कोविड-19: वैक्सीन के लिये धन जुटाने में तूफ़ानी तेज़ी की दरकार

वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं ने कोविड-19 के संक्रमण के ऐसे परीक्षण किटों, दवाओं और टीकों का विकास तेज़ी से करने के प्रति अपना संकल्प व्यक्त किया है जो किसी भी ज़रूरतमन्द इनसान को हर जगह उपलब्ध हों. इन नेताओं में 30 से अधिक देशों के मुखिया और मन्त्री शामिल थे.
गुरूवार को जारी एक वक्तव्य में उन्होंने 35 अरब डॉलर की और राशि जुटाने का भी संकल्प लिया.
Global leaders – incl. over 30 heads of state and ministers – release statement of commitment to galvanize support for the Access to #COVID19 Tools (ACT) Accelerator and provide the financial resources required https://t.co/Za3rsO8wtUpic.twitter.com/n222K5z6hY
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कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये चिकित्सा उपकरण व दवाएँ मुहैया कराने के मिशन - एसीटी एक्सेलेरेटर को आगे बढ़ाने के लिये अभी इतनी ही राशि की दरकार और होगी.
इस मिशन के तहत दुनिया भर में कोविड-19 से बचाने वाले टीके की 2 अरब ख़ुराकें, साढ़े 24 करोड़ उपचार किटों और 50 करोड़ परीक्षण किटें तैयार की जानी हैं.
इन वैश्विक नेतृत्वकर्ताओं ने कहा, “हम ये समझते हैं कि कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये आवश्यक चिकित्सा उपकरणों का विकास तेज़ी से करने और हर जगह, हर एक इनसान को ये दवाएँ व उपकरण उपलब्ध कराने के मिशन के लिये राजनैतिक समर्थन व वित्तीय संसाधनों की तत्काल ज़रूरत है.”
एसीटी-एक्सेलेरेटर अभियान अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था और उसके बाद से इस मिशन के लिये केवल दो अरब 70 करोड़ डॉलर की धनराशि प्राप्त हुई है जोकि इसके लिये ज़रूरी धनराशि का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा भर है.
गुरूवार को हुई इस वर्चुअल बैठक के साथ ही इस मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करने वाली परिषद की उदघाटन बैठक भी हुई.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बैठक को अपने सम्बोधन में अपील करते हुए कहा कि मिशन के लिये धन जुटाने के वास्ते नाटकीय तेज़ी दिखानी होगी ताकि दुनिया फर से अपने पैरों पर खड़ी होकर आगे बढ़े, सामान्य कामकाज में जुट जाए और फिर से समृद्धि के रास्ते पर चल सके.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “हमें कामकाज शुरू करने के लिये बुनियादी ज़रूरतों से लेकर कोई परिणाम हासिल करने और उसका प्रभाव देखने के लिये 35 अरब डॉलर की ज़रूरत है. इस संख्या में बहुत तात्कालिकता है.”
"बिल्कुल अभी शुरू करके अगले तीन महीनों के दौरान अगर 15 अरब डॉलर की रक़म नहीं जुटा ली जाती है, तो हम मौक़ा हाथ से गँवा देंगे.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एसीटी-एक्सेलेरेटर अभियान ने पहले ही अच्छे नतीजे दिखाने शुरू कर दिये हैं. गुरूवार की बैठक को यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और योरोपीय आयोग ने मिलकर आयोजित किया था.
Donors must go deep into the exceptional funds they have approved to address #COVID19 in all its dimensions. Without mobilization of these exceptional resources the amounts I mentioned will never be reached, & it is essential that they are reached.- @antonioguterres pic.twitter.com/11fcKxIMJS
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस समय तक 170 से ज़्यादा देश कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की मुहिम में शामिल हो चुके हैं. इस मिशन के चार स्तम्भों में से एक देशों को साथ लेकर चलना भी है.
कोविड-19 के 10 वैक्सीन टीकों का फ़िलहाल परीक्षण किया जा रहा है, उनमें से 9 क्लीनिकल परीक्षण के स्तर पर पहुँच चुकी हैं.
विश्व स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडेनहॉम घेबरेयेसस ने धन राशि जुटाने में तेज़ी लाने के लिये दलील पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण आज भी हर दिन लगभग 5 हज़ार लोगों की मौत हो रही है.
उधर वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस वर्ष खरबों डॉलर का नुक़सान होने का ख़तरा है.
उन्होंने कहा, “एसीटी-एक्सेलेरेटर मुहिम को पर्याप्त धन सहायता मुहैया कराने से महामारी को सीमित करने में मदद मिलेगी और ऐसा होने से जब अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आने लगेगी तो इस निवेश के फ़ायदे भी तेज़ी से मिलने लगेंगे.”
एसीटी-एक्सेलेरेटर मुहिम की मदद करने वाली सुविधा परिषद की संयुक्त - अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफ़ोसा और नॉर्वे की प्रधानमन्त्री एरना सोलबर्ग कर रहे हैं.
परिषद के सदस्यों ने ताज़ा रणनीति और तेज़ी लाने के लिये धन निवेश की दलील की समीक्षा की जिन्हें 17 सितम्बर तक अन्तिम रूप दिया जाना है.
ये काम संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र के उच्चस्तरीय सप्ताह से पहले होना है जोकि हर वर्ष सिम्तबर के अन्तिम सप्ताह में होता है.
योरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वॉन डेर लेयेन की नज़र में इस बैठक के आयोजन के ज़रिये कोविड-19 का मुक़ाबला करने के उपकरण सभी को उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक और क़दम आगे बढ़त हासिल की गई.
उन्होंने कहा, “योरोपीय संघ विश्व को कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ एकजुट रखने में मदद करने के लिये हर सम्भव क्षमता का उपयोग करेगा.“
“उत्तर और दक्षिण का प्रतिनिधित्व करने वाले नॉर्वे और दक्षिण अफ्रीका की सह-अध्यक्षता और विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारे अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों की विशेषज्ञता की बदौलत, इस लड़ाई में किसी भी देश या क्षेत्र को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा.”