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मध्य पूर्व में भड़के तनाव में तुरन्त कमी लाए जाने की अपील

पश्चिमोत्तर सीरिया में बमबारी से प्रभावित बच्चों ने एक अस्थाई केन्द्र में शरण ली है.
© OCHA/Bilal Al Hammoud
पश्चिमोत्तर सीरिया में बमबारी से प्रभावित बच्चों ने एक अस्थाई केन्द्र में शरण ली है.

मध्य पूर्व में भड़के तनाव में तुरन्त कमी लाए जाने की अपील

शान्ति और सुरक्षा

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सचेत किया है कि मध्य पूर्व में हिंसक टकराव और सीरिया में जारी लड़ाई का स्थानीय आबादी पर विनाशकारी असर हो रहा है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने क्षेत्र में व्याप्त तनाव में तुरन्त कमी लाने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि यह टकराव हर साल बीतने के साथ और जटिल होता जा रहा है, और वृहद क्षेत्र को अपने दायरे में ले रहा है.

विशेष दूत के अनुसार, फ़िलहाल हर संकेतक बता रहा है कि हालात बद से बदतर हो रहे हैं और लम्बे समय तक यथास्थिति जारी नहीं रह सकती.

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इस महीने सीरिया में इसराइल द्वारा अनेक बार हवाई कार्रवाई किए जाने की ख़बरें हैं, जिनमें होम्स और दमिश्क के रिहायशी इलाक़ों को निशाना बनाया गया है, और नागरिक व सैन्यकर्मी हताहत हुए हैं.

अमेरिका ने भी जॉर्डन में अपनी सैन्य टुकड़ियों पर घातक ड्रोन हमलों के बाद, सीरिया और इराक़ में ऐसे ठिकानों पर कई जवाबी हमले किए, जिनके तार कथित रूप से ईरान से जुड़े हुए थे.

उन्होंने चिन्ता जताई कि सीरिया में हिंसक टकराव भी जारी है, जोकि नागरिकों के हताहत और विस्थापित होने की सबसे बड़ी वजह है.

फ़रवरी में उत्तरी सीरिया में अनेक मोर्चों पर सीरियाई सरकार के समर्थक बलों और चरमपंथी गुटों में ड्रोन हमले, गोलाबारी, रॉकेट हमले व झड़पें जारी थे.

आइसिल (दाएश) के हमलों में भी तेज़ी आ रही है, विशेष रूप से मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में. वहीं दक्षिणी सीरिया में अस्थिर हालात बने हुए हैं.

गेयर पैडरसन ने ज़ोर देकर कहा कि मध्य पूर्व में भड़के तनाव में तुरन्त कमी लाने की ज़रूरत है, जिसकी शुरुआत ग़ाज़ा में मानवीय आधार पर युद्धविराम के साथ की जानी होगी, और सीरिया में भी लड़ाई व तनाव पर विराम लगाना अहम है. 

उन्होंने आम नागरिकों और बुनियादी ढाँचे की रक्षा सुनिश्चित किए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद द्वारा चिन्हित गुटों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के दायरे में लड़ाई लड़ी जानी होगी.

संवैधानिक प्रक्रिया में अवरोध

गेयर पैडरसन ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को बताया कि सीरियाई संवैधानिक समिति में आए गतिरोध को दूर करने के लिए उनके प्रयास जारी हैं, जिसके तहत सरकार, विपक्ष और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच जिनीवा में कई दौर की बातचीत हुई है.

इस समिति की अन्तिम बैठक जून 2022 में हुई थी, मगर उसके बाद के सत्र नहीं हुए चूँकि कथित रूप से रूस का यह मानना है कि स्विट्ज़रलैंड इस वार्ता के लिए तटस्थ देश नहीं है और फिर सीरिया ने जिनीवा में बैठक में शामिल ना होने का निर्णय लिया.

विशेष दूत पैडरसन ने कहा कि संवैधानिक समिति की प्रक्रिया को बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के आगे बढ़ाने की ज़रूरत है. 

अन्य आयोजन स्थलों पर सहमति के प्रयासों के बावजूद, कोई अन्य विकल्प अभी सामने नहीं आया है, जिसके मद्देनज़र समिति की बैठक को अस्थाई रूप से जिनीवा में रखने की बात कही गई है.

उन्होंने अप्रैल महीने में 9वें दौर की बातचीत जिनीवा में रखने के लिए औपचारिक रूप से निमंत्रण जारी कर दिया है.

चिन्ताजनक मानवीय हालात

मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने भी सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया और पिछले साल आए भूकम्प के दीर्घकालिक असर और वृहद मानवीय स्थिति से अवगत कराया.

उन्होंने कहा कि सीरिया में 1.67 करोड़ लोगों, यानि देश की तीन-चौथाई आबादी को मानवय सहायता की आवश्यकता है, जोकि युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक की सबसे बड़ी संख्या है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सीरियाई सरकार के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र को तुर्कीये से लगी दो सीमा चौकियों के ज़रिये उत्तरी सीरिया में मदद पहुँचाने की अनुमति तीन महीनों, 13 मई तक, के लिए बढ़ा दी गई है.

सीरिया के लिए यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद को देश में मौजूदा चुनौतियों से अवगत कराया.
UN Photo/Loey Felipe

बताया गया है कि 2023 में, संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने पाँच हज़ार से अधिक ट्रकों के ज़रिये अति आवश्यक मदद को इन सीमा चौकियों के ज़रिये रवाना किया है.

इन मानवीय सहायता प्रयासों के परिणामस्वरूप हर महीने 25 लाख लोगों तक अति आवश्यक मदद पहुँचाई गई है. मगर, यूएन अवर महासचिव ने मानवीय सहायता धनराशि की कमी के प्रति आगाह किया है.

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सीरिया में मानवतावादी राहत योजना के तहत कुल प्रस्ताव धनराशि में से केवल 40 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया, जोकि हिंसक टकराव के शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे कम आँकड़ा है.