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मध्य पूर्व के लिए यूएन दूत का, ग़ाज़ा युद्धविराम की ज़रूरत पर ज़ोर

ग़ाज़ा युद्ध में, दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में हुई तबाही का एक दृश्य.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा युद्ध में, दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में हुई तबाही का एक दृश्य.

मध्य पूर्व के लिए यूएन दूत का, ग़ाज़ा युद्धविराम की ज़रूरत पर ज़ोर

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी टोर वैनेसलैंड ने बुधवार को यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा में युद्धविराम के महत्व को रेखांकित किया है.

टोर वैनेसलैंड इस बात पर चर्चा के लिए न्यूयॉर्क में हैं कि "इस संकट से बाहर निकलने का रास्ता कैसे तैयार किया जाए और हम इस कार्य को, ज़मीनी स्तर पर पक्षों के साथ कैसे कर सकते हैं".

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि "हम अच्छी तरह जानते हैं" कि राजनैतिक रूप से ऐसा होने में क्या बाधाएँ हैं, जिन्हें दूर किया जाना होगा.

कोई 'त्वरित समाधान' नहीं

टोर वैनेसलैंड ने कहा, “मैं देख सकता हूँ कि ऐसा होते देखने के लिए, मध्य पूर्व क्षेत्र में, योरोप में और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की क़तार लगी हुई है. मगर, यह कोई त्वरित समाधान नहीं है, यह आसान नहीं है और इसमें बहुत कठिन कूटनैतिक काम करना होगा.''

टोर वैनेसलैंड, मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक के रूप में, 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल में हमास के आतंकी हमलों और लगभग 250 लोगों को बन्धक बनाए जाने के बाद युद्ध शुरू होने के बाद से "कमोबेश स्थाई रूप से सचल व सक्रिय रहे हैं".

न्यूयॉर्क में रहते हुए, वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों - चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूतों से मुलाक़ात करेंगे

एक 'मानवीय बुरा सपना'

उन्होंने कहा कि, उद्देश्य "यह देखना है कि हम एक मानवीय दुःस्वप्न और पूरी तरह से विवादित पश्चिमी तट में जिस मानवीय संकट में फँसे हुए हैं, वहाँ से एक राजनैतिक समाधान के माध्यम से, एक अलग रास्ता किस तरह अपनाया जाए."

उन्होंने कहा कि इस बीच इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए अन्तरिम संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता समन्वयक, जेमी मैकगोल्ड्रिक, मानवीय युद्धविराम लागू होने की स्थिति में, सहायता वितरण के लिए प्रमुख प्राथमिकताएँ निर्धारित करने के प्रयासों में, इस समय ग़ाज़ा में मौजूद हैं.

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि निरन्तर जारी युद्ध ने, ज़रूरत वाले स्थानों पर प्रभावी ढंग से मानवीय सहायता मुहैया कराने के संयुक्त राष्ट्र के काम को असम्भव बना रखा है, "इसलिए युद्ध को तुरन्त रोकने की ज़रूरत है.

उन्होंने, मिस्र, क़तर और अमेरिका के कूटनैतिक प्रयासों की सराहना करते हुए, स्वीकार किया कि स्थाई युद्धविराम पर कोई सहमति होना "अविश्वसनीय रूप से कठिन होगा" और "यह कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता".

रफ़ाह में संकट

विशेष दूत टोर वैनेसलैंड की इस प्रैस वार्ता से कुछ देर पहले, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, सदस्य देशों को चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि मिस्र की सीमा के निकटवर्ती इलाक़े रफ़ाह में कोई भी इसराइली सैन्य कार्रवाई, ग़ाज़ा में "मानवीय आपदा" को बढ़ा देगी, जिसके "अनकहे क्षेत्रीय परिणाम होंगे". 

ग़ाज़ा में, मिस्र की सीमा के निकट इस दक्षिणी इलाक़े में इस समय लाखों फ़लस्तीनियों ने आश्रय लिया हुआ है.

टोर वैनेसलैंड ने ताज़ा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रफ़ाह, इस समय ग़ाज़ा में सहायता सामग्री की पहुँच के लिए एकमात्र प्रवेश मार्ग है. यह इस मानवीय "परिप्रेक्ष्य" को उजागर करता है.

इस बीच, राजनीतिक "पहलू" पर भी, इसराइल और मिस्र के बीच "सक्रिय व गहनता से" ध्यान दिया जा रहा है.

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, "ग़ाज़ा में उन लोगों से कहने के लिए शब्द ढूंढना कठिन है जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है".

उन्होंने आगे कहा कि किसी सुरक्षित स्थान पर बैठकर, ऐसे लोगों को आशा का सन्देश देना बहुत कठिन है, जो किसी ऐसे स्थान में मौजूद हों जहाँ के हालात नारकीय हैं”.

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, “परिवर्तन को गति देने वाले बिन्दुओं पर दबाव बढ़ाने” के लिए ज़ोर दिया.

उन्होंने साथ ही, एक ऐसे युद्धविराम की पुकार भी दोहराई जो, बन्धकों और फ़लस्तीनी क़ैदियों की अदला-बदली पर सहमति के परिणामस्वरूप लागू हो.