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लेबनान में फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर में घातक झगड़े रोकने की अपील

लेबनान में फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर - आईन अल हिलवेह में एक बाज़ार का दृश्य.
© UNRWA/Mohamad Eyadeh
लेबनान में फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर - आईन अल हिलवेह में एक बाज़ार का दृश्य.

लेबनान में फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर में घातक झगड़े रोकने की अपील

प्रवासी और शरणार्थी

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी डोरॉथी क्लाउस ने गुरूवार को कहा है कि देश में सबसे बड़े फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर में चार दिनों की घातक हिंसा के दौरान, 13 लोगों की मौत हो गई है और 60 से अधिक घायल हुए हैं.

आईन अल हिलवेह शिविर में फ़लस्तीनी सशस्त्र गुटों के दरम्यान लड़ाई के कराण, हज़ारों लोगों को, अपने क्षतिग्रस्त हो चुके घरों को छोड़कर भागना पड़ा है.

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आईन अल हिलवेह शिविर, लेबनान में उन 12 शरणार्थी शिविरों में से एक है, जिनका संचालन फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी – UNRWA करती है. ये एजेंसी लगभग 50 हज़ार लोगों को सेवाएँ मुहैया कराती है.

लेबनान में UNRWA की निदेशक डोरॉथी क्लाउस ने बताया कि संघर्ष विराम की घोषणा के बावजूद, बुधवार रात को भी झड़पें जारी रहीं.

शैक्षणिक ठिकानों पर हमले

डोरॉथी क्लाउस ने कहा कि आईन अल हिलवेह शिविर के भीतर, UNRWA के स्कूल परिसर को लड़ाई के लिए प्रयोग किया गया. 

उस परिसर में शिक्षा वर्ष के दौरान 3 हज़ार 200 बच्चों को शिक्षा मुहैया कराई जाती है.

उन्होंने कहा, “हम शिविर के भीतर दाख़िल नहीं हो सके हैं और सहायता भी नहीं मुहैया करा सके हैं, जिसकी वहाँ बहुत ज़रूरत है.”

“UNRWA शिविर में लड़ाई तत्काल बन्द करने की पुकार लगाती है ताकि वहाँ आम लोगों को कुछ सहायता पहुँचाई जा सके...”

विस्थापित निवासियों को सहायता

आईन अल हिलवेह शिविर, लेबनान के तीसरे सबसे बड़े शहर सायदा के निकट स्थित है. 

इस लड़ाई के कारण इस शहर भी भी गतिविधियाँ ठप पड़ गई हैं क्योंकि गोलाबारी और तोपों से दागे जाने वाले गोले, व्यासायिक और आवासीय इलाक़ों में भी पहुँच रहे हैं.

आईन अल हिलवेह शिविर वर्ष 1948 में स्थापित किया गया था, और यहाँ रहने वाले ज़्यादातर वो लोग हैं जो फ़लस्तीन के तटीय क़स्बों से यहाँ पहुँचे थे.

डोरॉथी क्लाउस ने कहा कि UNRWA के 360 कर्मचारी भी इस शिविर में रहते हैं. 

एजेंसी के कुछ कर्मचारी भी इस लड़ाई में फँस गए हैं, एक कर्मचारी के घायल होने की ख़बरे हैं, कुछ कर्मचारी वहाँ से निकल भागे हैं. 

हालाँकि कुछ कर्मचारी ज़रूरतें पूरी करने के लिए अपना काम जारी रखे हुए हैं.

UNRWA और उसके साझीदार संगठनों ने, इस समय 600 विस्थापित लोगों को, एक अन्य शिविर में स्थित दो स्कूलों में और सायदा शहर में रखा गया है.

यूएन एजेंसी आईन अल हिलवेह शिविर के भीतर संचालित एक अस्पताल को ईंधन भी मुहैया करा रही है.

डोरॉथी क्लाउस ने, UNRWA के सभी स्कूलों और अन्य सुविधाओं का लगातार संरक्षण सुनिश्चित किए जाने की पुकार लगाई है, लड़ाई के दौरान भी.