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ग़ाज़ा: उत्तरी हिस्से में ज़रूरतमन्द आबादी तक ‘खाद्य सहायता पहुँचाने की कोशिश नाकाम’

ग़ाज़ा में फ़रवरी महीने के दौरान मानवीय सहायता के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है.
© UNRWA
ग़ाज़ा में फ़रवरी महीने के दौरान मानवीय सहायता के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है.

ग़ाज़ा: उत्तरी हिस्से में ज़रूरतमन्द आबादी तक ‘खाद्य सहायता पहुँचाने की कोशिश नाकाम’

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) का कहना है कि उत्तरी ग़ाज़ा में हताश आबादी तक अति आवश्यक खाद्य सामग्री पहुँचाने के लिए मंगलवार को फिर से शुरू किए गए प्रयास मोटे तौर पर नाकाम साबित हुए हैं.

यूएन एजेंसी के अनुसार, 20 फ़रवरी के बाद पहली बार मंगलवार को उत्तरी ग़ाज़ा के लिए WFP की ओर से 14 ट्रकों का क़ाफ़िला रवाना किया गया था.

मगर, वादी ग़ाज़ा चेक प्वाइन्ट पर तीन घंटे तक इन्तज़ार करने के बाद, इसराइली सैन्य बलों ने उन्हें वापिस भेज दिया.

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यूएन खाद्य कार्यक्रम के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काउ ने कहा कि उत्तरी ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्दों लोगों तक खाद्य सामग्री पहुँचाना सम्भव नहीं हो पाया है, मगर WFP इसे जारी रखने के लिए हरसम्भव प्रयास करेगी.

इसराइली बलों द्वारा वापिस भेजे जाने के बाद क़ाफ़िले का रास्ता बदला गया और फिर हताश लोगों की विशाल भीड़ ने ट्रकों से 200 टन खाद्य सामग्री को लूट लिया.

सड़क मार्ग, एकमात्र विकल्प

WFP ने ज़ोर देकर कहा है कि उत्तरी ग़ाज़ा में अकाल को टालने के लिए बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री को भेजे जाने की आवश्यकता है, और यह सड़क मार्ग से ही सम्भव है.

इससे पहले, रॉयल जॉर्डेनियन वायु सेना की मदद से 20 हज़ार लोगों के लिए छह टन WFP खाद्य आपूर्ति को उत्तरी इलाक़े में गिराया गया था.

यूएन एजेंसी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि विमान से खाद्य सहायता पहुँचाना, अन्तिम विकल्प है और इससे अकाल को रोका नहीं जा सकता है.

“हमें उत्तरी ग़ाज़ा में प्रवेश द्वारा की ज़रूरत है, जिससे हमारे लिए पाँच लाख हताश लोगों तक पर्याप्त भोजन पहुँचाना सम्भव होगा.”

भूख का विनाशकारी स्तर

यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि उत्तरी ग़ाज़ा में भूख, विनाशकारी स्तर पर पहुँच गई है और बच्चों की भूख-सम्बन्धी बीमारियों से मौत हो रही हैं, कुपोषण गम्भीर स्तर पर है.

इसके मद्देनज़र, अधिक संख्या में प्रवेश द्वारों के साथ विशाल स्तर पर राहत अभियान की अहमियत को रेखांकित किया गया है, जिसके लिए युद्धविराम लागू किया जाना अहम होगा.

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता से जुड़े कार्य में लगे मानवतावादियों के अनुसार हालात बेहद कठिन हैं. 

बड़ी संख्या में विस्थापित लोगों ने सीमित दायरे में शरण ली हैं और आश्रय स्थलों पर भारी भीड़ है.

बताया गया है कि 340 लोगों के लिए औसतन केवल एक शौचालय है और 1,300 लोगों के लिए एक स्नानघर है, 80 फ़ीसदी से ज़्यादा घर-परिवारों में सुरक्षित व स्वच्छ जल की क़िल्लत है.