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'पागलपन की आँधी से बढ़ती अस्थिरता के संकेत'

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी और संगठन की वर्ष 2020 के लिए प्राथमिकताओं के बारे में मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020 को प्रेस वार्ता में पत्रकारों को जानकारी दी.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी और संगठन की वर्ष 2020 के लिए प्राथमिकताओं के बारे में मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020 को प्रेस वार्ता में पत्रकारों को जानकारी दी.

'पागलपन की आँधी से बढ़ती अस्थिरता के संकेत'

यूएन मामले

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि पूरी दुनिया में बढ़ती अस्थिरता और अनपेक्षित भू-राजनैतिक तनावों ने पागलपन की एक आँधी को जन्म दिया है. उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में मंगलवार को पत्रकारों के लिए अपनी मुख्य वार्षिक प्रेस वार्ता के दौरान ये बात कही.

कुछ स्थानों पर हाल ही में बढ़े तनाव के मद्देनज़र उन्होंने कहा कि वैसे तो तनाव कम करने के प्रयासों में प्रगति नज़र आ रही है मगर स्थिति में बहुत बदलाव आ चुका है.

महासचिव ने कहा, “मैंने आशाओं की बयार की भी बात की है, मगर आज के दौर में पूरी दुनिया में पागलपन की एक आँधी चल रही है. लीबिया से लेकर यमन, सीरिया और उससे भी आगे अनेक स्थानों पर, तनाव फिर से चरम पर है. हथियार हर जगह मौजूद हैं और हमलों में बढ़ोत्तरी हुई है.”

प्रस्तावों का ‘असम्मान’

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा, “हर परिस्थिति भिन्न है मगर ऐसी अस्थिरता बढ़ने के बारे में चिंता देखी जा रही है जहाँ मामूली सी बात पर तनाव भड़क सकता है. उसके बाद तो हालात बहुत अनपेक्षित और नियंत्रण के बाहर चले जाते हैं जिनमें स्थिति को समझने में ग़लतियाँ होने का जोखिम बहुत बढ़ जाता है.”

“इस बीच सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की अनदेखी की जा रही है, यहाँ तक कि वो प्रस्ताव पारित हुए सिर्फ़ कुछ ही समय बीता है.”

इसी तरह की तमाम परिस्थितियों का ज़िक्र करते हुए महासचिव ने संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थानों की मौजूदगी की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे संगठन 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

उन्होंने कहा, “आने वाले वर्ष में संघर्षों और तकलीफ़ों का सिलसिला ख़त्म करने की भरपूर कोशिश करूंगा जिसमें शांति के लिए सटीक कूटनीति पर ज़्यादा ज़ोर रहेगा.”

कोयले की लत ख़तरनाक

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु कार्रवाई पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि महासागरों का तापमान बढ़ रहा है जिसके परिणामस्वरूप हिम भी पिघल रहा है, अंततः ये स्थिति जलवायु संकट और भी ज़्यादा ख़तरनाक बना रही है.

कार्बन डाय ऑक्साइड की सांद्रता पहले से कहीं बहुत ज़्यादा होने की तरफ़ बढ़ने के संदर्भ में उन्होंने कार्बन डाय ऑक्साइड के सबसे बड़े उत्सर्जक देशों का आहवान किया कि वो इस चुनौती का सामना करने के लिए नए तरीक़े अपनाकर और धन मुहैया करके नया रास्ता दिखाएँ.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमें कार्बन की एक क़ीमत तय करनी होगी और जीवाश्म ईंधन पर अनुदान को भी बन्द करना होगा. हम अब भी देख रहे हैं कि कोयले से चलने वाले बहुत से नए संयंत्र स्थापित करने की योजनाएँ बनाई जा रही हैं. कोयले की लत अब भी ख़तरनाक तरीके से लगी हुई है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ग़रीबी और असमानता के दुष्चक्र को तोड़ना होगा. उन्होंने पत्रकारों को याद दिलाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इस वर्ष कार्रवाई दशक की शुरुआत की है.

टिकाऊ विकास एजेंडा में कुल 17 लक्ष्य हैं जिनमें ग़रीबी और भुखमरी को समाप्त करना, बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा दिलाना और लिंग समानता हासिल करने के लक्ष्य भी शामिल हैं.

यूएन महासचिव ने कहा, “हम जानते हैं कि किसी एक लक्ष्य को हासिल करने पर हुई प्रगति से अन्य लक्ष्यों पर भी प्रगति को रफ़्तार मिल सकती है. हम ये भी जानते हैं कि ये लाभकारी सिलसिला संभव है और इसी से विकास और ख़ुशहाली की दिशा में रास्ता निकल सकता है.”