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ग़ाज़ा: विश्व न्यायालय (ICJ) का इसराइल को रफ़ाह में सैन्य हमला रोकने का आदेश

ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में भी इसराइली हमले से जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है और मानवीय सहायता की आपूर्ति लगभग ठप हो गई.
© UNRWA
ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में भी इसराइली हमले से जान-माल का भारी नुक़सान हुआ है और मानवीय सहायता की आपूर्ति लगभग ठप हो गई.

ग़ाज़ा: विश्व न्यायालय (ICJ) का इसराइल को रफ़ाह में सैन्य हमला रोकने का आदेश

शान्ति और सुरक्षा

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने शुक्रवार को नए अन्तरिम प्रावधान जारी किए हैं जिनमें इसराइल से, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े – रफ़ाह में अपने सैन्य अभियान तुरन्त रोकने का आदेश दिया गया है. साथ ही इसराइल से रफ़ाह की सीमा चौकी को आपात मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए खोले जाने का आदेश भी दिया गया है.

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय का इसराइल को यह आदेश, दक्षिण अफ़्रीका द्वारा दायर उस मुक़दमें में सुनाया गया है जिसमें इसराइल पर जनसंहार सन्धि के तहत उसकी ज़िम्मेदारियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.

न्यायालय के न्यायाधीश नवाफ़ सलाम ने शुक्रवार को द हेग स्थित परिसर में एक खुले सत्र में नए अन्तरिम प्रावधानों को पढ़ते हुए घोषणा की कि इसराइल को जनसंहार सन्धि के अन्तर्गत उसकी ज़िम्मेदारियों का अनिवार्य रूप से पालन करते हुए, “रफ़ाह गवर्नरेट में अपने सैन्य हमले और अन्य कार्रवाइयों को तत्काल रोकना होगा, जो ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी समूह के लिए ऐसे जीवन हालात बना सकते हैं, जो पूर्ण या आंशिक रूप से उनके भौतिक विनाश का कारण बन सकते हैं.”

न्यायालय ने यह आदेश 13 मतों के समर्थन और दो मतों के विरोध के साथ पारित किया है.

न्यायालय ने ये नए प्रावधान, दक्षिण अफ़्रीका द्वारा, दिसम्बर 2023 में इसराइल के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए मुक़दमे के सम्बन्ध में, 10 मई को किए गए अनुरोध पर सुनवाई के बाद जारी किए गए हैं.

दक्षिण अफ़्रीका द्वारा दायर मुक़दमें में, इसराइल पर ग़ाज़ा युद्ध में जनसंहार सन्धि के तहत उसकी ज़िम्मेदारियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.

ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास ने इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में एक आतंकी हमला किया था जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया था.

उसके बाद इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में शुरू किए गए हमले में अभी तक लगभग 36 हज़ार फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं और पूरे ग़ाज़ा में भीषण तबाही हुई है. पूरे ग़ाज़ा पट्टी में नाकाबन्दी और गोलाबारी के हालात में अकाल के हालात बनते नज़र आ रहे हैं.

रफ़ाह सीमा चौकी को खोले जाने का आदेश

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय ने, रफ़ाह में 7 मई को इसराइल का हमला शुरू होने के बाद, बदतर होते ज़मीनी हालात के मद्देनज़र 13 मत समर्थन में और 2 मत विरोध के साथ फ़ैसला सुनाया है कि नए प्रावधानों में, इसराइल को तत्काल मानवीय सहायता सामग्री की निर्बाध आपूर्ति के लिए, रफ़ाह सीमा चौकी को खोलना होगा.

इस आदेश में इसराइल से, जनसंहार के आरोपों की जाँच के लिए तथ्यान्वेशी मिशन को निर्बाध पहुँच सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है.

 ध्यान रहे कि ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए, मुख्य प्रवेश द्वार रफ़ाह सीमा चौकी, 7 मई से बन्द है.

जज नवाफ़ सलाम ने आदेश पढ़ते हुए कहा, “न्यायालय इस दलील से सहमत नहीं है कि इसराइल ने लोगों को बेदख़ली के जो आदेश दिए हैं और उससे सम्बन्धित उपाय, ग़ाज़ा पट्टी में आम लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं.”

न्यायालय ने इसके अतिरिक्त इसराइल को, इन अन्तरिम प्रावधानों को लागू किए जाने के बारे में, एक महीने के बीतर रिपोर्ट दाख़िल करने का भी आदेश दिया है.

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण लोगों को बार-बार विस्थापित होना पड़ रहा है.
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लगातार भीषण होती स्थिति

जज नवाफ़ सलाम ने कहा कि न्यायालय ने ये पाया है कि जब उसने पिछली बार मार्च में अन्तरिम प्रावधान जारी किए थे, तब से ग़ाज़ा में स्थिति लगातार और भी बदतर हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि रफ़ाह में इसराइल के हमले के बाद से, नज्जर अस्पताल काम करने लायक नहीं बचा है और सहायता प्रयास प्रभावित हुए हैं.

न्यायालय ने ये भी ध्यान दिलाया कि रफ़ाह में इसराइल द्वारा लोगों की बेदख़ली के आदेश जारी किए जाने के बाद, 8 लाख से अधिक लोगों को, अल मवासी जैसे तटवर्ती स्थानों की तरफ़ भागना पड़ा है, जहाँ उनके रहने के लिए बुनियादी सेवाओं की कमी है.

न्यायालय दक्षिण अफ़्रीका का मुक़दमा दर्ज किए जाने के बाद से, जनवरी और मार्च में अन्तरिम प्रावधान जारी कर चुका है जिनमें इसराइल को अन्य चीज़ों के अलावा, ग़ाज़ा में पर्याप्त मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, क़दम उठाने के भी कहा गया है.

अलबत्ता, यूएन एजेंसियों ने ख़बर दी है कि इस समय ग़ाज़ा में बहुत कम मानवीय सहायता सामग्री दाख़िल हो पा रही है.

बन्धकों की रिहाई की पुकार दोहराई

जज नवाफ़ सलाम ने शुक्रवार को ही याद दिलाया कि पिछले दो बार के अन्तरिम प्रावधानों में, न्यायालय ने, 7 अक्टूबर (2023) को इसराइल में किए गए हमलों में बन्धक बनाए गए लोगों के भाग्य के बारे में गम्भीर चिन्ता व्यक्त की थी और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की थी. ध्यान रहे कि हमास ने इन लोगों को बन्धक बना रखा है.

उन्होंने कहा कि न्यायालय ने इस स्थिति को बहुत हृदय विदारक बताया है कि इन लोगों को अब भी बन्धक बनाकर रखा गया है और उनका तत्काल व बिना शर्त रिहाई की पुकार दोहराई.