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यूएन सहायता टीम पहुँची उत्तरी ग़ाज़ा में, लोग बीमारी व भूख से बेहाल

ग़ाज़ा में दो महिलाएँ एक क्षतिग्रस्त सड़क को पार कर रही हैं.
© UNICEF/Omar Al-Qattaa
ग़ाज़ा में दो महिलाएँ एक क्षतिग्रस्त सड़क को पार कर रही हैं.

यूएन सहायता टीम पहुँची उत्तरी ग़ाज़ा में, लोग बीमारी व भूख से बेहाल

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने ग़ाज़ा पट्टी में जारी बमबारी के बीच क्षोभ व्यक्त किया है कि उत्तरी हिस्से में स्थित एक अस्पताल में स्तब्ध कर देने वाले स्तर पर बीमारियाँ और भूख फैली हुई है. 

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के लिए यूएन के शीर्ष सहायता अधिकारी जेमी मैकगोल्डरिक गुरूवार को, बेइत लाहिया में कमाल अदवान अस्पताल पहुँचे, जहाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थित एक केन्द्र में गम्भीर भूख संकट से जूझ रहे बच्चों का उपचार किया जा रहा है.

यूएन मानवतावादी एजेंसी (UNOCHA) ने बताया कि “त्वरित उपचार के अभाव में, इन बच्चों पर मौत का जोखिम प्रबल है,” जिसके मद्देनज़र सभी पक्षों से युद्ध क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का सम्मान किए जाने की पुकार लगाई गई है.

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संगठन ने ज़ोर देकर कहा है कि आम नागरिक और अस्पतालों समेत बुनियादी ढाँचों की रक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.

कमाल अदवान अस्पताल में ईंधन और मेडिकल सामग्री की आपूर्ति की गई है, मगर सहायता बहुत कम मात्रा में प्राप्त हुई है. 

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने बताया है कि ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में जल्द से जल्द खाद्य सहायता पहुँचाई जानी ज़रूरी है ताकि अकाल को टाला जा सके. 

इस बीच, समाचार माध्यमों के अनुसार इसराइली सेना ने ग़ाज़ा सिटी के अल शिफ़ा अस्पताल पर छापेमारी की कार्रवाई लगातार पाँचवे दिन भी जारी रही.

अल शिफ़ा, ग़ाज़ा में सबसे बड़ा स्वास्थ्य केन्द्र है, जहाँ हाल ही में मामूली स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएँ बहाल की गई हैं.

इस अस्पताल के इर्दगिर्द लड़ाई के कारण मरीज़ों, चिकित्सा टीमों और उपचार व्यवस्था के लिए जोखिम पैदा हो गया था.

यूएन आपात सहायता कार्यालय का कहना है कि ग़ाज़ा, विशेष रूप से उत्तरी हिस्से में, आम फ़लस्तीनियों को स्तब्ध कर देने वाले स्तर पर बीमारियों और भूख से जूझना पड़ रहा है. 

“हम और मानवीय साझेदार संगठन नागरिक आबादी की विशाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयासों में जुटे हैं.”

सहायता मार्ग में अवरोध

यूएन आपात राहत एजेंसी का कहना है कि उत्तरी ग़ाज़ा तक पहुँचने के लिए रास्ता मिल पाना मुश्किल है और इस वजह में भोजन और मेडिकल सहायता प्रदान करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं. 

दक्षिणी ग़ाज़ा से उत्तरी ग़ाज़ा तक पहुँचने के लिए सहायता टीम को इसराइली सेना की जाँच चौकियों से होकर गुज़रना पड़ता है, जिसके ज़रिये ग़ाज़ा पट्टी को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है.

यूएन एजेंसी ने बताया कि हाल ही में उनकी मिशन टीम ने देखा कि 75-80 वर्ष के व्यक्ति धूल से सने हुए सड़क पर अकेले बैठे थे. यूएन टीम ने उन्हें उठाया, पानी पिलाया और कुछ दूरी तक उन्हें अन्य लोगों तक पहुँचाया.

संगठन ने सभी युद्धरत पक्षों से जान बचाने के लिए भाग रहे आम नागरिकों का सम्मान किए जाने का आग्रह किया है.

वहीं, UNOCHA टीम ने दोहराया है कि उनकी सहायता टीम को बार-बार काम करने से रोका जा रहा है, विशेष रूप से ग़ाज़ा पट्टी के उत्तरी हिस्से में. 

हिंसा और बमबारी निरन्तर जारी है, नागरिक व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, आम नागरिकों तक राहत पहुँचाने के मार्ग में बाधाएँ हैं, जिससे मानवतावादी अभियान पर असर पड़ रहा है. 

यूएन एजेंसी ने सचेत किया कि ग़ाज़ा पट्टी में हिंसक टकराव छठे महीने में प्रवेश कर रहा है, और यहाँ अकाल की आशंका प्रबल होती जा रही है, जिसके मद्देनज़र यहाँ जल्द से जल्द सहायता पहुँचाए जाने की ज़रूरत है.