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ग़ाज़ा युद्ध-ठहराव के मद्देनज़र, यूएन राहत टीमें मुस्तैद

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, नसर बस्ती में, एक महिला, इसराइली हमलों में हुई भीषण तबाही के मलबे के पास से गुज़रती हुई.
© UNICEF/Mohammad Ajjour
फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, नसर बस्ती में, एक महिला, इसराइली हमलों में हुई भीषण तबाही के मलबे के पास से गुज़रती हुई.

ग़ाज़ा युद्ध-ठहराव के मद्देनज़र, यूएन राहत टीमें मुस्तैद

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियाँ, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में युद्ध से भीषण विनाश के बीच, अवसर मिलने पर राहत सामग्री तेज़ी से पहुँचाने के लिए, भंडार एकत्र कर रही हैं, अलबत्ता, इसराइल और हमास के बीच, हुए युद्ध-ठहराव समझौते पर अमल में देरी से, सहायता प्रयासों अस्थाई रुकावट आई है.

ग़ौरतलब है कि ग़ाज़ा में युद्ध रोके जाने और 7 अक्टूबर को इसराइल में हमास के हमले के बाद बन्धक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए बुधवार को, इसराइल और हमास के बीच चार दिन का एक युद्ध-ठहराव समझौता हुआ था, जिसे गुरूवार को लागू होना था.

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मीडिया ख़बरों के अनुसार, गुरूवार को इस समझौते पर हो रही वार्ताओं में ऐसे संकत मिले हैं कि इस समझौते पर, शुक्रवार से पहले अमल होने के आसार नहीं हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की मुखिया सिंडी मैक्केन ने, बढ़ते भोजन अभाव के मद्देनज़र कहा है कि एजेंसी, सुरक्षित रास्ता व पहुँच मिलने पर, ग़ाज़ा के भीतर तेज़ी से राहत सामग्री पहुँचाने के लिए, अपनी सक्रियता व मुस्तैदी बढ़ा रही है.

यूएन आपदा राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़ित्स ने भी एक वक्तव्य में, पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, बढ़ी हुई मात्रा में सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए, अपनी तैयारी और मुस्तैदी बढ़ाई है.

सिंडी मैक्केन ने कहा है कि WFP के ट्रक, रफ़ाह चौकी पर प्रतीक्षा कगर रहे हैं, जिनमें पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, घरों व आश्रय स्थलों में रह रहे परिवारों की ख़ातिर राहत सामग्री भरी हुई है. इन ट्रकों में, बेकरियों को अपना कामकाज शुरू करने के लिए, गेहूँ आटा भी भरा हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम मानवीय रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र में, अब गेहूँ का आटा बाज़ारों में उपलब्ध नहीं बचा है, और ईंधन, पानी, आटा व ढाँचागत नुक़सान के कारण, कोई भी बेकरी काम नहीं कर रही है.

जीवन रेखा के लिए आशाएँ

मिस्र और ग़ाज़ा की सीमा पर स्थित रफ़ाह चौकी के ज़रिए, 21 अक्टूबर को सीमित सहायता आपूर्ति जारी की गई थी, और तब से, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने, खाद्य सहायता से भरे लगभग 73 ट्रक ग़ाज़ा में पहुँचाए हैं, मगर ये सहायता सामग्री, ज़रूरतों से बहुत कम है.

सिंडी मैक्केन ने आशा व्यक्त की है कि और अधिक ईंधन, ग़ाज़ा में पहुँचने की अनुमति दी जाएगी, ताकि हमारे ट्रक, अत्यधिक ज़रूरत वाली मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति कर सकें और वहाँ लोगों की जीवन-रेखा रोटी, लाखों लोगों एक बार फिर, हर दिन उपलब्ध हो सके.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत एजेंसी – UNOCHA ने बताया है कि इसराइल द्वारा गत सप्ताह अनुमति दिए जाने के बाद, बुधवार को, लगभग 75 हज़ार लीटर ईंधन, ग़ाज़ा में पहुँचाया गया है.

एजेंसी के मुखिया और यूएन आपदा राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, गत सप्ताह कहा था कि ग़ाज़ा में, ईंधन की दैनिक ज़रूरतें, लगभग दो लाख लीटर की हैं.

अस्पतालों से मरीज़ों की निकासी

यूएन एजेंसियों ने बताया है कि ग़ाज़ा के सबसे बड़े अल-शिफ़ा अस्पताल से, बुधवार को 190 मरीज़ों को, सुरक्षित स्थानों के लिए निकाला गया है, जिनमें घायल जन, मरीज़ व उनके साथी, और चिकित्साकर्मी शामिल हैं.

विभिन्न यूएन एजेंसयों और फ़लस्तीन रैड क्रैसेंट सोसायटी (PRCS) के इस मिशन में, इन लोगों को, ऐम्बुलैंसों में, ग़ाज़ा के दक्षिणी हिस्से में सुरक्षित स्थानों के लिए ले जाया गया है.

इस बीच, बुधवार ऐसा दिन रहा जब ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र से निकलकर दक्षिणी क्षेत्र के लिए जाने वाले लोगों की संख्या, सबसे कम देखी गई.

OCHA के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या में ये कमी, मानवीय युद्ध-ठहराव पर हुए समझौते से जागी उम्मीदों को देखते हुई है, हालाँकि उस समझौते पर अभी अमल शुरू होने की प्रतीक्षा है.

ग़ाज़ा के भीतर इस समय, क़रीब 17 लाख लोग विस्थापित हैं.