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अफ़ग़ानिस्तान संकट: सितम्बर के अन्त तक खाद्य भण्डार ख़त्म होने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में एक करोड़ 80 लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है.
© UNICEF Afghanistan
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में एक करोड़ 80 लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है.

अफ़ग़ानिस्तान संकट: सितम्बर के अन्त तक खाद्य भण्डार ख़त्म होने की आशंका

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को चेतावनी जारी की है कि अफ़ग़ानिस्तान में खाद्य भण्डार इसी महीने के अन्त तक समाप्त हो सकते हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से देश के लिये समर्थन बढ़ाने की पुकार लगाई है. 
 

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन के विशेष उप प्रतिनिधि और मानवीय राहत समन्वयक रमीज़ अलकबरोफ़ ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफ़ग़ानिस्तान में हरसम्भव मदद के लिये प्रतिबद्ध है. 

मगर, उन्होंने देश में लाखों ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिये वित्तीय संसाधनों की अहमियत को रेखांकित किया है.

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की आधी संख्या, गम्भीर कुपोषण से पीड़ित है. 

देश के एक-तिहाई नागरिकों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है.

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से जानकारी देते हुए विशेष उप प्रतिनिधि अलकबरोफ़ ने बताया कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि ज़रूरी सेवाओं को प्रदान करने के लिये आवश्यक क़दम उठाए जाएँ ताकि देश को मानवीय विनाश के गर्त में धँसने से रोका जा सके. 

इस क्रम में, उन्होंने भोजन, और स्वास्थ्य व संरक्षण सेवाओं के साथ अन्य ग़ैर-खाद्य आवश्यकताओं को पूरा किये जाने का आग्रह किया है.

कुछ ही दिन पहले, यूएन ने मज़ार-ए-शरीफ़ एयरपोर्ट पर चिकित्सा सामग्री की खेप भेजी है, जबकि पाकिस्तान सीमा के ज़रिये 600 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री ट्रकों में भेजा गया है. 

ये मई 2021 की तस्वीर है जब निर्बल समुदायों की मदद के लिये विश्व खाद्य कार्यक्रम के ट्रक रवाना हो रहे थे.
© WFP/Arete/Andrew Quilty
ये मई 2021 की तस्वीर है जब निर्बल समुदायों की मदद के लिये विश्व खाद्य कार्यक्रम के ट्रक रवाना हो रहे थे.

बच्चों पर मंडराता जोखिम

बताया गया है कि यूएन टीमें ज़रूरतमन्द समुदायों के लिये जल और साफ-सफ़ाई की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही हैं. साथ ही लोगों को संरक्षण सेवाएँ भी मुहैया कराई गई हैं, जिनमें काबुल हवाई अड्डे पर 800 बच्चे भी हैं. 

हालांकि, अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय राहत समन्वयक रमीज़ अलकबरोफ़ ने आगाह किया कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के पास खाद्य भण्डार सितम्बर महीने के अन्त तक ख़त्म हो सकते हैं. 

“मौजूदा माँग को पूरा करने के लिये, हमें सिर्फ़ खाद्य सामग्री के लिये कम से कम 20 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है, ताकि सबसे निर्बलों को भोजन प्रदान करने में हम सक्षम हो सकें.”

“और वे सबसे निर्बल, बच्चे हैं.”

सहायता मार्गों की सुलभता

उन्होंने कहा कि दो बड़े सदस्य देशों ने वित्तीय समर्थन प्रदान करने का संकेत दिया है, मगर यह फिर भी पर्याप्त नहीं होगा. 

“हमें वास्तव में, इन संसाधन जुटाने के संगठित प्रयासों के लिये, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की एक वृहद भागीदारी की आवश्यकता है.” 

बताया गया है कि संयुक्त राष्ट्र, आने वाले दिनों में अफ़ग़ानिस्तान के लिये जल्द ही एक अपील जारी करेगा.

मौजूदा घटनाक्रम से से पहले भी, देश में एक करोड़ 80 लाख – यानि देश की आधी आबादी – अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये राहत सामग्री पर निर्भर थी.

संयुक्त राष्ट्र अफ़़ग़ानिस्तान में विस्थापित परिवारों को ज़रूरी समर्थन मुहैया करा रहा है.
IOM/Mohammed Muse
संयुक्त राष्ट्र अफ़़ग़ानिस्तान में विस्थापित परिवारों को ज़रूरी समर्थन मुहैया करा रहा है.

इस वर्ष के शुरू में एक अरब 30 करोड़ डॉलर की अपील जारी की गई थी, लेकिन फ़िलहाल 40 करोड़ डॉलर का ही प्रबन्ध हो पाया है.

इस बीच, मानवीय राहत साझीदार संगठन, देश के अधिकाँश इलाक़ों तक पहुँच पाने में सक्षम हैं, और 403 ज़िलों में से 394 में काम कर रहे हैं.

लैंगिक समानता की ‘परीक्षा’

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तालेबान ने मानवीय राहत रास्तों को खुला रखने का भरोसा दिलाया है, मगर अलग-अलग प्रान्तों में विभिन्न मुद्दों की वजह से हालात अलग हैं. 

इनमें महिलाओं को कामकाज जारी रखने की अनुमति भी एक वजह है. 

कुछ स्थानों पर, तालिबान के प्रान्तीय प्रशासन ने महिला मानवीय राहतकर्मियों को स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में कामकाज पर लौटने की अनुमति प्रदान की है.

अन्य इलाक़ों में फ़िलहाल ऐसा नहीं हो पाया है.

विशेष उप प्रतिनिधि अलकबरोफ़ ने तालेबान से लैंगिक समानता व भागीदारी के सिद्धान्तों का सम्मान किये जाने का आग्रह किया है, ताकि महिलाएं काम पर लौट सकें और ज़रूरी सहायता प्रदान कर सकें. 

उन्होंने स्पष्ट किया है कि अफ़ग़ानिस्तान में यूएन कर्मचारियों की सुरक्षा एक सर्वोपरि प्राथमिकता है, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों के लिये, जिनमें से अधिकाँश अफ़ग़ान नागरिक हैं.