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ग़ाज़ा: रफ़ाह में इसराइल के सम्भावित हमले में 'भारी जीवन हानि' के विरुद्ध चेतावनी

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से बहुत से लोग, दक्षिणी इलाक़े - रफ़ाह में अस्थाई शिविरों में पनाह लिए हुए हैं.
© UNRWA
ग़ाज़ा में युद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से बहुत से लोग, दक्षिणी इलाक़े - रफ़ाह में अस्थाई शिविरों में पनाह लिए हुए हैं.

ग़ाज़ा: रफ़ाह में इसराइल के सम्भावित हमले में 'भारी जीवन हानि' के विरुद्ध चेतावनी

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, ग़ाज़ा रफ़ाह में सम्भावित इसराइली आक्रमण की ख़बरों के बीच, संयम बरते जाने की अपील की है उन्होंने, ग़ाज़ा युद्ध में और अधिक अत्याचार अपराधों को अंजाम दिए जाने के जोखिम के बारे में आगाह किया है.

यूएन एजेंसियों के अनुसार, ग़ाज़ा में युद्ध से बचने के लिए, लगभग 15 लाख लोग अब मिस्र की सीमा पर स्थित दक्षिणी शहर रफ़ाह में फँसे हुए हैं, और उनके पास, यहाँ से अन्यत्र जाने के लिए किसी जगह का विकल्प नहीं है.

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'भयानक' स्थिति

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि रफ़ाह में इराक़ का सम्भावित पूर्ण आक्रमण भयावह है क्योंकि, अगर ऐसा हुआ तो, बहुत अधिक संख्या में आम लोग मारे जाएंगे और घायल होंगे जिनमें अधिक संख्या बच्चों और महिलाओं की होगी. 

उन्होंने कहा, "आज, दुख की बात है कि ग़ाज़ा में अब तक हुए जनसंहार को देखते हुए, यह पूरी तरह से कल्पना की जा सकती है कि रफ़ाह में आगे क्या होगा."

सहायता वितरण जोखिम में

वोल्कर टर्क ने कह है कि बेहद घनी आबादी वाले इलाक़े रफ़ाह में, इसराइली आक्रमण होने का मतलब है कि ग़ाज़ा में इस समय दाख़िल हो रही "अल्प" मानवीय सहायता भी बन्द हो सकती है, जिसके बहुत गम्भीर नतीजे होंगे. इनमें ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में मौजूद लाखों लोग के सम्भावित नुक़सान भी शामिल हैं, जो भुखमरी और अकाल के गम्भीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं.

वोल्कर टर्क ने कहा, “मेरे कार्यालय ने युद्ध के क़ानूनों का उल्लंघन करने वाली कार्रवाइयों के ख़िलाफ़ बार-बार चेतावनी दी है. ''स्थिति के अनुसार रफ़ाह में इस तरह के सैन्य हमले की सम्भावना से और अधिक अत्याचारपूर्ण अपराध होने का ख़तरा है.''

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने इसराइल से अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा जारी क़ानूनी रूप से बाध्यकारी आदेशों और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून की पूरी सीमा का पालन करने का आग्रह किया.

'जवाबदेही सुनिश्चित हो'

संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत - ICJ ने, दक्षिण अफ़्रीका द्वारा दाख़िल किए गए एक मुक़दमे में, गत 26 जनवरी को निर्णय सुनाया था कि फ़लस्तीनियों को जनसंहार के कृत्यों से संरक्षण का अधिकार है, और इसराइल से ऐसे कार्यों को रोकने के लिए "अपनी शक्ति के भीतर सभी उपाय करने" और ग़ाज़ा में सहायता सामग्री के प्रवेश की अनुमति देने का आहवान किया था.

वोल्कर टर्क ने कहा है कि “जिन्होंने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अवहेलना की है, उन्हें नोटिस जारी गया है. जवाबदेही का पालन होना चाहिए.”

“दुनिया को ऐसा नहीं होने देना चाहिए. प्रभावशाली लोगों को सक्षम करने के बजाय, उन्हें रोका जाना चाहिए. तत्काल युद्धविराम हो. शेष सभी बन्धकों को तत्काल रिहा किया जाए. और एक राजनैतिक समाधान तक पहुँचने के लिए, नए सिरे से सामूहिक संकल्प लिया जाए.”