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वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकारों का आह्वान

मंगोलिया में प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा है. स्कूल बस का इंतज़ार करता एक बच्चा.
UNICEF/Mungunkhishig Batbaatar
मंगोलिया में प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा है. स्कूल बस का इंतज़ार करता एक बच्चा.

वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकारों का आह्वान

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र ने वायु प्रदूषण कम करने और सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के इरादे से  साझेदार संगठनों के साथ मिलकर सरकारों से ‘क्लीन एयर इनिशिएटिव’ से जुड़ने का आह्वान किया है. सितंबर में यूएन जलवायु शिखर वार्ता से पहले सरकारों से वायु की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की अपील की गई है ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके और 2030 तक जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण नीतियों में एकरूपता लाई जा सके.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में 23 सितंबर को जलवायु शिखर वार्ता बुलाई है जिससे पहले उन्होंने विश्व नेताओं से बैठक में जलवायु कार्रवाई के लिए ठोस योजनाओं के साथ आने का आग्रह किया है.

इस वार्ता के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत अम्बैसेडर लुइस अल्फ़ोंसो दे अल्बा ने मंगलवार को दिल्ली में इस पहल से जुड़ने का आह्वान किया - इस पहल में संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संस्था (UNEP) और ‘क्लाइमेट एंड क्लीन एयर कोएलिशन’ (CCAC) शामिल हैं.

इस समारोह में यूएन प्रमुख के विशेष दूत ने बताया कि “जलवायु संकट और वायु प्रदूषण संकट दोनों के पीछे एक ही वजहें हैं और साझा कार्रवाई के ज़रिए उनका सामना किया जा सकता है. "

"हर स्तर पर सरकारों के सामने यह एक ज़रूरत है और जलवायु संकट का समाधान तलाश करने के साथ-साथ विश्व भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य की बेहतरी और उनकी जान बचाने का एक बड़ा अवसर भी है – यह काम करते समय टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर प्रगति भी की जा सकती है.”

उन्होंने हर स्तर पर सरकारों से इस चुनौती का आगे बढ़कर जवाब देने, मज़बूत संकल्प साथ लाने और जलवायु कार्रवाई के लिए होने वाली शिखर वार्ता के लिए ठोस योजनाओं को साथ लाने की अपील की है.

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जलते कूड़े के ढेर के पास से गुज़रते लोग.
UNICEF/Khan
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जलते कूड़े के ढेर के पास से गुज़रते लोग.

दुनिया में हर 10 में से 9 व्यक्ति जिस हवा में सांस लेते हैं वह स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है. एक अनुमान के अनुसार वायु प्रदूषण से हर साल 70 लाख असामयिक मौतें हो रही हैं जिनमें छह लाख से ज़्यादा बच्चे हैं.

इस चुनौती से निपटने के लिए एक ऐसे विश्व की कल्पना की गई है जो वायु प्रदूषण से मुक्त हो और इसके लिए देशों और शहरों के लिए ज़रूरी होगा कि वे वायु गुणवत्ता के लिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा स्थापित मानकों को हासिल करने का संकल्प लें.

साफ़ हवा के लिए शुरू की गई इस पहल की अहमियत को रेखांकित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि, “इस साल महासचिव द्वारा आयोजित शिखर वार्ता एक अहम अवसर है जलवायु-सहनशील स्वास्थ्य प्रणालियों में मज़बूत संकल्पों और निवेशों को सुनिश्चित करने का, वायु की गुणवत्ता की निगरानी और नीतियों को लागू करने का.”

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के अंतर्गत तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने से वर्ष 2050 तक हर साल 10 लाख ज़िंदगियों को बचाया जा सकता है और स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में 54 ट्रिलियन डॉलर तक का लाभ हो सकता है जिसे सिर्फ़ वायु प्रदूषण में कमी लाकर ही हासिल किया जा सकता है.

इस पहल की मदद से  राष्ट्रीय और स्थानीय सभी स्तरों पर सरकारों से वायु की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया है ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके और 2030 तक जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण नीतियों में एकरूपता लाई जा सके.

2019 शिखर वार्ता में एक हिस्सा ‘सोशल एंड पॉलिटिकल ड्राइवर्स एक्शन एरिया’ पर केंद्रित है और इसी के अंतर्गत ‘क्लीन एयर इनिशिएटिव’ को विकसित किया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए इसे पेरू और स्पेन की सरकारों, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA), अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोग से तैयार किया है.

सरकारें हर स्तर पर ‘Clean Air Initiative’ या ‘स्वच्छ वायु पहल’ में शामिल हो सकती है और कार्रवाई के लिए संकल्प ले सकती है. उदाहरण के तौर पर:

  • वायु की गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन की नीतियों को लागू करने से ताकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता के लिए निर्धारित मानक हासिल किए जा सकें  
  • ई-मोबिलिटी और टिकाऊ मोबिलिटी नीतियों और कारर्वाई को लागू करने से ताकि सड़क परिवहन के ज़रिए होने वाले उत्सर्जन में कमी लाई जा सके
  • यह जानकारी जुटाकर कि कितने लोगों की ज़िंदगियों को बचाया जा सकता है, बच्चों में स्वास्थ्य लाभ किस तरह हो रहा है और स्वास्थ्य प्रणालियों में ज़रूरी नीतियों को लागू करने से ख़र्चों में कितनी बचत हुई
  • प्रगति पर नज़र रखने, अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ तरीक़ों को एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के ज़रिए साझा करने से