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एमएसएफ़ की चेतावनी: वीटो से ज़िन्दगियों की हानि

मैडिसिंस सैंस फ़्रंटियर्स - Doctors Without Borders के महासचिव क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने, ग़ाज़ा संकट के बारे में, सुरक्षा परिषद के सामने जानकारी रखी (22 फ़रवरी 2024).
UN Photo/Loey Felipe
मैडिसिंस सैंस फ़्रंटियर्स - Doctors Without Borders के महासचिव क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने, ग़ाज़ा संकट के बारे में, सुरक्षा परिषद के सामने जानकारी रखी (22 फ़रवरी 2024).

एमएसएफ़ की चेतावनी: वीटो से ज़िन्दगियों की हानि

मानवीय सहायता

मैडिसिंस सैंस फ्रंटियर्स (एमएसएफ़) यानि डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के महासचिव क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, इसराइल के भावी घातक हमलों पर भय व्यक्त किया है.

क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले, बिल्कुल स्पष्ट प्रस्तावों के पारित कराए जाने के प्रयासों में बाधा डालने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वीटो शक्ति के बार-बार उपयोग पर "भयभीत" हैं.

उन्होंने कहा, "हम रफ़ाह में इसराइल के ज़मीनी हमले के डर में जी रहे हैं."

क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने, अमेरिका के नए प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव को "भ्रामक" बताते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद को ऐसे किसी भी प्रस्ताव को अस्वीकार कर देना चाहिए "जो ज़मीन पर मानवीय सहायता प्रयासों को आगे बाधित करता हो और इस परिषद को ग़ाज़ा में जारी हिंसा और सामूहिक अत्याचारों का मौन समर्थन करने का रास्ता निकालता हो."

स्वास्थ्य सेवा पर लगातार हमले

क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने कहा, "स्वास्थ्य सेवा पर हमले मानवता पर चोट हैं." वैसे तो इसराइल का ये दावा है कि हमास अस्पतालों में से अपनी गतिविधियाँ चला रहा है, "मगर हमने इसका कोई स्वतंत्र रूप से सत्यापित सबूत नहीं देखा है."

उन्होंने कहा, “अभी 48 घंटे पहले, इसराइली गोलाबारी और गोलीबारी में, ख़ान यूनिस में एमएसएफ़ कर्मचारी और उनके परिजन मारे गए और घायल हुए. उस स्थान को एमएसफ़ के ध्वज से चिन्हित भी किया गया और युद्धरत पक्षों को उस स्थान की सूचना देने के बावजूद, कुछ लोगों को जलती हुई आग में धकेल दिया गया. इमारत में सक्रिय गोलीबारी से एम्बुलेंसों को उन लोगों तक पहुँचने में देरी हुई, जो कि इसराइली बलों द्वारा अस्पतालों पर छापा मारने, एमएसएफ़ वाहनों पर बुलडोज़र चलाने और उसके क़ाफ़िलों पर हमला करने का "बहुत परिचित" चलन बन गया है.

उन्होंने कहा, "हमलों का यह चलन या तो जानबूझकर है या लापरवाह अक्षमता का सूचक है." ग़ाज़ा में उनके सहयोगियों को डर है कि वह स्वय आज जिस तरह सुरक्षा परिषद से बात कर रहे हैं, उन्हें कल दंडित किया जाएगा.

 क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने कहा, "मानवीय सहायता को सक्षम करने के लिए जिन क़ानूनों और सिद्धान्तों पर हम सामूहिक रूप से निर्भर हैं, वे अब अर्थहीन हो गए हैं."

मानवीय सहायता कार्रवाई 'एक भ्रम' है

क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने कहा कि मानवीय सहायता कर्मियों की हत्याओं और अपंगता को देखते हुए, "आज ग़ाज़ा में मानवीय सहरायता कार्रवाई एक भ्रम मात्र है." 

उन्होंने कहा, सहायता प्रदान करने के प्रयास "अव्यवस्थित, अवसरवादी और पूरी तरह से अपर्याप्त हैं. हम ऐसे माहौल में जीवनरक्षक सहायता कैसे प्रदान कर सकते हैं जहाँ नागरिकों और लड़ाकों के बीच अन्तर की उपेक्षा की जाती है?" 

उन्होंने कहा कि उनकी टीमें थक गई हैं, "अधिक मानवीय सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग इस कक्ष में गूंज रही है, फिर भी ग़ाज़ा में हमारे पास हर दिन कम और अधिक कमी होती जा रही है - कम जगह, कम दवाएँ, कम भोजन, कम पानी, कम सुरक्षा."

उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर के बाद से, एमएसएफ़ को नौ स्वास्थ्य सुविधाओं को ख़ाली करने के लिए मजबूर किया गया है, और चिकित्सा टीमों ने अपनी शब्दावली में एक नया संक्षिप्त नाम जोड़ा है - "W.C.N.S.F, घायल बच्चा, कोई जीवित परिवार नहीं".

क्रिस्टोफ़र लॉकइयर ने, अमेरिका द्वारा एक नए मसौदा प्रस्ताव पर बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि ग़ाज़ावासियों को "बिल्कुल अभी युद्धविराम की आवश्यकता है, नाकि तब जबकि ये ‘व्यावहारिक' हो". 

"उन्हें एक टिकाऊ युद्धविराम की ज़रूरत है, ना कि 'शान्ति की अस्थाई अवधि' की. इससे कुछ भी कम होना घोर लापरवाही है.”