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बांग्लादेश: बाढ़ में 40 लाख लोग फँसे, 16 लाख बच्चे भी, यूनीसेफ़ मदद में सक्रिय

बांग्लादेश में जून 2022 में आई बाढ़ से 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें 16 लाख बच्चे हैं और उन सभी को तत्काल सहायता की आवश्यकता है.
© UNICEF/Mukut
बांग्लादेश में जून 2022 में आई बाढ़ से 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें 16 लाख बच्चे हैं और उन सभी को तत्काल सहायता की आवश्यकता है.

बांग्लादेश: बाढ़ में 40 लाख लोग फँसे, 16 लाख बच्चे भी, यूनीसेफ़ मदद में सक्रिय

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने कहा है कि बांग्लादेश के पूर्वोत्तर इलाक़े में आई ताज़ा बाढ़ में लगभग 40 लाख लोग फँस गए हैं जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है. इनमें लगभग 16 लाख बच्चे भी हैं.

एजेंसी ने बताया है कि बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने और पानी व स्वास्थ्य सामग्री की आपात सहायता उपलब्ध कराने के लिये, यूनीसेफ़ घटनास्थलों पर मौजूद है.

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बांग्लादेश में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि शैल्डॉन यैट्ट ने बताया, “बच्चों को, तत्काल पीने के सुरक्षित पानी की आवश्यकता है. पानी से होने वाली घातक बीमारियों को रोकना भी, अनेक चिन्ताओं में शामिल है.”

यूनीसेफ़ ने पहले ही, जल शुद्धिकरण की चार लाख गोलियाँ भेज दी हैं, जो 80 हज़ार घरों में, एक सप्ताह तक शुद्ध जल मुहैया कराने के लिये पर्याप्त हैं. 

यूएन बाल एजेंसी, आपात उपायों में बांग्लादेश सरकार की सहायता करने के लिये भी काम कर रही है जिसमें जल शुद्धिकरण की लाखों गोलियाँ उपलब्ध कराना, पानी ढोने के लिये प्रयोग होने वाले जैरी कनस्तर, और महिलाओं व किशोर लड़कियों के लिये हज़ारों स्वच्छता किटें भी शामिल हैं.

यूनीसेफ़, ज़िला स्वास्थ्य सेवाओं को मुहैया कराने के लिये, आपात चिकित्सा सामान की ख़रीदारी भी कर रहा है.

सिलहट डिविज़न में, 90 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाएँ बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि पानी से होने वाली बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं.

बच्चों के डूबकर मौत हो जाने का बहुत ज़्यादा जोखिम है, जोकि देश में पहले बच्चों की मौत का एक बड़ा कारण है.

36 हज़ार से ज़्यादा बच्चों को अपने परिवारों के साथ, ऐसे स्थानों पर पनाह लेनी पड़ी है जहाँ पहले से ही बहुत भीड़ है. स्कूल बन्द कर दिये गए हैं, और परीक्षाएँ रद्द कर दी गई हैं, जिससे बच्चों की स्कूली शिक्षा में और भी बाधा पड़ेगी. 

बच्चों को कोविड-19 महामारी के कारण लागू की गई पाबन्दियों के अन्तर्गत लगभग डेढ़ वर्ष तक स्कूल बन्द होने से, पहले ही शिक्षा का नुक़सान उठाना पड़ा है.

कम से कम 8 बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी है.

देश में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि शेल्डॉन ने यैट्ट ने कहा, “हमें उन बच्चों के साथ गहरी सम्वेदना है जो पहले ही अपनी ज़िन्दगियाँ गँवा चुके हैं.” 

“हताशाजनक स्थितियों में, बच्चे ही सबसे ज़्यादा निर्बल होते हैं. यूनीसेफ़, बच्चों की तात्कालिक आवश्यकताएँ पूरी करने के लिये, स्थानीय अधिकारियों और साझीदारों के साथ मिलकर, अथक काम कर रहा है.”

यूनीसेफ़ ने आपात सहायता मुहैया कराने के लिये, 25 लाख डॉलर की सहायता अपील की है जिसके ज़रिये बच्चों व उनके परिवारों को जीवनरक्षक सामान व सेवाएँ मुहैया कराए जाएंगे.