक ऐतिहासिक एकजुटता का उदाहरण क़रार दिया है जिसके ज़रिए अनेक संगठनों ने एक साथ आकर प्रयास किए हैं. 

इनमें अहम साझीदारों में ग्लोबल वैक्सीन एलायंस (GAVI) प्रमुख है जो कोविड-19 से मुक़ाबले के लिए चिकित्सा औज़ार विकसित करने की गति तेज़ करने में मदद कर रहे हैं. 

एलायंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेठ बर्कले ने बताया, “हमें एक वैक्सीन कार्यक्रम बनाना होगा जिसमें अरबों की संख्या में ख़ुराकें व्यापक स्तर पर इतनी तेज़ी से वितरित की जा सकें, जो पहले कभी सोचा नहीं गया, हासिल करना तो दूर की बात है. इतिहास में सबसे तेज़ गति से वैक्सीन मुहैया कराया जाना.”

योरोपीय आयोग एक मुहिम के तहत साढ़े सात अरब यूरो की रक़म जुटाने के लिए 4 मई को एक वैश्विक संकल्प प्रयास की मेज़बानी करेगा. इससे कोविड-19 महामारी के निदान व उपचार प्रयासों को मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया जाएगा.