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ग़ाज़ा: ज़रूरतमन्दों के लिए सहायता मार्ग में रुकावटों का सिलसिला जारी

ग़ाज़ा पट्टी में एक छोटा बच्चा पानी से भरी कैन लेकर जा रहा है.
© UNRWA
ग़ाज़ा पट्टी में एक छोटा बच्चा पानी से भरी कैन लेकर जा रहा है.

ग़ाज़ा: ज़रूरतमन्दों के लिए सहायता मार्ग में रुकावटों का सिलसिला जारी

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी संगठन (UNOCHA) ने मंगलवार को क्षोभ जताया है कि उत्तरी ग़ाज़ा की ओर जाने वाले यूएन सहायता क़ाफ़िलों को अनुमति ना मिलने की सम्भावना, अन्य संगठनों के क़ाफ़िलों की तुलना में तीन गुना अधिक है.

आपात राहत मामलों के लिए यूएन कार्यालय के प्रवक्ता येन्स लार्क ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि इसराइल द्वारा इस सिलसिले में कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है.

“वे अक्सर इसे नकार देते हैं और बस यही है. ये बात वहीं ख़त्म हो जाती है. हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है.”

पिछले गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इसराइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू के बीच फोन पर बातचीत होने की ख़बरें सामने आईं थी, जिसमे इसराइल ने कथित तौर पर उत्तरी ग़ाज़ा के लिए ऐरेज़ सीमा चौकी को फिर से खोलने का संकल्प व्यक्त किया. 

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साथ ही, एशडोड के बन्दरगाह से उत्तरी ग़ाज़ा के लिए सहायता आपूर्ति को सम्भव बनाने की भी बात कही गई थी.

व्हाईट हाउस का कहना है कि आगामी दिनों में इस व्यवस्था पर नज़दीकी नज़र रखी जाएगी, मगर इसराइल ने फ़िलहाल इसकी शुरुआत के लिए कोई निश्चित दिन तय नहीं किया है. 

समाचार माध्यमों के अनुसार, ग़ाज़ा में मानवीय राहत पहुँचाने के लिए मार्गों में विस्तार लाने के लिए छूट अब भी मिलनी बाक़ी है.

येन्स लार्क से अन्य राहत मार्गों, विशेष रूप से ऐरेज़ चौकी को खोले जाने के विषय में भी सवाल पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि सोमवार रात्रि तक, OCHA को इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं मिली है.

सहायता प्रयासों में अवरोध

इस सप्ताह, यूएन कार्यालय ने एक रिपोर्ट जारी की है, जो दर्शाती है कि राहत काफ़िलों पर इसराइली पाबन्दियों और अनुमति नकारे जाने की वजह से, ज़रूरतमन्द आबादी तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के काम में मुश्किलें पेश आ रही हैं.

मार्च महीने के दौरान, यूएन के समन्वय में रवाना किए गए 50 फ़ीसदी से अधिक खाद्य सहायता मिशन को इसराइली प्रशासन द्वारा या तो अनुमति नहीं दी गई या फिर उनके रास्ते में बाधा खड़ी की गई. 

यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि ग़ाज़ा के लिए मानवीय सहायता समन्वय का दायित्व COGAT नामक इसराइली यूनिट के पास है, जिसके द्वारा सीमा पार भेजे जाने वाले ट्रकों की जाँच व गिनती की जाती है.

वहीं, OCHA द्वारा अपने भंडारण केन्द्रों पर पहुँचने वाले ट्रकों की गिनती की जाती है, और इन दोनों में यह अन्तर फ़िलहाल एक मुद्दा बताया गया है.

‘रोज़ाना गिनती का कोई अर्थ नहीं’

यूएन कार्यालय ने बताया कि COGAT द्वारा जाँचे जाने वाले ट्रक, अपनी क्षमता का केवल 50 फ़ीसदी ही सामान से लदे होते हैं, जोकि उसके नियम के अनुरूप ही है.

“और हम दूसरी तरफ़ अपने ट्रकों की गिनती तब करते हैं, जब उन्हें सामग्री द्वारा लाद दिया जाता है...वे पूरे भरे हुए होते हैं.” उनके अनुसार यह संख्या कभी भी एक जैसी नहीं होगी.

येन्स लार्क ने कहा कि हर दिन इनकी गिनती और संख्या की तुलना का कोई अर्थ नहीं है, चूँकि इसमें सीमा चौकी पर होने वाली देरी और भंडारण केन्द्रों तक उनके पहुँचने वाले समय का ख़याल नहीं रखा जाता.

इसराइल द्वारा थोपी गई पाबन्दियों में मिस्र के चालकों और ट्रकों पर पाबन्दी लगाई गई है कि वे फ़लस्तीनी चालकों व ट्रकों के साथ, एक समय पर एक जगह पर नहीं हो सकते हैं, जिसकी वजह से यह प्रक्रिया सहजता से पूरी नहीं हो पाती है.

उत्तरी ग़ाज़ा के लिए मार्ग

येन्स लार्क ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ाज़ा के भीतर मानवीय सहायता पहुँचाना, रास्ते में मिलने वाले अवरोधों और अनुमति नकारे जाने की वजह से एक और जटिल कार्य है.

उनके अनुसार, उत्तरी हिस्से में 70 प्रतिशत से अधिक लोग अकाल जैसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, और खाद्य सहायता क़ाफ़िलों को वहाँ रवाना किए जाने की ज़रूरत है.

मगर, अन्य राहत क़ाफ़िलों की तुलना में इन्हें नकारे जाने की सम्भावना तीन गुना अधिक हो सकती है.

यूएन कार्यालय प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि ग़ाज़ा के भीतर सहायता वितरण, सुरक्षा कारणों और क़ानून व्यवस्था के बदतर होने के कारण एक बड़ा मुद्दा है.

“लेकिन, हम यह ज़ोर देकर कहना चाहते हैं कि मानवीय सहायता मार्ग सुनिश्चित कराने के लिए युद्धरत पक्षों, विशेष रूप से ग़ाज़ा की क़ाबिज़ शक्ति के तौर पर इसराइल का दायित्व, केवल सीमा पर ही समाप्त नहीं हो जाता है.”