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ग़ाज़ा: रफ़ाह से छह लाख फ़लस्तीनी विस्थापित होने के लिए मजबूर

ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में स्थित नासेर मेडिकल परिसर में एक मातृत्व वार्ड.
OCHA / Olga Cherevko
ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में स्थित नासेर मेडिकल परिसर में एक मातृत्व वार्ड.

ग़ाज़ा: रफ़ाह से छह लाख फ़लस्तीनी विस्थापित होने के लिए मजबूर

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने ग़ाज़ा पट्टी में भीषण लड़ाई के बीच अकाल के आसन्न जोखिम के प्रति अपनी चेतावनी फिर दोहराई है. ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता आपूर्ति पर पाबन्दियाँ हैं और राहत पहुँचाने के लिए सुरक्षित मार्ग भी उपलब्ध नहीं है. इस बीच, रफ़ाह से अब तक छह लाख लोगों के मजबूरन विस्थापित होने की ख़बर है.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा युद्ध के सात महीने के बीत चुके हैं. कठिन हालात में यहाँ बहुत छोटे बच्चे पैदा हो रहे हैं.

यूएन एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने एक सन्देश मे बताया कि डेढ़ लाख से अधिक गर्भवती व स्तनपान करा रही महिलाओं को स्वास्थ्य जोखिमों व गंदगीपूर्ण वातावरण से जूझना पड़ रहा है. 

उन्होंने हबीबा का उल्लेख किया, जोकि “एक छोटे टैंट में पैदा हुई थी. वो दो सप्ताह की है और उसका वज़न दो किलोग्राम से भी कम है.”  

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विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बताया कि अपने बच्चों को सुरक्षित रखने और उनका पेट भरने के लिए अभिभावक विशाल चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

कुपोषण को दूर रखने के लिए, यूएन एजेंसी द्वारा पौष्टिक खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है, मगर कई अभिभावक अपने बच्चों को खाना देने के लिए अक्सर स्वयं भूखे पेट सो रहे हैं. 

WFP के अनुसार, बच्चों में कुपोषण के मामलों में रिकॉर्ड तेज़ी से उछाल दर्ज किया जा रहा है और दो वर्ष से कम आयु के हर तीन में से एक बच्चा, पिछले कुछ दिनों में कुपोषण या नाटेपन का शिकार हुआ है.

यूएन एजेंसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदार संगठनों के पास ग़ाज़ा में 22 लाख लोगों के लिए सहायता का स्तर बढ़ाने की क्षमता है, मगर यह मानवतावादी युद्धविराम की स्थिति में ही सम्भव हो सकता है.

भीषण झड़पें

इस बीच, उत्तरी ग़ाज़ा के जबालिया और दक्षिण में रफ़ाह में इसराइली सैनिकों और फ़लस्तीनी लड़ाकों के बीच गोलीबारी व झड़पें हो रही हैं. इन हालात में ज़रूरतमन्दों तक मानवीय राहत पहुँचाने की भी कोशिशें हो रही हैं.

पिछले एक सप्ताह में अब तक, साढ़े चार लाख लोग रफ़ाह छोड़कर जा चुके हैं जबकि एक लाख लोग उत्तरी ग़ाज़ा से विस्थापित हुए हैं. इसराइली सेना द्वारा बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के बाद आम फ़लस्तीनी अन्य स्थानों पर शरण की तलाश में गए हैं. 

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने बताया कि मानवीय राहतकर्मी, जहाँ तक सम्भव हो सके, ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने में जुटे हैं. 

मगर, रफ़ाह में मुख्य सीमा चौकी बन्द है और नज़दीक ही स्थित केरोम शेलॉम चौकी के पास सुरक्षित सहायता मार्ग व्यावहारिक नहीं है. 

नासेर अस्पताल में सेवाओं की बहाली

OCHA ने ख़ान यूनिस में स्थित नासेर मेडिकल परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं के जल्द ही शुरू होने की जानकारी दी है. यह अस्पताल, दक्षिणी ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस में स्थित है और सबसे बड़े अस्पतालों में से है. 

फ़रवरी महीने में इसराइली गोलाबारी में इस अस्पताल को नुक़सान पहुँचा था और इसराइली सैनिकों ने कई हफ्तों तक चली लड़ाई व घेराबन्दी के बाद इस स्वास्थ्य केन्द्र में प्रवेश किया था. 

यूएन एजेंसी ने अपने एक अपडेट में बताया है कि पिछले सप्ताह से उन मरीज़ों के लिए डायलिसिस उपचार सेवा फिर से शुरू की गई है, जिनका रफ़ाह के अल नज्जर अस्पताल में इलाज नहीं हो सकता है.

सहायता ट्रक बने निशाना

ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्द आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाने के काम में अवरोध बरक़रार हैं. पिछले सप्ताह पश्चिमी तट में इसराइली बस्तियों के निवासियों ने ग़ाज़ावासियों के लिए सहायता ट्रक पर हमले किए थे. इस घटना में कई ट्रक क्षतिग्रस्त हो गए, उनमें लदा सामान गिराकर बिखेर दिया गया और उसे नष्ट किया गया.  

अपुष्ट ख़बरों के अनुसार, इसराइली बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने जॉर्डन से आने वाले ट्रकों का रास्ता अवरुद्ध कर दिया है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा प्राप्त नवीनतम जानकारी के अनुसार, 7 अक्टूबर के बाद से अब तक कम से कम 35 हज़ार लोगों की जान गई है और हज़ारों अन्य घायल हुए हैं.

7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास व अन्य फ़लस्तीनी गुटों के हमलों में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया था, जिसके बाद इसराइली सेना ने ग़ाज़ा में जवाबी कार्रवाई शुरू की थी.