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सूडान: अल-फ़शर में आम लोग, युद्ध की सख़्त जकड़ में

सूडान के उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त की राजधानी अल-फ़शर शहर में, लाखों विस्थापित लोग रह रहे हैं. (फ़ाइल)
© UNICEF/Shehzad Noorani
सूडान के उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त की राजधानी अल-फ़शर शहर में, लाखों विस्थापित लोग रह रहे हैं. (फ़ाइल)

सूडान: अल-फ़शर में आम लोग, युद्ध की सख़्त जकड़ में

शान्ति और सुरक्षा

सूडान में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष सहायता अधिकारी क्लेमेंटाइन न्कवेता-सलामी ने आगाह किया है कि देश में युद्ध अल-फ़शर इलाक़े में आम लोगों पर अपनी जकड़ मज़बूत कर रहा है. उन्होंने देश में भीषण मानवीय स्थिति पर गहरा सदमा व्यक्त किया है.

सूडान की सरकारी सेना और प्रतिद्वन्दी त्वरित समर्थन बलों (RSF) के दरम्यान पिछले क़रीब एक वर्ष से चल रहा युद्ध, हाल के दिनों में, उत्तरी दारफ़ूर शहर में सघन हुआ है.

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सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता समन्वयक क्लेमेंटाइन न्कवेता-सलामी ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि सभी तरफ़ के लोग हमलों की चपेट में हैं और हताहतों और लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किए जाने के बारे में आ रही ख़बरें, हृदयविदारक हैं.

‘अत्यन्त चिन्ताजनक ख़बरें’

उन्होंने कहा, “बच्चों और वृद्ध जन सहित परिवार, सुरक्षा की ख़ातिर अन्यत्र स्थानों की तरफ़ जाने की कोशिशें कर रहे हैं मगर उन्हें शहर से बाहर निकलने से रोका जा रहा है.”

“हमें अत्यन्त चिन्ताजनक ख़बरें मिल रही हैं कि युद्धरत पक्षों ने, चिकित्सा सुविधाएँ, विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाया है.”

क्लेमेंटाइन न्कवेता-सलामी ने कहा कि अल-फ़शर के बहुत से हिस्सों में बिजला और पानी की आपूर्ति नहीं हो रही ह और भोजन, स्वास्थ्य देखभाल व अन्य बुनियादी ज़रूरतों और सेवाओं की कमी का सामना करने वाली आबादी की संख्या बढ़ रही है.

पक्षों से अपील

उन्होंने कहा, “जानलेवा युद्ध के एक वर्ष से भी अधिक समय के दौरान, परिवार, पहले से सीमित संसाधनों का प्रयोग करके धक चुके है और हिंसा जारी रहने का हर दिन गुज़रने के बाद, उनकी सहनशीलता जवाब दे रही है.”

देश में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी ने ज़ोर दिया कि सभी पक्षों को, घनी आबादी वाले इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों का प्रयोग करने से बचना होगा और आम लोगों व सिविस बुनियादी ढाँचे की रक्षा के लिए सभी सम्भव तरीक़े अपनाने होंगे.

क्लेमेंटाइन न्कवेता-सलामी ने कहा, “युद्ध के कुछ नियम हैं और उनका सम्मान सभी को करना होगा, हर क़ीमत पर.”

युद्ध से लाखों लोग विस्थापित

इस बीच यूएन आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन एक ताज़ा आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि युद्ध ने, सूडान के भीतर ही 70 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया है, जिनमें आधी से अधिक संख्या बच्चों की है.

इनके अलावा, अप्रैल 2023 में युद्ध भड़कने के बाद, से लगभग 20 लाख लोग, पड़ोसी देशों में पनाह ले चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र और उसकी साझीदार एजेंसियाँ, सूडान में खाद्य अभाव और खाद्य असुरक्षा की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के प्रयास तेज़ कर रही हैं.

पूरे देश में लगभग एक करोड़ 80 लाख लोगों को भूखे पेट रहना पड़ रहा है और लगभग 50 लाख लोग, अकाल के निकट पहुँच चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बताया है कि लगभग एक लाख 16 हज़ार लोगों की खाद्य ज़रूरतों को पूरा करने वाली, क़रीब 1,200 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री, पूरे दारफ़ूर क्षेत्र में भेजी जा रही है.

सूडान में युद्ध का असर, बच्चों पर भी बहुत भीषण हुआ है. लाखों बच्चे विस्थापित और खाद्य अभाव से त्रस्त हैं. यूएन एजेंसियाँ उनकी मदद में सक्रिय हैं.
UNICEF