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बांग्लादेश में मानवाधिकारों में ‘ख़तरनाक गिरावट’ के मद्देनज़र, सुधारों का आग्रह

बांग्लादेश की राजधानी ढाका का एक दृश्य.
© UNICEF/Zhantu Chakma
बांग्लादेश की राजधानी ढाका का एक दृश्य.

बांग्लादेश में मानवाधिकारों में ‘ख़तरनाक गिरावट’ के मद्देनज़र, सुधारों का आग्रह

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, बांग्लादेश सरकार से "दमनकारी प्रवृत्तियों" को उलटने और संवाद बहाल करने के लिए प्रमुख सुधार करने का आग्रह किया है.

मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त इन विशेषज्ञों की ये पुकार, इस महीने के शुरू में प्रधान मंत्री शेख़ हसीना की चुनावी जीत के बाद आई है, जिन्होंने चौथी बार सरकार बनाने के लिए जीत हासिल की है. हालाँकि मुख्य विपक्षी दल ने इन चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था.

शेख़ हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी ने हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच हुए चुनाव में 300 संसदीय सीटों में से, 223 पर जीत हासिल की है. इन प्रदर्शनों में विपक्षी पार्टी के कुछ सदस्यों सहित अनेक लोगों की मौत हो गई.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा है कि लगभग 25 हज़ार विपक्षी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, जबकि कुछ को प्रताड़ित किया गया और उन्हें इलाज से भी वंचित रखा गया. पत्रकारों और अन्य मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया गया.

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कुछ मतदाताओं पर कथित तौर पर, सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने मतदान करने के लिए दबाव डाला था और ऐसा करने में विफल रहने पर हिंसा और उनके सामाजिक सुरक्षा लाभों को खोने की धमकी दी गई थी.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि इन आरोपों की कोई स्वतंत्र जाँच नहीं हुई है.

चिन्ताजनक स्थिति

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा, "हम इन ख़बरों पर चिन्तित हैं कि नागरिक समाज, मानवाधिकार पैरोकारों, पत्रकारों और राजनैतिक कार्यकर्ताओं पर व्यापक हमले, उत्पीड़न और धमकी देने के मामले हुए हैं,जिन्होंने हाल के चुनावों को प्रभावित किया है."

उन्होंने बांग्लादेश सरकार को पत्र लिखकर, मानवाधिकार के हनन और उल्लंघन के बहुत से आरोपों की पूर्ण, त्वरित और स्वतंत्र जाँच कराए जाने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा, "हम सरकार से अपने नए कार्यकाल में मानवाधिकार सुधारों को प्राथमिकता देने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए, मौलिक स्वतंत्रता और राजनैतिक भागीदारी के स्वतंत्र और सुरक्षित प्रयोग के लिए, एक सक्षम माहौल बनाने का आग्रह करते हैं."

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसा करने से, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेशकों को भी आश्वासन मिलेगा और दुनिया को एक स्पष्ट सन्देश जाएगा कि देश की सरकार, अपने अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी दायित्वों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

कार्रवाई के बिन्दु

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने देश के अधिकारियों से बिना किसी आरोप के हिरासत में लिए गए, नागरिक समाज के सदस्यों और राजनैतिक कार्यकर्ताओं को तुरन्त और बिना शर्त रिहा करने, निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने और न्यायिक प्रणाली की अखंडता और स्वतंत्रता की गारंटी के लिए "पर्याप्त सुधार" लाने का आहवान किया.

उन्होंने अभिव्यक्ति और सभा करने व संगठन बनाने की स्वतंत्रता के साथ-साथ बहुलवादी, विविध और स्वतंत्र मीडिया के लिए सम्मान सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ

यह चिन्ता व्यक्त करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों में, शान्तिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता, न्यायाधीशों और वकीलों की स्वतंत्रता, मानवाधिकार रक्षकों और मत व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विशेष रैपोर्टेयर शामिल हैं.

विशेष पैरोकार और स्वतंत्र विशेषज्ञ, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और इसकी विशेष प्रक्रियाओं का हिस्सा बनते हैं.

उन्हें विशिष्ट विषयगत मुद्दों या देश की स्थितियों पर निगरानी और रिपोर्ट करने व स्वैच्छिक आधार पर काम करने का शासनादेश होता है. ये मानवाधिकार विशेषज्ञ अपनी व्यक्तिगत क्षमता में सेवा करते हैं; वो संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और उन्हें उनके इस काम के लिए, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.