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ग़ाज़ा संकट: दो-राष्ट्र समाधान को ‘सदैव के लिए’ समर्थन का आग्रह

इसराइली हमले के दौरान, गाज़ा के उत्तरी इलाक़े से सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करते फ़लस्तीनी जन.
© UNRWA/Ashraf Amra
इसराइली हमले के दौरान, गाज़ा के उत्तरी इलाक़े से सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करते फ़लस्तीनी जन.

ग़ाज़ा संकट: दो-राष्ट्र समाधान को ‘सदैव के लिए’ समर्थन का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को कहा है कि ग़ाज़ा में निरन्तर जारी युद्ध ने, पहले ही क्षेत्रीय असुरक्षा को बढ़ा दिया है और यह स्थिति स्पष्ट प्रमाण है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, इस स्थाई संकट को "सदैव के लिए" हल करने की ख़ातिर, इसराइली क़ब्जे वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में, दो-राष्ट्र के समाधान के लिए अपने प्रभाव का प्रयोग करने की ज़रूरत है.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच पर बोलते हुए, 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले "बर्बर" हमलों की निंदा की, जिसमें दक्षिणी इसराइल में लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी गई थी और लगभग 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया था.

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उधर इसराइल की जारी भारी बमबारी में अभी तक 24 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. साथ ही संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने युद्ध के कारण विस्थापित हुए 19 लाख लोगों के बीच अकाल और बीमारी के बारे में बार-बार चेतावनी दी है. एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि ग़ाज़ा युद्ध के कारण, मध्य पूर्व में भी व्यापक क्षेत्र में संकट बढ़ रहा है.

टकराव पहले से ही बढ़ रहा है

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि इसराइल और लेबनान के बीच पूर्ण टकराव, "पूरी तरह से आपदा होगी", जहाँ इसराइल के साथ सीमा पर रॉकेट और हथियारों के आदान-प्रदान ने, पहले ही कई लोगों की जान ले ली है.

उन्होंने कहा कि किसी भी टकराव वृद्धि को "हर क़ीमत पर टालने की ज़रूरत है."जैसेकि यमन में लाल सागर में जहाज़ों पर हूथी लड़ाकों के हमलों ने दिखाया है कि ग़ाज़ा संकट को हल करने के लिए, आज तक के सभी प्रयास "पर्याप्त नहीं" रहे हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, "ग़ाज़ा में मानवीय स्थिति पर ध्यान दिया जाना महत्वपूर्ण है, मानवीय युद्धविराम होना बहुत महत्वपूर्ण है... लेकिन हमें इसराइल और फ़लस्तीन में दो-देश समाधान के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की एक बार और पूरी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जोकि सभी के लाभ के लिए एक स्थिर व शान्तिपूर्ण मध्य पूर्व का आधार है.”

प्रादेशिक अखंडता कुंजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने देशों की क्षेत्रीय अखंडता, विशेष रूप से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व के बारे में अपनी पिछली टिप्पणियों को दोहराते हुए कहा कि इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के लिए, सुरक्षा में एक साथ रहने का एकमात्र तरीक़ा यही है "उन दोनों के पास अपना एक देश हो".

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से लेकर सूडान और, हाल ही में, ग़ाज़ा तक, टकराव के पक्ष अन्तरराष्ट्रीय क़ानून की अनदेखी कर रहे हैं, जिनीवा सम्मेलनों को रौंद रहे हैं, और यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन कर रहे हैं.” 

उन्होंने कहा कि साथ ही ये भी कहा कि भूराजनैतिक विभाजन "लड़खड़ाती" वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गए हैं.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, विश्व नेताओं और निजी क्षेत्र से, सरकारी विश्वास और वैश्विक सहयोग का आधार बनने वाली संस्थाओं को और अधिक नुक़सान से बचाने की पुकार लगाते हुए, वित्तीय संस्थानों के सुधारों का समर्थन करने का आग्रह किया, ताकि “दुनिया को सुरक्षा, समृद्धि और शान्ति की पटरी पर वापस लाया जा सके”.

तापमान वृद्धि के लिए ज़िद्दी

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने आर्थिक अभिजात वर्ग से मुख़ातिब होते हुए कहा कि दुनिया की बहुत सी कमियाँ, "धनी व बड़े देशों और बाकीदुनिया" के बीच सम्पर्क के अभाव का परिणाम हैं. उन्होंने औद्योगिक देशों और भारी क़र्ज़ों का सामना कर रहे, उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बीच गम्भीर बातचीत की अपील भी की है. 

उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण के देश उच्च ब्याज़ दरों से इतने पंगु हो गए हैं कि वे अपने नागरिकों को भविष्य के झटकों से सुरक्षित करने में असमर्थ हैं, ऐसे में, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लागू करना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है. 

एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि बहुत सारे देश ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को बढ़ाने के लिए ज़िद्दी बने हुए नज़र आ रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक व्यापक दायरे वाले सम्बोधन में कहा, "जीवाश्म ईंधन उद्योग ने तेल और गैस के असीम प्रवाह को बनाए रखने के लिए बहु-करोड़ डॉलर के मूल्य वाली एक और मुहिम चलाई है, जिससे अभी तक की प्रगति पर असर पड़ेगा."

एआई लाभों की अभी ज़रूरत

यूएन प्रमुख ने, विशाल प्रौद्योगिकी कम्पनियों की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा उत्पन्न "गम्भीर अनपेक्षित परिणामों" के ख़िलाफ़ कार्रवाई का भी आग्रह किया, जिसके लिए - जलवायु परिवर्तन की तरह - "कोई प्रभावी वैश्विक रणनीति नहीं थी".

एंतोनियो गुटेरेश ने दावोस में मौजूद राजनैतिक हस्तियों से कहा, एआई तकनीक सतत विकास के लिए भारी सम्भावनाओं के दरवाज़े खोलती है, "मगर अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अभी चेतावनी दी है कि इससे असमानता बढ़ने की बहुत सम्भावना है".

उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि प्रौद्योगिकी कम्पनियों के लाभ की होड़ में शामिल होने से पहले, मानवाधिकारों और व्यक्तिगत गोपनीयता की विवेकहीन उपेक्षा होती है.

महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि 21वीं सदी की इन समस्याओं के साथ मिलकर, निरन्तर जारी भू-राजनैतिक विभाजन, हर जगह "सरकारों, संस्थानों और वित्तीय और आर्थिक प्रणालियों" में लोगों का विश्वास खो रहे हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि वैसे तो यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और मध्य पूर्व संकट, वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए गम्भीर नए ख़तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों को इस तरह से विभाजित कर दिया है जो वर्षों से नहीं देखा गया था. 

इस सन्दर्भ में उन्होंने ये आशा भी व्यक्त की कि वैशअविक सहयोग के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति सम्भव है.