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ग़ाज़ा में पोलियो निरोधक वैक्सीन अभियान के लिए, मानवीय युद्ध ठहराव

ग़ाज़ा में 25 वर्षों बाद पोलियो बीमारी की पुष्टि हुई है.
UN News/Ziad Taleb
ग़ाज़ा में 25 वर्षों बाद पोलियो बीमारी की पुष्टि हुई है.

ग़ाज़ा में पोलियो निरोधक वैक्सीन अभियान के लिए, मानवीय युद्ध ठहराव

मानवीय सहायता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को बताया है कि ग़ाज़ा में 6 लाख 40 हज़ार बच्चों को पोलियो निरोधक वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के लिए, वहाँ युद्धरत पक्षों और यूएन सहायता एजेंसियो के दरम्यान, युद्ध में मानवीय ठहराव के लिए, एक अस्थाई समझौता हुआ है.

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इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में यूएन सहायता एजेंसी – WHO के प्रतिनिधि डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने बताया है कि पोलियो वैक्सीन की दो ख़ुराकें पिलाए जाने का अभियान आगामी रविवार को तीन दिन के लिए केन्द्रीय ग़ाज़ा में शुरू होगा.

उसके बाद ये अभियान दक्षिणी और उत्तरी इलाक़ों की तरफ़ चलाया जाएगा. दूसरी ख़ुराक चार सप्ताहों बाद पिलाई जाएगी.

डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने बताया कि इस वैक्सीन अभियान के दौरान फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय, यूएन एजेंसियों की मदद से, 10 वर्ष से कम उम्र के 6 लाख 40 हज़ार से अधिक बच्चों को कुछ सप्ताहों के अन्तराल पर दो ख़ुराकें पिलाई जाएंगी.

वैक्सीन ख़ुराकें तैयार हैं

यह वैक्सीन अभियान चलाने के लिए, पहले ही लगभग साढ़े 12 लाख ख़ुराकें ग़ाज़ा पहुँच चुकी है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, इनके अलावा लगभग चार लाख दीगर ख़ुराकें भी ग़ाज़ा में जल्द ही पहुँचने वाली हैं.

डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न ने ग़ाज़ा से बात करते हुए, वैक्सीन अभियान के लिए, कुछ विशिष्ट इलाक़ों में युद्धक गतिविधियों में मानवीय ठहराव लागू करने के लिए, इसराइली सेना  के साथ हुई एक प्रारम्भिक प्रतिबद्धता का स्वागत किया.

उन्होंने कहा, “हम सभी सम्बद्ध पक्षों से, लड़ाई रोक देने की पुकार लगाते हैं ताकि बच्चों और परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक सुरक्षित पहुँच हासिल हो सके."

"साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी उन बच्चों तक पहुँचने के लिए भी यह आवश्यक है जो पोलियो ख़ुराक पीने के लिए, स्वास्थ्य सुविधाओं तक नहीं पहुँच सकते हैं.”

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO ने आगाह करते हुए कहा है कि युद्धक गतिविधियों में ठहराव लागू किए बिना, ये वैक्सीन अभियान सम्भव नहीं है, जोकि किन्हीं भी परिस्थितियों में, एक बहुत बड़ा अभियान है.

जबकि ग़ाज़ा में तो 10 महीने से जारी भीषण युद्ध, 40 हज़ार से अधिक लोगों की मौतों, एक लाख से अधिक लोगों के घायल होने और बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन ने बहुत जटिल हालात उत्पन्न कर दिए हैं.

अनेक बाधाओं का सामना

पोलियो के संक्रमण का फैलाव पूरी तरह से रोकने के लिए, वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के हर चरण में कम से कम 90 प्रतिशत इलाक़े को कवर किया जाना ज़रूरी है. इस जल जनित और किसी समय जानलेवा रही बीमारी – पोलियो के अन्तरराष्ट्रीय फैलाव की रोकथाम के लिए भी ऐसा किया जाना ज़रूरी है.

ग़ौरतलब है कि पोलियो व्यक्ति को जीवन भर के लिए अपाहिज बना सकता है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO, पोलियो वैक्सीन पिलाए जाने के इस अभियान के दौरान बच्चों व परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी युद्धरत पक्षों के साथ समन्वय करेगी जिनमें इसराइली मानवीय समन्वय एजेंसी – COGAT भी शामिल है.

डॉक्टर रिक पीपरकॉर्न का कहना है कि इस वैक्सीन अभियान को चलाने में सक्रिय समर्थन देने के लिए मुस्तैद लगभग 2 हज़ार 180 स्वास्थ्य कर्मियों और सामुदायिक कर्मियों की सुरक्षा भी बहुत अहम मुद्दा है.

WHO के अनुसार, ग़ाज़ा और पश्चिमी तट इलाक़ों में, आमतौर पर नियमित टीकाकरण अच्छे हालात में होता रहा है, जिनमें माता-पिता और अभिभावक जन, अपने बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए स्वयं ही स्वास्थ्य सुविधाओं में ले जाते रहे हैं.

बीते वर्षों के दौरान, टीकाकरण कवरेज 95 प्रतिशत तक रही है, जोकि अनेक देशों से कहीं अधिक है. 

पश्चिमी तट में इसराइली हमले जारी

इस बीच इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र – पश्चिमी तट में, इसराइली सेना के हमले चौथे दिन भी जारी रहने पर, मानवीय सहायता एजेंसियों ने, आम लोगों व सहायता टीमों की सुरक्षा के बारे में चिन्ताएँ जताई हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार देर रात को इसराइली हमलों मे आई इस तेज़ी की निन्दा करते हुए, इन हमलों को तुरन्त बन्द किए जाने का आहवान किया है.

फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर (2023) में मौजूदा युद्ध शुरू होने क बाद से, पश्चिमी तट और पूर्वी येरूशेलम में 652 फ़लस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 150 बच्चे हैं.  5 हज़ार 400 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं.