वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए $41.44 करोड़ की अपील

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA, लेबनान में भी फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए स्कूल संचालित करती है.
© UNICEF/Dalia Khamissy
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी - UNRWA, लेबनान में भी फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए स्कूल संचालित करती है.

सीरिया, जॉर्डन और लेबनान में, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए $41.44 करोड़ की अपील

मानवीय सहायता

एक तरफ़ ग़ाज़ा में युद्ध जारी है, इस बीच फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी – UNRWA ने दानताताओं से आग्रह किया है कि वो सीरिया में भी जारी युद्ध से प्रभावित फ़लस्तीनियों को भुलाएँ नहीं. UNRWA ने सीरिया में और वहाँ युद्ध के कारण पड़ोसी देशों लेबनान व जॉर्डन में पहुँचे फ़लस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए मंगलवार को, 41 करोड़ 44 लाख डॉलर की सहायता अपील जारी की है.

समर्थन जारी रखें

इस धनराशि का प्रयोग नक़दी की उपलब्धता बनाए रखने और खाद्य सहायता को भी जारी रखने के साथ-साथ, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, और तकनीकी व व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा.

UNRWA के कार्यक्रमों और साझेदारियों के लिए उप महाआयुक्त नताली बूकली ने, बेरूत में यह अपील जारी करते हुए कहा, “हमें 13 वर्षों से जारी सीरिया संकट से प्रभावित फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता जारी रखनी होगी.”

उन्होंने कहा, “निसन्देह, ग़ाज़ा में जारी भीषण हालात, हम सभी का अधिक ध्यान खींच रहे हैं, मगर दीगर प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय ज़रूरतों को नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता है.”

टकराव के असर को कम करना

UNRWA, सीरिया में फ़लस्तीनी शरणार्थियों पर, टकराव के भीषण प्रभावों को कम करने के लिए, लम्बे समय से मानवीय सहायता अभियान चलाती रही है. 

एजेंसी साथ ही, सीरिया में युद्ध के कारण लेबनान और जॉर्डन पहुँचे लाखों फ़लस्तीनी शरणार्थियों की बदतर होती सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों का सामना करने का अभियान भी लम्बे समय से चलाती रही है.

इस एजेंसी ने इन देशों में फ़लस्तीनी शरणार्थियों के साथ-साथ ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में भी, 75 वर्षों से राहत और सहायता कार्यक्रम चलाती रही है, जो मुख्य रूप से दान और परोपकारी संकल्पों पर आधारित हैं. एजेंसी का वार्षिक बजट लगग 80 करोड़ डॉलर है.

ज़रूरतों में बढ़ोत्तरी के बावजूद, सीरिया, लेबनान और जॉर्डन के लिए आपात अपील के जवाब में मिलने वाली रक़म में, हाल के वर्षो में कमी हुई है और वर्ष 2023 में यह कमी 27 प्रतिशत तक रही.

कुल धनराशि में भी कमी

UNRWA की उप महाआयुक्त नताली बूकली ने कहा कि एजेंसी की सम्पूर्ण धन स्थिति भी बहुत गम्भीर बनी हुई है, विशेष रूप में, छह महीने पहले ग़ाज़ा में युद्ध भड़कने से उत्पन्न हुई चुनौतियों के बीच.

उन्होंने कहा, “UNRWA, अपने मानवीय सहायता अभियान जारी रखने में, शीघ्र ही कठिनाइयों का सामना करेगी, और वो स्तर पहले ही न्यूनतम पर आ चुकी है.”

“फ़लस्तीनी शरणार्थी समुदाय चूँकि पूरे क्षेत्र में अपने वजूद के लिए बहुत विशाल चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे में, UNRWA की भूमिका और भी अधिक अहम हो गई है.”

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने जनवरी 2024 में आगाह किया था कि इसराइल के आरोपों के बाद, 16 देशों ने एजेंसी को लगभग 45 करोड़ डॉलर के बराबर दान योगदान स्थगित करने की घोषणा कर दी थी जिसके परिणामस्वरूप, एजेंसी की जीवनरक्षक कार्यक्रम ख़तरे में पड़ गए थे.

इसराइल ने आरोप लगाया था कि UNRWA के लगभग 10 कर्मचारी तथाकथित रूप से, 7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के हमले में शामिल थे.

आरोप और जाँच

संयुक्त राष्ट्र ने UNRWA के अभियानों का आकलन करने के एक स्वतंत्र समीक्षा पैनल नियुक्त किया था. उसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च आन्तरिक निगरानी सेवा (OIOS) ने भी UNRWA के कर्मचारियों के बारे में इसराइल द्वारा लगाए गए आरोपों की जाँच शुरू कर दी थी.

समीक्षा पैनल ने, मार्च में अपने आरम्भिक निष्कर्ष जारी किए जिनमें कहा गया कि UNRWA में तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए अनेक प्रणालियाँ और प्रक्रियाएँ मौजूद हैं. अलबत्ता कुछ क्षेत्रों में विशेष ध्यान की आवश्यकता है. इसकी पूर्ण रिपोर्ट अप्रैल के अन्त में जारी किए जाने की सम्भावना है.

UNRWA के लिए समर्थन

उस विवाद के बाद, कुछ देशों की सरकारों ने, UNRWA के लिए अपनी समर्थन बहाल कर दिया है. मसलन जर्मनी ने मार्च में, लगभग $4.87 करोड़ की रक़म, एजेंसी के जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और पश्चिमी तट इलाक़ों में चलाए जा रहे अभियानों के लिए दान करने की घोषणा की थी.

अन्य दान राशि में सऊदी अरब के सम्राट सलमान मानवीय सहायता और राहत केन्द्र (KSrelief) द्वारा $4 करोड़ का दान देने की घोषणा की थी, जिसका प्रयाग ग़ाज़ा में लगभग 20 हज़ार परिवारों को भोजन मुहैया कराने के लिए किया जाएगा.

दुनिया भर में करोड़ों मुसलमानों ने भी, रमदान के पवित्र महीने के दौरान UNRWA को दान दिया है. वर्ष 2023 में रमदान के दौरान मुसलमानों से मिलने वाले दान की राशि 47 लाख डॉलर थी.